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Hindi Newsतय था पी-आईसीयू का रूट, सीएम नहीं देख सके बदहाली

तय था पी-आईसीयू का रूट, सीएम नहीं देख सके बदहाली

मुजफ्फरपुर प्रमुख संवाददाता/विभेष त्रिवेदी। शहर में मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर लैंड करने की खबर आयी तो एसकेएमसीएच के अधीक्षक डॉ. जी. के. ठाकुर ने डॉ. अरविंद कुमार को हिदायत दी-एक पी-आईसीयू में...

तय था पी-आईसीयू का रूट, सीएम नहीं देख सके बदहाली
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 09 Jun 2014 12:17 AM
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मुजफ्फरपुर प्रमुख संवाददाता/विभेष त्रिवेदी। शहर में मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर लैंड करने की खबर आयी तो एसकेएमसीएच के अधीक्षक डॉ. जी. के. ठाकुर ने डॉ. अरविंद कुमार को हिदायत दी-एक पी-आईसीयू में विभागाध्यक्ष डॉ. ब्रज मोहन और दूसरे में आप खुद तैनात रहेंगे। मेन गेट से मुख्यमंत्री को पी-आईसीयू तक ले जाने के लिए निर्धारित रूट की व्यवस्था की जानकारी ली गई।

विभागीय अधिकारी ने सूचित किया-इंसेफलाइटिस पीड़ितों से मिलने के बाद मुख्यमंत्री डॉक्टरों से मिलेंगे। अधीक्षक के बगल में एक रविाल्विंग चेयर रखकर उस पर पीली तौलिया डाली गयी। अधीक्षक के कक्ष में मुख्यमंत्री की बैठक लायक जगह कम थी, लिहाजा कॉलेज में भी बैठक की तैयारी कर ली गई। राज्यसभा सांसद डॉ. अनिल सहनी से बातें करते हुए अधीक्षक ने अनुमान लगाया कि बैठक सर्किट हाउस में ही होगी। इसी बीच मोबाइल की घंटी बजी, सीएम प्रस्थान कर चुके हैं।

अधीक्षक ने डॉक्टरों से कहा-आप लोग अपने-अपने विभाग में चले जाइए। बड़े दिनों से बक्से में बंद एप्रॉन बिना आयरन के पहनकर आए डॉक्टर विभाग की ओर चल पड़े। ठीक 12.06 बजे मुख्यमंत्री की गाड़ी मेन गेट पर आकर रुकी। सांसद डॉ. सहनी के साथ अधीक्षक ने अगवानी की और सीएम को लेकर पहले से तय रूट से पी-आईसीयू की ओर बढ़े। एसकेएमसीएच में मीडिया को अलग रखामुख्यमंत्री अचानक रुके और पीछे मुड़कर पूछा- रामधनी बाबू कहां हैं। पहले रमई राम और फिर स्वास्थ्य मंत्री रामधनी सिंह करीब आए।

सीएम को परंपरागत रास्ते की बजाए, आंख-कान विभाग की ओर से ले जाया गया। मीडिया से वास्ता रखने वाले अधिकारी ने पत्रकारों के कान में कहा-पहली यात्रा है, आपलोग कोई ऐसा-वैसा सवाल नहीं कीजिएगा। मुख्यमंत्री सीढ़ी से ऊपर चढ़ने लगे तो एक अधिकारी ने पीछे मुड़कर पुलिस को आदेश दिया-इधर मीडिया को नहीं आने देना है। आदेश पर अमल हो गया। बरामदे में फर्श पर पड़े रोगियों के बीच से गुजरते हुए मुख्यमंत्री पी-आईसीयू पहुंचे। आगे-आगे वहां तक पहुंच चुके फोटाग्राफरों को बाहर रोक लिया गया।

मुख्यमंत्री को मल-मूत्र की बदबू और बदहाल वार्डो से अलग रखते हुए पी-आईसीयू में प्रवेश कराने के बाद अधिकारियों ने राहत की सांस ली। मुख्यमंत्री ने कारण पूछा, बताया गया प्रोटोकॉलमुख्यमंत्री बारी-बारी से प्रत्येक बेड पर गए। पूर्वी चंपारण के मधुबन के नवल राम की बेटी अंजलि, तरनिया के मो. कादिर के पुत्र महताब बाबू, फेनहारा के रामप्रवेश के पुत्र आकाश, वशि्वनाथ पासवान के बेटे रंजन व तरियानी शवहिर के मुबारक खान के पुत्र सलमान खान की हालत देखी। बच्चों के मां-बाप से जानकारी ली-कब और कैसे बीमार पड़ा? यहां कब भर्ती कराया? दवा मिलती है या बाहर से कुछ खरीदनी पड़ती है? ढोली मुरलिया चौक की कुंती देवी ने बताया कि कभी-कभी बाहर भी खाना खाती है।

उसके बाद डॉक्टरों की बारी थी। मुख्यमंत्री ने पूछा-बीमारी का कारण क्या है? अमेरिका से शोध के लिए पहुंचे अटलांटा के डॉ. जेम्स सविियर ने बताया कि यह किसी वायरस से होती है। वायरस की पहचान नहीं हुई है। एनसीडीसी के डॉक्टर ने बताया कि इलाज के लिए जो प्रोटोकॉल तय है, उसी के आधार पर इलाज चल रहा है और उससे बच्चों को लाभ भी मिल रहा है। एक पी-आईसीयू से निकलकर मुख्यमंत्री दो वार्डो के सामने से गुजरते हुए दूसरे पी-आईसीयू में पहुंचे।

फर्श पर रोगी को देखकर खिन्न हुएवार्डो में भर्ती रोगियों के परिजनों को उम्मीद थी कि पी-आईसीयू से निकलने के बाद मुख्यमंत्री को उनके वार्ड में भी लाया जाएगा। अगल-बगल के वार्डो में सुबह-सुबह कुछ सफाई भी करा ली गई थी। करीब 15 मिनटों में दोनों आईसीयू के रोगियों से मिलकर मुख्यमंत्री ने वहीं पर डॉक्टरों से बातचीत भी कर ली। मुख्यमंत्री को लेकर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी तेजी से नीचे की ओर बढ़े तो रोगियों के परिजन निराश हो गए।

नीचे मेन गेट के करीब आकर मुख्यमंत्री एक बार फिर अंदर की ओर मुड़े। वे सीधे चाइल्ड वार्ड में पहुंचे। बच्चों के परिजनों से बात की। फर्श पर इलाज करा रहे रोगियों को देख मुख्यमंत्री ने खिन्न होकर अधीक्षक से नाराजगी जतायी। करीब आधे घंटे में इंसेफलाइटिस पीड़ितों के इलाज का जायजा लेकर मुख्यमंत्री 3.40 में केजरीवाल अस्पताल के लिए प्रस्थान कर गए।

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