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पानी के बिल माफ न होने पर ग्रामीणों का प्रदर्शन

देहरादून, वरिष्ठ संवाददाता। सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में एक टोंटी वालों के बिल माफ किए जाने की घोषणा कर चुकी है, लेकिन इस घोषणा का लाभ न मिलने पर ग्रामीणों ने जल भवन पर विरोध जताया। तत्काल राहत न...

पानी के बिल माफ न होने पर ग्रामीणों का प्रदर्शन
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 23 Jul 2014 12:41 AM
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देहरादून, वरिष्ठ संवाददाता। सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में एक टोंटी वालों के बिल माफ किए जाने की घोषणा कर चुकी है, लेकिन इस घोषणा का लाभ न मिलने पर ग्रामीणों ने जल भवन पर विरोध जताया। तत्काल राहत न मिलने पर उन्होंने आंदोलन की चेतावनी भी दी। हरिपुर, नवादा, बद्रीपुर, नत्थनपुर क्षेत्रों के ग्रामीण मंगलवार को पूर्व जिला पंचायत सदस्य सुभाष भट्ट के नेतृत्व में जल भवन नेहरू कालोनी पहुंचे।

जहां ग्रामीणों ने कहा कि सरकार ने पानी के बिलों को माफ किए जाने की घोषणा की। जबकि हकीकत ये है कि अभी तक ग्रामीण क्षेत्रों में पुरानी तरह ही बिल आ रहे हैं। ग्रामीणों ने कहा कि लंबे समय से ग्रामीण क्षेत्रों के लिए पेयजल उपलब्ध कराने को लेकर कोई ठोस योजना नहीं बनी है। न तो पेयजल का उत्पादन ही बढ़ा और न ही भंडारण व्यवस्था मजबूत हो पाई। संचालन को लेकर भी पेयजल लाइनों की क्षमता नहीं बढ़ाई गई।

ऐसे में जब क्षेत्र में पानी ही नहीं आ रहा तो लोग बिलों का भुगतान क्यों करें। विरोध जताने वालों में सुभाष भट्ट, विमला क्षेत्री, जगदीश सिंह, बसंत जोशी, ब्रह्मानद मुन्डेपी, पातीराम मजेड़ा, हेमा बिष्ट, कांती गुसाईं, गुरुनानंद उनियाल आदि मौजूद रहे। कोठी वाले भी कर रहे बिल माफी की मांग ग्रामीण क्षेत्रों में पानी के बिल माफ किए जाने के मामले में मुख्य महाप्रबंधक डीडी डिमरी ने स्थिति साफ की। कहा कि लोग सरकार की घोषणा को समझ नहीं पा रहे हैं।

बिल माफ सिर्फ बीपीएल परिवार व एक टोंटी वाले घरों का ही किया गया है। जिन घरों में दो टोंटी हैं, उन्हें 50 प्रतिशत छूट दी गई है। यदि ग्रामीण क्षेत्र में कोई कोठी बनी है तो उसे बिल में किसी प्रकार की कोई रियायत नहीं दी गई है। ये है सरकारी व्यवस्था एक अप्रैल से ग्रामीण क्षेत्र की घरेलू आपूर्ति के तहत एक टोंटी वाले कनेक्शन को पूर्ण छूट और दो टोंटी वालों को 50 प्रतिशत छूट दी गई है।

शहर में घरेलू आपूर्ति में 360 रुपये वार्षिक मूल्यांकन वाले भवनों को पूर्ण छूट, 361 से 2000 रुपये वार्षिक मूल्यांकन तक 50 प्रतिशत छूट दी गई है।

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