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मैट्रिक फेल बना सरकारी डॉक्टर

स्वास्थ्य विभाग की नियुक्तियों में फर्जीवाड़े का कैसा खेल चल रहा है, इसकी बानगी हैं मखदुमपुर प्रखंड के मोगलबिगहा निवासी हरिद्वार पंडित। हरिद्वार पंडित मैट्रिक फेल हैं इसके बावजूद वे सरकारी आयुष...

मैट्रिक फेल बना सरकारी डॉक्टर
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 22 Nov 2014 11:22 PM
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स्वास्थ्य विभाग की नियुक्तियों में फर्जीवाड़े का कैसा खेल चल रहा है, इसकी बानगी हैं मखदुमपुर प्रखंड के मोगलबिगहा निवासी हरिद्वार पंडित। हरिद्वार पंडित मैट्रिक फेल हैं इसके बावजूद वे सरकारी आयुष चिकित्सक की नौकरी पाने में कामयाब रहे।

मखदुमपुर प्रखंड के छतियाना एपीएचसी में उक्त जालसाज डॉक्टर मरीजों का इलाज भी कर रहे हैं। इसके एवज में मानदेय भी लिया है। लेकिन उसके फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ तो स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। हरिद्वार पंडित की पहली नियुक्ति आयुष चिकित्सक के पद पर अगस्त 2010 में कैमूर जिले के अघौरा एपीएचसी में हुई थी। सितम्बर 2011 में वे स्थानांतरित होकर जहानाबाद में आए। जिला स्वास्थ्य समिति के द्वारा 2010 सितम्बर11 को उनकी नियुक्ति मखदुमपुर प्रखंड के छतियाना एपीएचसी में की गई। ग्रामीणों से विवाद के कारण उनकी प्रतिनियुक्ति दो जून 2014 को रेफरल अस्पताल मखदुमपुर में किया गया। जहां अबतक कार्यरत हैं। राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देश के आलोक में हरिद्वार पंडित के मैट्रिक प्रमाणपत्र की जांच के लिए विशेष दूत से मई 2014 में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति कार्यालय भेजा गया। जांच में उसका प्रमाणपत्र गलत पाया गया। दोबारा जुलाई 2014 महीने में उसके मैट्रिक प्रमाणपत्र का फिर से सत्यापन कराया गया। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के संयुक्त सचिव ने जांच प्रतिवेदन में स्पष्ट किया कि परीक्षा समिति के रिकॉर्ड में हरिद्वार पंडित, पिता रामखेलावन पंडित, जन्म तिथि 20 जनवरी 1958, रॉल कोड 4237 और रॉल नंबर 391 फेल है। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मखदुमपुर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. बीएन शर्मा ने सिविल सर्जन से इस मामले में उचित कार्रवाई का अनुरोध किया है। हरिद्वार पंडित को प्रति माह बीस हजार रुपए भुगतान किया जा रहा हे। सिविल सर्जन डॉ. दिलीप कुमार ने बताया कि उक्त चिकित्सक के फर्जी प्रमाणपत्र के बारे में राज्य स्वास्थ्य समिति को अवगत कराया जाएगा। उनके खिलाफ राज्य स्वास्थ्य समिति ही कार्रवाई कर सकती है। यह विदित को कि पूर्व में फर्जी प्रमाणपत्र पर नौकरी पाने वाले कई एएनएम को पद मुक्त करते हुए प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की गई है। इस संबंध में आयूष चिकित्सक हरिद्वार पंडित ने अपने प्रमाणपत्र के सही होने का दावा किया है। साथ ही कहा कि एक साजिश के तहत उन्हें परेशान किया जा रहा है। इधर विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामले में आईपीसी की धारा 420 के तहत मुकदमा दर्ज होगा।

 

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