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Hindi Newsकलश यात्रा के साथ महा शिवपुराण कथा का शुभारम्भ

कलश यात्रा के साथ महा शिवपुराण कथा का शुभारम्भ

राया। हिन्दुस्तान संवाद गणेश बाग में स्थित मनकामेश्वरी देवी मंदिर पर महा शिवपुराण कथा का आयोजन कलश यात्रा के साथ प्रारम्भ हो गया। मनकामेश्वरी देवी मंदिर से कलश यात्रा प्रारम्भ हुयी। जो मथुरा रोड़,...

कलश यात्रा के साथ महा शिवपुराण कथा का शुभारम्भ
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 29 Jul 2014 10:51 PM
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राया। हिन्दुस्तान संवाद गणेश बाग में स्थित मनकामेश्वरी देवी मंदिर पर महा शिवपुराण कथा का आयोजन कलश यात्रा के साथ प्रारम्भ हो गया। मनकामेश्वरी देवी मंदिर से कलश यात्रा प्रारम्भ हुयी। जो मथुरा रोड़, कटरा बाजार, रेतिया बाजार, मांटरोड हाथरस रोड़ होती हुई मंदिर परिसर पर पहुंची। कार्यक्रम आयोजक कमलेन्द्र शर्मा ने बताया कि प्रतिदिन दोपहर दो बजे से सांय छह बजे तक महाशिवपुराण कथा का आयोजन होगा जिसमें प्रतिदिन सुरेश चन्द्र व्यास प्रवचन करेंगे। समस्त क्षेत्रीय जनता से कार्यक्रम में भाग लेकर सफल बनानें की अपील की है।

कलश यात्रा में मनकामेश्वरी देवी मंदिर महंत मनोज कुमार नागर, विनोद कुमार शर्मा, धर्मेन्द्र शर्मा, राघवेन्द्र शर्मा, सौरभ द्विवेदी, शंकरलाल, ललित मोहन गुप्ता, शंशाक द्विवेदी, हर्ष कुमार आदि प्रमुख लोग उपस्थित थे। सलाद से टमाटर हुआ गायब सुरीर। इस बार टमाटर ने पिछले सारे रिकार्ड तोड़ एक नया इतिहास रच दिया है। पहली बार टमाटर 80 रुपए किलो बिक रहा है। टमाटर की कीमत में बेतहाशा वृद्घि से सब्जी के साथ सलाद का स्वाद बिगड़ गया है। यही नहीं मध्यम और गरीब लोगों की थालियों से टमाटर गायब हो गया है।

कभी आलू 20 रुपये प्रति किलो तो कभी 25 रुपये तक में बिक रहा है। यही हाल कमोवेश प्याज का भी है। 25-30 रुपये प्रतिकिलो बिक रहा। जबकि टमाटर का हाल काफी बुरा है। यह कभी 70 रुपये तो कभी 80 रुपये पहुंच रहा। मुख्य बात है कि टमाटर को ज्यादा दिनों तक नहीं रखा जा सकता, लेकिन आलू व प्याज की जमाखोरी के कारण ही इसके भाव नीचे नहीं आ रहे है। बाजार के तजुर्बेकार कहते हैं कि यदि बड़े व्यापारियों के यहाँ जमाखोरी न होने पाए तो आलू-प्याज के दाम खुद-ब-खुद गिर जाएंगे।

टमाटर के दामों में बढ़ोत्तरी का एक मुख्य कारण जुलाई तक तेज धूप पड़ना भी बताया जा रहा है। जिसके कारण देशी टमाटर सूख गया। इसी कारण देशी टमाटर बाजार में न आने के कारण टमाटर की कीमत आसमान छू रही है। बाहर से आ रहे टमाटर की कीमत बढ़ने से गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों ने सब्जी में टमाटर का इस्तेमाल करना बंद कर दिया है। महंगाई के चलते लोग टमाटर की चटनी खाना ही भूल गए हैं।

पिछले साल बारिश में 25-30 रुपये किलो बिकने वाले टमाटर ने इस साल इतिहास रच दिया है, जबकि यही टमाटर जाड़ों में 5 से 10 रुपये किलो बिकता है। चेहरों पर छाई मायूसी नगला फोंदा निवासी श्रीचंद राघव का कहना है कि महंगाई ने गरीबों को सबसे अधिक रुलाया है। महंगाई के कारण उससे अब इस महंगाई में दाल, सब्जी रोटी खाना भी संभव नहीं है।

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