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भारतीय खाद्य निगम पहुंचे तिवारी

देहरादून। हमारे संवाददाता पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी नेशविला रोड स्थित भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) की खस्ताहाल बिल्डिंग को देखकर वफिर गए। कारण पूछने पर अधिकारियों से मिले ढुलमुल जवाब पर वह...

भारतीय खाद्य निगम पहुंचे तिवारी
Fri, 12 Oct 2012 11:28 PM
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पटना। अमिता ठाकुर। महंगाई से अछूती नहीं रही मां दूर्गा भी। दूर्गा पूजा यानि माता की भक्ति का दस दिन। हर तबके के लोग अपनी हैसियत के हिसाब से पूरी श्रद्धा-भाव से इन दस दिनों में पूजा-अर्चना करते हैं। पर मंहगाई का सबसे ज्यादा असर पूजा समितियों पर देखने को मिल रहा है। इसके बावजूद भी आयोजन समिति वालों की कोशशि होती है कि उनके द्वारा आयोजित की गई पूजा की पूरे शहर में चर्चा हो।

कुछ अलग हो। पर आसमान छूती महंगाई ने आयोजकों के पसीने छुड़ा दिए है। पिछले साल की तुलना में डेढ़ गुना महंगी हो चुकी सामानों के दाम आयोजकों के बजट से बाहर की बात हो रही है। मूर्तिकार पिछले साल की अपेक्षा ज्यादा पैसे की मांग कर रहे हैं। वहीं सजावटी सामानों के दाम भी आसमान छू रहे हैं। आयोजकों का कहना है कि माता की मूर्ति बैठाना वर्षो से चली आ रही परंपरा होने की वजह से हम इसे छोड़ नहीं सकते हैं।

दिनोंदिन बढ़ रही मंहगाई हमारे आम जीवन को भी प्रभावित कर रही है। पर्व-त्योहार के मौके पर मंहगाई का और ज्यादा असर देखने को मिलता है। हमारी समिति द्वारा हर साल कोलकाता से मूर्तिकार बुलाए जाते हैं। पिछले साल मूर्तिकारों ने जहां साठ हजार रुपए लिए थे वहीं इस बार उन्होंने सत्तर हजार रुपए की मांग की है। पंडाल बनाने वालों का मेहनताना भी आसमान छू रहा है। पिछली बार हमारे पंडाल का कुल खर्च जहां अस्सी हजार रुपए तक गया था वहीं इस बार एक लाख दस हजार लग रहा है।

श्रद्धा-भाव की पूजा होने की वजह से हम महंगाई के कारण भी क ोई कटौती नहीं करते है। संजीव प्रसाद टोनी,अध्यक्ष, श्री श्री नवयुवक संघ पूजा समितिइस बार पिछले साल की तुलना में अधिक खर्च होने की संभावना है। पिछले साल जहां मूर्तिकार ने तीस हजार रुपए लिए थे वहीं इस बार पैंतालीस हजार रुपए की मांग कर रहे है। वहीं पंडाल बनाने वाले कारीगरों ने जहां पिछले वर्ष 25 हजार रुपए की मांग की थी वहीं महंगाई की वजह से इस बार 50 हजार रुपए की मांग कर रहे है।

हमारी समिति की ओर से 55 वर्षों से लगातार माता की मूर्ति स्थापित कर रहे हैं। इसी परंपरा को कायम रखते हुए हम इतनी महंगाई में भी मूर्ति स्थापित करते हैं। विक्रम कुमार विक्की,सचवि,शवि मंदिर पूजा समितिआये दिन महंगाई बढ़ रही है। ऐसे में भव्य तरीके से दुर्गा पूजा का आयोजन करना काफी मुश्किल होता जा रहा है। पर वर्षो से चली आ रही परंपरा को रोक भी नहीं सकते हैं। मूर्तिकार से ले कर पंडाल वाले सभी मनमाना दाम मांग रहे है।

पिछली बार जहां मूर्ति बनाने वाले कारगिर तीस हजार रुपए पर लाए गए थे वहीं इस बार 45 हजार रुपए की मांग कर रहे हैं। पंडाल बनाने का खर्च भी लगभग डेढ़गुना अधिक हो गया है। पिछली बार कारगिरों ने 45 हजार रुपए लिए थे वहीं इस बार साठ हजार रुपए मांग रहे हैं। इस बार कुल खर्च दो लाख रुपए होने की संभावना है। जबकि पिछले साल डेढ़ लाख रुपए खर्च हुए थे। विशाल यादव,अध्यक्ष,मगध स्पोर्टिग क्लब,गौडिम्या टोलीं।

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