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अफसर खुलवाते थे खाते, कर्मचारी निकालते थे पैसा

यूपीएसआईडीसी के चीफ इंजीनियर अरुण मिश्र ने बड़ी ही चालाकी से खातों का संचालन किया, लेकिन जब काली कमाई बहुत ज्यादा हो गई तो उसको सम्भालने में लापरवाही कर गए। उन्होंने शुरुआती दौर में नीचे के अफसरों पर...

अफसर खुलवाते थे खाते, कर्मचारी निकालते थे पैसा
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 02 May 2011 10:51 PM
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यूपीएसआईडीसी के चीफ इंजीनियर अरुण मिश्र ने बड़ी ही चालाकी से खातों का संचालन किया, लेकिन जब काली कमाई बहुत ज्यादा हो गई तो उसको सम्भालने में लापरवाही कर गए। उन्होंने शुरुआती दौर में नीचे के अफसरों पर दबाव डालकर खाते खुलवाए, छोटे कर्मचारियों से फर्जी खातेदार के हस्ताक्षर कराए और चेक में उन्हीं के हस्ताक्षर करा लाखों निकालते रहे। बाद में पैसा ज्यादा हो गया और पैसे का ट्रांजेक्शन तेज हो गया तो कई बार खुद हस्ताक्षर करने लगे।

70 से ज्यादा ऐसे खाते मिले हैं जिनके बारे में यह बताया जा रहा है कि ये अरुण मिश्र ने खुलवाए और करोड़ों रुपए का ट्रांजेक्शन किया। कानपुर, लखनऊ, देहरादून ही नहीं कोलकाता तक खाते खुलवाने की पुष्टि हुई है। इस खेल में अपने परिवार वालों को भी नहीं छोड़ा। इस खेल की शुरुआत यूपीएसआईडीसी मुख्यालय के अपने चेम्बर में बैठकर की। यहीं सारे फर्जी दस्तावेज तैयार किए जाते और खाते खुलवाए जाते। कानपुर में उन्होंने स्टेट बैंक ऑफ इंदौर (अब स्टेट बैंक ऑफ इंडिया), पंजाब नेशनल बैंक, स्वरूपनगर शाखा और सिंडीकेट बैंक में 16-17 खाते खुलवाए, इनमें अधिकतर खाते महिलाओं के नाम हैं।

इनमें से अधिकतर खातों को अरुण के नीचे काम करने वाले अधिकारी एसएन राम ने इंट्रोड्यूस किया। पैन कार्ड और फोटोकापी में हेरफेर का काम भी नीचे के दो कर्मचारी करते थे। चेक में हस्ताक्षर उस समय अस्थायी कर्मचारी के रूप में काम करने वाले अजीत वाजपेई पर दबाव डालकर कराया जाता। उनको पता ही नहीं जिन चेक पर वह हस्ताक्षर कर रहे हैं उनसे लाखों रुपए इधर-उधर किए जा रहे हैं। बैंक मैनेजरों ने भी अरुण मिश्र का भरपूर साथ दिया, हालांकि सिंडीकेट बैंक को जब लगा इसमें बैंक फंसेगा तो अनीता और प्रतिभा नाम से खोले गए दो खाते बन्द कर दिए गए। फर्जी खाते खोलने वाले ये बैंक मैनेजर भी सीबीआई के घेरे में आएंगे।

सीबीआई सूत्रों के मुताबिक शुरुआत में जांच मनी लांडरिंग की हो रही थी लेकिन फिर इसकी जांच शुरू हुई कि यह काला धन आया कहां से। इसमें कुछ बड़े नेताओं और अफसरों के नाम सामने आए हैं जिन्होंने अरुण मिश्र को काली कमाई की खुली छूट दी। सीबीआई ने अरुण मिश्र के बंगले, फार्म हाउस और खातों में जमा करोड़ों रुपये का पता लगा लिया है। अतत: यह जब्त होगा।

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