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अक्तूबर में विस चुनाव हुए तो परिणाम कुछ अलग होगा

बोकारो प्रतिनिधि। लोकसभा चुनाव केबाद राज्य में विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट तेज होने लगीहै। अक्तूबर में विस चुनाव की घोषणा निर्वाचन आयोग करता हैतो राजनीतिक दलों के नेताओं के पास काफी कम समय बचपाएगा।...

अक्तूबर में विस चुनाव हुए तो परिणाम कुछ अलग होगा
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 01 Aug 2014 12:40 AM
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बोकारो प्रतिनिधि। लोकसभा चुनाव केबाद राज्य में विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट तेज होने लगीहै। अक्तूबर में विस चुनाव की घोषणा निर्वाचन आयोग करता हैतो राजनीतिक दलों के नेताओं के पास काफी कम समय बचपाएगा। जिसमें वह पूरे विस क्षेत्र का भ्रमण कर सकेंगे। ऐसे में वहीं राजनेता आम लोगों के बीच लोकप्रिय होगा, जो कईवर्षों से उनके बीच सक्रिय रहा है। जिले में चार विधानसभाक्षेत्र के अलावा एक प्रखंड गिरिडीह जिले के डुमरी विधानसभाक्षेत्र में आता है।

हाल में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव मेंगिरिडीह लोकसभा के परिणाम को लेकर भाजपा और झामुमो मेंटक्कर का माना जा रहा था, जिससें भाजपा की जीत हुई। जबकि, धनबादलोकसभा का परिणाम भाजपा के लिए ऐतिहासिक रहा।

अगर दोनों लोकसभा चुनाव के परिणाम पर गौर करेंगे, तो पाएंगे किछोटे और मझौले राजनीतिक दल का विधानसभा में खाता भी नहींखुल सकेगा। वर्तमान में बोकारो, चंदनकियारी, बेरमो, गोमियाऔर डुमरी विस से विधायक है। उसमें गोमिया, बेरमो, बोकारोऔर चंदनकियारी में वर्तमान विधायकों को कड़ी टक्कर कासामना करना पड़ेगा।

वहीं चुनाव में राजनीतिक दलों कागठबंधन हुआ तो वर्तमान विधायकों में एक-दो विधायक फिर सेचुनाव जीत सकते हैं। ऐसा नहीं होने पर हर दल चुनाव मेंप्रत्याशी उतारेगा और गेंद किसके पाले में होगा। यह स्पष्ट तौरसे कहा नहीं जा सकता है। लोकसभा परिणाम केअनुसार, गिरिडीह लोस में भाजपा को बेरमो विस में 76,420,गोमिया में 54,783, डुमरी मंे 40,934 वोट मिले हैं।

जबकि, कांग्रेस व जेएमएम गठबंधन के प्रत्याशी को बेरमो में 68,990,गोमिया में 58,025 और डुमरी में 84,306 वोट मिले। इससे स्पष्ट होचला है कि गोमिया के वर्तमान कांग्रेस विधायक माधवलालसिंह आने वाले विस चुनाव में जेएमएम और कांग्रेस के गठबंधन के प्रत्याशी होंगे तो उन्हें जीत के लिए कड़ी मशक्कतकरनी होगी।

आजसू के प्रत्याशी ने गोमिया में 25,207 वोट लाकरअपनी जोरदार उपस्थिति भी दर्ज कराई है। जो विस चुनाव कोप्रभावित कर सकता है। वहीं, देखना है कि इस बार भाजपाअपने पुराने दिग्गज नेता पूर्व विधायक छत्रुराम महतो कोमैदान में उतारती है या किसी दूसरे को।

क्योंकि छत्रुराम महतोने हर वक्त माधवलाल सिंह को कड़ा टक्कर 1985 से लेकर अब तकहुए सभी विस चुनाव में दिया है। लेकिन 2009 में हुए विसचुनाव में श्री महतो को भाजपा से टिकट नहीं मिल पाया थाऔर जेएमएम के टिकट पर चुनाव लड़कर 10 हजार वोट लाए थे।

जबकि, बेरमो विस में भाजपा को झामुमो के प्रत्याशी से 8हजार वोट अधिक मिले है। ऐसे मंे कांग्रेस के वर्तमानविधायक राजेंद्र सिंह के लिए 8 हजार के इस अंतर को पाटनामुश्किल होगा। झामुमो और कांग्रेस के संयुक्त प्रत्याशी सिंह हुए तो भाजपा के साथ उनकी सीधी टक्कर होगी। वैसे सिंह चुनावी गणित के काफी माहिर खिलाड़ी रहे हैं।

1985 से लेकर2000 तक लगातार चुनाव जीतने का उनके पास रिकार्ड रहा है,लेकिन बीच में योगेश्वर महतो बाटुल ने भाजपा के टिकट परचुनाव जीत कर उनके रिकार्ड को ब्रेक कर दिया था।

उसके बादफिर 2009 में श्री सिंह चुनाव जीते। इस बार जो वोट बेरमो विसमें भाजपा के पक्ष में आया है। यह लहर बरकरार कुछ माह तकरही तो भाजपा और कांग्रेस में यहां सीधी टक्कर होगी।

डुमरीसीट पर झामुमो विधायक जगरनाथ महतो को लोकसभा चुनावमें जो मत मिले हैं, उसके सामने कोई प्रत्याशी नहीं है। लेकिन उन्हें विस चुनाव में हर राजनीतिक दल वाले घेरने कीकोशिश करेंगे। अब बोकारो विस चुनाव में देखेंगे तो वर्तमानविधायक समरेश सिंह को हर राजनीतिक दलों के प्रत्याशीचौतरफा घेरेंगे।

इन्हें लोकसभा चुनाव में बोकारो में भाजपाके प्राप्त मतों का एक कोना भी नसीब नहीं हो सका है। जबकि,कांग्रेंस की स्थिति यहां काफी मजबूत हुई है। ऐसे में विधानसभा चुनाव में श्री सिंह को भाजपा और कांग्रेस से टक्कर मिलेगी। जबकि, चंदनकियारी विस चुनाव काफी अदभूत होगा।

वर्तमान विधायक उमाकांत रजक के आजसू पार्टी को लोकसभा चुनाव में कुल 9 हजार के आसपास वोट मिले हैं। वहीं, माससजो चंदनकियारी में विलुप्त होने के कगार पर थी, उसे 29 हजार वोट मिले हैं। जेवीएम को 36 हजार, भाजपा को 35 हजार और कांग्रेस को 20 हजार वोट मिले है। ऐसे में चंदनकियारी का विस का चुनाव काफी दिलचस्प होगा।

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