फोटो गैलरी

Hindi Newsताकि गरीबों को भी मिले काशी में मुखाग्नि

ताकि गरीबों को भी मिले काशी में मुखाग्नि

वरिष्ठ संवाददाता वाराणसी। श्मशान घाट पर दाहसंस्कार के लिए महंगी लकड़ी खरीदने से जल्द ही निजात मिलेगी। हरिश्चन्द्र घाट पर विद्युत शवदाह गृह फिर चालू होने वाला है। शवदाह गृह का जीर्णोद्धार निजी एजेंसी...

ताकि गरीबों को भी मिले काशी में मुखाग्नि
Sun, 09 Oct 2011 12:29 AM
ऐप पर पढ़ें

वरिष्ठ संवाददाता वाराणसी। श्मशान घाट पर दाहसंस्कार के लिए महंगी लकड़ी खरीदने से जल्द ही निजात मिलेगी। हरिश्चन्द्र घाट पर विद्युत शवदाह गृह फिर चालू होने वाला है। शवदाह गृह का जीर्णोद्धार निजी एजेंसी कर रही है। अफसर बताते हैं कि इस माह के अंत तक शवदाह गृह चालू हो जाएगा। इसका सबसे बड़ा फायदा गरीबों को होगा। कारण उनका दाहसंस्कार नि:शुल्क होगा।

निर्माण एजेंसी के पदाधिकारियों के मुताबिक परम्पराएं यथावत रहेंगी। बस प्रक्रिया अत्याधुनिक होगी। इस दौरान न केवल लकड़ी की बचत होगी बल्कि प्रदूषण पर अंकुश लगेगा। शवों का त्वरित निस्तारण होगा और पैसे की बचत होगी। पिछले छह माह से बंद शवदाह गृह का जीर्णोद्धार कोलकाता के समाजसेवी प्रह्लाद राय गोयनका की पहल पर किया जा रहा है।

पहले नगर निगम प्रशासन शवदाह गृह संचालित करता था। निगम की रिपोर्ट के मुताबिक प्रतिवर्ष 46 लाख रुपये खर्च आता था। विडंबना यह कि वर्ष 1989 से शुरू हुआ यह शवदाह गृह बीच-बीच में महीनों के लिए बंद कर दिया जाता था। कारण प्लेटफार्म की ब्रिक का जल्द खराब होना बताया जाता था।

वाराणसी विकास समिति की पहल पर निगम ने कोलकाता की निजी एजेंसी गंगा मिशन को शवदाह गृह के संचालन की अनुमित दे दी है। इसके जिंर्णोद्धार का कार्य देख रहे समासेवी दीनानाथ झुनझुनवाला के मुताबिक शवयात्रियों के बैठने के लिए धर्मशाला, शवों को रखने के लिए प्लेटफार्म आदि का निर्माण अंतिम दौर में है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें