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बाटम:::बी-टैक और एमबीए डिग्री लेकर पढ़ाएंगे कखगघ

मथुरा। गवर्नमेंट जाब में सिक्योरिटी की बात हो या फिर अपने ही शहर में अच्छे सैलरी पैकेज की ख्वाहिश। मकसद जो भी हो, एक बात तो तय है कि बेसिक शिक्षा के स्तर के सुधरने की गुंजाइश बढ़ गई है। आने वाली...

बाटम:::बी-टैक और एमबीए डिग्री लेकर पढ़ाएंगे कखगघ
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 21 Jul 2014 10:31 PM
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मथुरा। गवर्नमेंट जाब में सिक्योरिटी की बात हो या फिर अपने ही शहर में अच्छे सैलरी पैकेज की ख्वाहिश। मकसद जो भी हो, एक बात तो तय है कि बेसिक शिक्षा के स्तर के सुधरने की गुंजाइश बढ़ गई है। आने वाली पीढ़ी को बेसिक शिक्षा में क-ख-ग-घ के हटकर बहुत कुछ सीखने के अवसर मिलेंगे जो ज्ञान किताबों में नहीं होगा।

पांच घंटे ड्यूटी और सैलरी तीस हजार। अच्छे पे स्केल के साथ ही जाॠब की सिक्योरिटी तो फिर क्यों कोई प्राइवेट सैक्टर में दिन-रात नौकरी कर माथापच्ची करवाएगा। इससे तो बेहतर है कि बेसिक टीचर बनें और राहतभरी जिंदगी जिएं। शायद यह भी एक उद्देश्य होसकता है उन स्टूडेंट्स का जिनके पास डिग्री तो एम-टैक,बी-टैक और एमबीए की है और कक्षा एक से पांच तक के बच्चों को पढ़ाएंगे। एम-टैक, बी-टैक और एमबीए ही क्यूं, पीएचडी की डिग्री हासिल कर चुके स्टूडेंट्स भी प्राइमरी टीचर बनने के लिए बीटीसी कर रहे हैं।

वहीं, बीबीए कर चुके स्टूडेंट्स कीसंख्या भी बहुतायत में है। प्रोफेशनल्स कोर्सेज कर चुके स्टूडंेट्स के प्राइमरी टीचर बनने के बाद बेसिक शिक्षा में सुधार तो आ ही जाएगा। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में बीटीसी बैच 2012 और बैच 2013 में 200-200 प्रशिक्षु हैं। दोनों बैच में 400 प्रशिक्षु प्राइमरी टीचर बनने की ट्रेनिंग ले रहे हैं। इन 400 प्रशिक्षुओं में 50 प्रशिक्षु बी-टैक हैं। दस प्रशिक्षुओं ने एम-टैक की डिग्री ले रखी है। दस प्रशिक्षु एमबीए हैं और 50 प्रशिक्षु बीबीए और बीसीए कर चुके हैं।

इतना ही नहीं, दस प्रशिक्षु ऐसे भी हैं जिन्होंने पीएचडी और एलएलबी कर रखी है। जबकि एमए-बीएड कर चुके प्रशिक्षुओं की संख्या भी बहुत है। एम-टैक, बी-टैक और पीएचडी समेत विभिन्न प्रोफेशनल्स कोर्सेज कर चुके प्रशिक्षु सिर्फ डायट में ही बीटीसी नहीं कर रहे हैं बल्कि जनपद में करीब 28 प्राइवेट बीटीसी कालेजों में भी इनकी संख्या बहुतायत में है। इंसेट प्रोफेशनल्स डिग्री के बावजूद बीटीसी कर रहे प्रशिक्षु --प्राथमिक शिक्षक की 28 हजार रुपये से सैलरी शुरू है -गृह जनपद में ही तैनाती मिल जाती है और ट्रांसफर भी करा लेते हैं -नौकरी में कम वक्त देना पड़ता है और मानसिक उत्पीड़न भी नहीं है -नौकरी की गारंटी पूरी है, समय-समय पर वेतन में वृद्धि होती रहती है इंसेट प्रोफेशनल्स बच्चोंको पढ़ाया और अब... मथुरा।

डायट और प्राइवेट बीटीसी कालेजों में बीटीसी ट्रेनिंग कर रह ेप्रशिक्षुओं के पास न सिर्फ प्रोफेशनल्स डिग्रियां हैं बल्किअधिकांश प्रशिक्षु बीटीसी करने से पूर्व इंजीनियरिंग एवं मैनेजमेंट कालेजों में बीबीए, एमबीए और बी-टैक बच्चों को पढ़ा भी चुके हैं। प्रोफेशनल्स बच्चों को पढ़ाने वाले अब कक्षा एक से पांच तक के बच्चों को पढ़ाएंगे। इंसेट बेसिक शिक्षा केस्वरूप मंे आएगा बदलाव: डा. मुकेश मथुरा। जिलाशिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान डायट के प्राचार्य डा. मुकेश अग्रवाल ने बताया कि प्रोफेशनल्स डिग्री लेकर जो स्टूडेंट्स बीटीसी में आए हैं, उनमें योग्यता और क्षमता बहुत है।

स्टूडंेट्स की योग्यता और क्षमता का उपयोग किया जाए तो बेसिक शिक्षा के स्वरूप में बदलाव लाया जा सकता है। डायट में हाई मैरिट वाले प्रशिक्षु हैं जबकि प्राइवेट कालेजों में कम मैरिट वाले प्रोफेशनल्स डिग्री धारकों की संख्या बहुत हैं, इसमें भी बीबीए और बीसीए कर चुके स्टूडेंट्स ज्यादा हैं। बताया कि प्रशिक्षुओं की प्रतिभाएं और अधिक निखारने के लिए ही विभिन्न कार्यक्रम डायट पर कराए जाते हैं। जिससे कि उनकी प्रतिभा उभर कर आए।

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