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रिकार्ड रूम में रखीं फाइलों का लेखा-जोखा नहीं

मुजफ्फरपुर। वरीय संवाददाता। एमआरडीए में चोरी की बाद अब विभागीय लापरवाही खुलकर सामने आ रही है। एक ओर नगर आयुक्त ये दावा कर रहे हैं कि एमआरडीए घोटाला से जुड़ीं फाइलें चोरी नहीं गईं हैं, दूसरी ओर...

रिकार्ड रूम में रखीं फाइलों का लेखा-जोखा नहीं
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 24 Jul 2014 12:30 AM
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मुजफ्फरपुर। वरीय संवाददाता। एमआरडीए में चोरी की बाद अब विभागीय लापरवाही खुलकर सामने आ रही है। एक ओर नगर आयुक्त ये दावा कर रहे हैं कि एमआरडीए घोटाला से जुड़ीं फाइलें चोरी नहीं गईं हैं, दूसरी ओर रिकार्ड रूम से कितनी और किन-किन मामलों से जुड़ी फाइलें चोरी हुईं इसका लेखा-जोखा उनके पास नहीं है।

एमआरडीए के रिकार्ड रूम प्रभारी रामकृत राम ने नगर आयुक्त को रिपोर्ट दी है कि रिकार्ड रूम में रखीं फाइलों की कोई सूची नहीं है। कर्मचारियों और शाखा प्रभारी अपनी मर्जी के मुताबिक जिन फाइलों को चाहते थे रिकार्ड रूम में जमा करा देते थे। उन फाइलों की एंट्री किसी रजिस्टर पर भी नहीं होता था। इसलिए यह बताना मुश्किल है कि कितने अहम कागजात की चोरी हो चुकी है। इस मुद्दे पर नगर आयुक्त सीता चौधरी ने बताया कि एमआरडीए घोटाले से जुड़ीं अधिकांश फाइलें सुरक्षित हैं।

इन फाइलों को पहले ही रिकार्ड रूम से हटाकर सुरक्षित स्थान पर रख दिया गया था। सुरक्षित बचीं फाइलों का अब अवलोकन किया जा रहा है कि क्या कोई फाइल इसमें कम तो नहीं है। नगर आयुक्त ने कहा कि रिकार्ड रूम में रखीं फाइलों की कोई सूची नहीं बनना बड़ी चूक है। इसके लिए संबंधित कर्मचारियों से जवाब तलब किया गया है। वैसे प्रारंभिक जांच में यह बात खुल गई है कि केवल नक्शों से जुड़े रिकार्ड ही गायब हुए हैं।

नौ जुलाई के बाद से नहीं खुला था रिकार्ड रूम : एमआरडीए में चोरी की आंतरिक छानबीन के क्रम में यह बात भी सामने आयी है कि बीते नौ जुलाई के बाद से रिकार्ड रूम को एमआरडीए कर्मियों ने खोला नहीं था। 22 जुलाई को चोरी होने के बाद रिकार्ड रूम खोला गया। इस दौरान रिकार्ड रूम के प्रभारी छुट्टी पर भी नहीं थे। सवाल यह है कि रिकार्ड रूम के प्रभारी रामकृत राम ने आखिर 14 दिनों तक कहां ड्यूटी की ? चोरी होने के बाद ही रिकार्ड रूम का खुलना खुद में एक सवाल है।

सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या 22 जुलाई को ही रिकार्ड रूम में चोरी हुई या इससे पहले ही सारे रिकार्ड गायब हुए।

एएनएम स्कूल के कर्मियों से पूछताछ में खुलेगा राज : एमआरडीए के रिकार्ड रूम में एक ट्रक से अधिक कागजात व दस्तावेज रखे थे। उन्हें एक ही रात में गायब किया गया या कई दिनों तक लगातार रिकार्ड रूम में चोरी होती रही। रिकार्ड रूम की जिस खिड़की को तोड़कर दस्तावेजों की चोरी की गई उसका निकास एएनएम स्कूल के अहाते की ओर है।

इस अहाते में कई स्वास्थ्य कर्मचारियों का आवास भी है। एमआरडीए सूत्रों ने बताया कि 22 जुलाई की रात में एनएम स्कूल की ओर किसी तरह की बड़ी गाड़ी नहीं आयी। क्योंकि स्कूल के अहाता कच्चा है। अगर ट्रक या भारी वाहन आता तो चक्के का दाग दिखता। इससे यह आशंका जतायी जा रही है कि एक दिन में ही सारे रिकार्ड की चोरी नहीं हुई। अगर नौ जुलाई के बाद और 22 जुलाई से पहले रिकार्ड रूम खुलता तो चोरी की जानकारी और पहले ही चल जाती, लेकिन सारा रिकार्ड चोरी होने के बाद ही रिकार्ड रूम को खोला गया।

शहर में मकानों की वैधता पर उठा सवाल : एमआरडीए के रिकार्ड रूम में चोरी के बाद शहर के हजारों मकानों की वैद्यता पर सवाल खड़े हो गये हैं। बीते 25 वर्षों के दौरान मकानों के निर्माण के पारित नक्शों के रिकार्ड की चोरी हुई है। अब अगर किसी मकान के बारे में सूचना दे पाने में नगर निगम लाचार हो गया है। मकान मालिक के द्वारा पेश नक्शे ही अब मान्य होंगे। मकानों के नक्शे का रिकार्ड चोरी होने से शहरवासियों में विवाद भी गहरायेगा।

विवाद और आपत्ति की स्थिति में नगर निगम अपने रिकार्ड के मुताबिक विवादों को सुलझा पाने में अक्षम हो गया है। नगर निगम में मकान के नक्शे से संबंधित अभी 250 मामले लंबित है। इनमें ज्यादातर ऐसे मामले हैं जिसमें एक पड़ोसी दूसरे के मकान पर नक्शा के विपरीत मकान बनाने का अरोप लगाकर वाद दायर कराये हैं। जिस पर नगर आयुक्त के कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इन वादों के निपटारे में अब मकान मालिक के द्वारा पेश किए गए नक्शे ही वैद्य माने जायेंगे।

नगर निगम प्रशासन अपनी ओर से किसी तरह का साक्ष्य पेश नहीं कर पायेगा। नाइटगार्ड को किया बर्खास्त : एमआरडीए के रिकार्ड रूम से चोरी के बाद गाज केवल नाइटगार्ड पर ही गिरी है। नगर आयुक्त ने एमआरडीए के मस्टर रोलकर्मी नाइटगार्ड को बर्खास्त कर दिया है। 25 वर्षों से नगर निगम में मस्टर रोल पर काम कर रहा नाइटगार्ड अब सड़क पर आ गया है। नगर आयुक्त ने बताया कि नाइटगार्ड की लापरवाही खुलकर सामने आ गई है क्योंकि इसके रहते हुए एमआरडीए में तीन बार चोरी हो गई।

एक बार वाहन की बैट्री चोरी हुई, दूसरी बार जेनरेटर का सामान चोरी गया और तीसरी बार रिकार्ड रूम में चोरी हुई। नाइटगार्ड को बर्खास्त करने के साथ नगर आयुक्त ने दो नए कर्मी को एमआरडीए की देख रेख के लिए प्रतिनियुक्त कर दिया है। मेयर ने कहा, चोरी बदनाम करने की साजिश चोरी की घटना के बाद बुधवार को मेयर वर्षा सिंह ने एमआरडीए का निरीक्षण किया। निरीक्षण और कर्मचारियों से पूछताछ के बाद मेयर ने कहा कि वर्ष 2011 से लेकर 25 वर्ष पुराने भवनों का नक्शा ही चोरी गया है।

इससे यह साबित हो रहा है कि किसी ने निगम प्रशासन को बदनाम करने के लिए इस घटना की साजिश रची है। चोरी गए कागजात किसी के कोई काम का नहीं है।

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