वही अजमेर जाते हैं जिन्हें ख्वाजा बुलाते हैं
फरधान-खीरी। ख्वाजा मुइनुद्दीन चशि्ती के सालाना उर्स मुबारक के अवसर पर कस्बे के नददवलपुर्वा मदरसे में एक जलसे का आयोजन किया गया। इसमें दूर-दूर से आए हुए उलेमा ए दीन ने अपनी अपनी तकरीर के माध्यम से...
फरधान-खीरी। ख्वाजा मुइनुद्दीन चशि्ती के सालाना उर्स मुबारक के अवसर पर कस्बे के नददवलपुर्वा मदरसे में एक जलसे का आयोजन किया गया। इसमें दूर-दूर से आए हुए उलेमा ए दीन ने अपनी अपनी तकरीर के माध्यम से ख्वाजा साहब के जीवन पर रोशनी डाली और इस्लामी लोगों को उनके नक्शे कदम पर चलने की सलाह दी। जलसे की शुरुआत बाद नमाजे इसा कुरआन ए करीम की तिलावत के साथ मौलाना उमर रजा ने की। जश्ने गरीब नवाज के इस मुकद्दस मौके पर मौलाना सूफी मु्फ्ती आशिकुल कादरी ने ख्वाजा गरीब नवाज के बारे में बताया।
कहा कि अल्लाह और उसके वलियों के बताए हुए रास्ते पर चलता है,उसको किसी दूसरे के सामने अपना हाथ फैलाना नहीं पड़ता है। दुनिया भर से लोग अजमेर शरीफ जाकर ख्वाजा साहब की दरगाह पर मुरादें मागते हैं। उनकी शान को कुछ इस तरह बयां किया- इरादे लाख करते हैं मगर सब टूट जाते हैं, वही अजमेर जाते हैं जिन्हें ख्वाजा बुलाते हैं। इस अवसर पर शायरे इस्लाम मौलाना इकबाल रजा बरेलवी ने अपनी शायरों के माध्यम से ख्वाजा साहब की फजीलत बयां की।
इस अवसर पर मौलाना आसिफ रजा, मौलाना सलमान रजा, ताहिर रजा, मौलाना अब्दुल मोईद रजा आदि ने भी अपनी तकरीरें व नातिया कलाम पेश किए। रात भर महफिल में दरूदो सलाम व नारे तक्बीर की सदाएं बुलंद होती रहीं। जलसे की निजामत हजरत मौलाना सलमान रजा ने की। जलसे का आयोजन सदर जबर अली बरकाती के नेतृत्व में मदरसा कमीटी द्वारा किया गया था।