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Hindi Newsपंच परमेश्वर ने बचाया बचपन, कराया मुक्त पिता और सौतेली मां से

पंच परमेश्वर ने बचाया बचपन, कराया मुक्त पिता और सौतेली मां से

पंच परमेश्वर होता है। ठाकुरद्वारा के एक गांव की पंचायत ने इस सूक्त वाक्य को हकीकत में बदला है। पिता व सौतेली मां की प्रताड़ना सह रहे बचपन को पंचों ने न केवल शोषण से मुक्त कराया बल्कि उनके उज्जवल...

पंच परमेश्वर ने बचाया बचपन, कराया मुक्त पिता और सौतेली मां से
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 24 Oct 2014 09:52 PM
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पंच परमेश्वर होता है। ठाकुरद्वारा के एक गांव की पंचायत ने इस सूक्त वाक्य को हकीकत में बदला है। पिता व सौतेली मां की प्रताड़ना सह रहे बचपन को पंचों ने न केवल शोषण से मुक्त कराया बल्कि उनके उज्जवल भविष्य का भरोसा भी दिलावाया।

आमतौर पर पंचायतें तुगलकी फरमान के लिए बदनाम हैं। मगर ठाकुरद्वारा में एक गांव की पंचायत ने एतिहासिक फैसला सुनाया है। मामला कोतवाली क्षेत्र के ग्राम लालावाला का है। यहां की युवती का विवाह ऐसे युवक से हुआ, जिसकी पहली पत्नी का निधन हो गया था। उसके पहली पत्नी से दो बेटियों व एक बेटा था। युवक की नौकरी छूट गई तो वह पहली पत्नी के तीनों बच्चाों के साथ दूसरी पत्नी के मायके लालावाला आकर रहने लगा। यहां बच्चाों को सौतेली मां प्रताड़ित करने लगी। बच्चाों ने कई बार अपने पिता से शिकायत भी की, मगर नतीजा सिफर रहा। उल्टे पिता भी बच्चाों को डांटने लगा। बच्चाों से नौकर की तरह काम कराया जाने लगा। उनका स्कूल जाना बंद करा दिया, खाना भी ठीक से नहीं दिया जाता था। इससे बच्चाों की तबियत खराब होने लगी। उधर, जब बच्चाे कई दिनों तक स्कूल नहीं गए तो प्राथमिक विद्यालय के हेडमास्टर ने गांव वालों से इसकी जानकारी ली। बच्चाों की हालत देख गांव वालों ने आपत्ति जताई और परिवार को समझाने की कोशिश की। लेकिन परिजनों ने एक न सुनी। इस पर ग्रामीणों ने शुक्रवार को गांव में पंचायत कर परिवार पर दबाव बनाया। पंचों ने फैसला सुनाया कि मासूमों के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कहा कि अगर बच्चाों की परवरिश में कोई दिक्कत आई तो पंचायत कड़ा फैसला सुनाएगी। पंचों के दबाव पर परिजनों ने गलती मानी और बच्चाों को स्कूल भेजने के साथ ही अच्छी परवरिश का भी भरोसा जताया।

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