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वृक्षारोपण पर यूपी सरकार के दावों की जांच

सुप्रीम कोर्ट ने आगरा ताज ट्रपेजियम जोन में पेड़ काटने के एवज में दोगुना वृक्षारोपण करने के अखिलेश सरकार के दावे पर संदेह जताया है। कोर्ट ने केंद्रीय उच्च शक्ति प्राप्त कमेटी (सीईसी) से वृक्षारोपण की...

वृक्षारोपण पर यूपी सरकार के दावों की जांच
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 26 Nov 2014 08:48 PM
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सुप्रीम कोर्ट ने आगरा ताज ट्रपेजियम जोन में पेड़ काटने के एवज में दोगुना वृक्षारोपण करने के अखिलेश सरकार के दावे पर संदेह जताया है। कोर्ट ने केंद्रीय उच्च शक्ति प्राप्त कमेटी (सीईसी) से वृक्षारोपण की जांच करने को कहा है।

शीर्ष कोर्ट ने यह आदेश बुधवार को तब दिया जब राज्य सरकार कोर्ट को यह बताने में विफल रही कि 15 सौ पौधे कहां कहां लगाए गए और इन पर कितना खर्च आया। कोर्ट ने पेश शपथपत्र के साथ दी गई तस्वीरों को खारिज कर दिया और कहा चित्रों से लग रहा है कि जैसे जंगली झड़ियों के फोटो ले लिए गए हैं। ये कहीं से रोपे गए पौधे नहीं लग रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि शपथपत्र से संदेह पैदा होता है कि वास्तव में पेड़ लगाए भी गए हैं या नहीं।


कोर्ट ने सीईसी को आदेश दिया कि वह यूपी सरकार के पौधारोपण की जांच करें और बताएं कि उसके दावे कितने सही हैं। 2011  से लेकर इस वर्ष अगस्त तक यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से 7,600 पेड़ काटने की अनुमति मांगी थी। लेकिन उसने इनके एवज में सिर्फ 1500 पौधे ही लगाएं जबकि यह संख्या 2.43 लाख होनी चाहिए थी।

यूपी सरकार की ओर से एएजी गौरव भाटिया ने दलील दी कि उनका शपथपत्र सही है और टीटीजेड के मथुरा तथा हाथरस जिलों व आगरा की एमजी रोड-2 पर 1500 पौधे लगाए गए हैं। लेकिन वह यह नहीं बता पाए कि इन पर कितना खर्च आया। कोर्ट ने कहा कि एवजी वनीकरण का कार्य संतोषजनक नहीं है।
कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि वह अगली सुनवाई पर वृक्षारोपण पर आए खर्च का ब्योरा दे। कोर्ट ने सीईसी से कहा कि वह एक महीने में वृक्षारोपण के सत्यता की जांच करे और अपनी रिपोर्ट कोर्ट को दे।

सुप्रीम कोर्ट ऐतिहासिक ताजमहल के संरक्षण की 1984 से निगरानी कर रहा है। कोर्ट ने ताज के चारों ओर पांच जिलों आगरा, एटा, मथुरा, हाथरस और फिरोजाबाद टीटीजेड में तब्दील कर दिया है। इन क्षेत्रों में किसी भी विकास, निर्माण या ऐसी गतिविधि जिससे पर्यावरण प्रभावित होता है, उसके लिए सुप्रीम कोर्ट की पूर्व अनुमति लेनी पड़ती है। यूपी सरकार ने सड़कें सीधी करने या नई बनाने या इमारतें बनाने के लिए आगरा में पेड़ काटने की अनुमति मांगी है।

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