हवाईअड्डे पर संदिग्ध वस्तु छूटने पर बजेगा अलार्म
नई दिल्ली विवेक तिवारी इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे सहित देश के कुछ बड़े हवाई अड्डों पर जल्द ही सुरक्षा को और पुख्ता किया जाएगा। यदि कोई व्यक्ति हवाईअड्डे के अंदर संदिग्ध वस्तु छोड कर जाने की...
नई दिल्ली विवेक तिवारी इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे सहित देश के कुछ बड़े हवाई अड्डों पर जल्द ही सुरक्षा को और पुख्ता किया जाएगा। यदि कोई व्यक्ति हवाईअड्डे के अंदर संदिग्ध वस्तु छोड कर जाने की कोशशि करता है तो सीआईएसएफ (केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल) के कंट्रोल रूम में एलार्म बजने लगेगा। मिनटों में यात्रियों को सतर्क कर दिया जाएगा व यह वस्तु किसी प्रकार का बम है या नहीं इसकी जांच कर ली जाएगी। पश्चिमी देशों के कुछ चुनिंदा हवाईअड्डों पर यह तकनीक लगाई गई है।
हवाईअड्डे की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार सीआईएसएफ हवाईअड्डे पर विडियो मोशन डिटेक्शन एनलिटिकल तकनीक का प्रयोग करने जा रही है। यह एक खास तरह की तकनीक है जो वस्तुओं की गतविधि के आधार पर सूचनाएं एकत्र कर उसका आंकलन करती है। इस तकनीक के माध्यम से सीसीटीवी के जरिए वस्तुओं व लोगों की गतिविधियों पर नजर रखी जाती है। यदि किसी वस्तु या व्यक्ति की गतविधि संदेहास्पद लगती है तो इस तकनीक के तहत लगाए गए उपकरण सुरक्षा कर्मियों को एलार्म के जरिए सतर्क कर देता है।
यदि कोई व्यक्ति कोई वस्तु को छोड़ कर जाना चाहता है और वस्तु में कुछ मिनटों तक कोई गतविधि नहीं होती है तो तत्काल हवाईअड्डे पर सीआईएसएफ के कंट्रोल रूम में एलार्म बजने लगता है। यहां से सुरक्षा कर्मी संदिग्ध वस्तु के बारे में यात्रियों को चेतावनी देने के साथ ही मिनटों में कुत्तों व अन्य तकनीकी माध्यमों से उस वस्तु की जांच कर लेते हैं। पुख्ता सुरक्षा के साथ यात्रियों की भी होगी सहूलियत सीआईएसएफ के प्रमुख अरविंद रंजन ने बताया कि हवाईअड्डे की सुरक्षा को अभेद्य बनाने के लिए जल्द ही कुछ और आधुनिक गैजेट्स का प्रयोग किया जाएगा।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रयोग किए जाने वाले गैजेट्स व स्कैनरों के जरिए यात्रियों की सुरक्षा जांच उन्हें बिना किसी तरह की परेशानी हुए मिनटों मे की जा सकेगी। यात्रियों को यात्रा के दौरान सुरक्षा का पूरा भरोसा दिलाया जा सके इसके लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि हवाईअड्डे पर सीआईएसएफ के जवान राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के कमांडो की टीमों के साथ बड़ी संख्या में मॉक ड्रिल कर रहे हैं ताकि विमानों की हाइजैकिंग या किसी प्रकार की आतंकी गतविधि की दौरान मिनटों में स्थितियों पर नियंत्रण पाया जा सके।