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दस दिन में फैसला नहीं तो करूंगा आंदोलन

नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। मंगलवार को आप के नेता अरविंद केजरीवाल ने ई-रिक्शा के मुद्दे पर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की। उन्होंने गडकरी को ई-रिक्शा के मामले में फैसला...

दस दिन में फैसला नहीं तो करूंगा आंदोलन
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 17 Sep 2014 12:28 AM
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नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। मंगलवार को आप के नेता अरविंद केजरीवाल ने ई-रिक्शा के मुद्दे पर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की। उन्होंने गडकरी को ई-रिक्शा के मामले में फैसला लेने के लिए दस दिन का अल्टीमेटम दिया है। केजरीवाल ने कहा, अगर इस अवधि में ई-रिक्शा पर कोई फैसला नहीं लिया तो भाजपा सरकार के खिलाफ आप एक बड़ा आंदोलन करेगी। आप के नेता ने कहा, पहले कांग्रेस सरकार ई-रिक्शा पर कोई ठोस नीति बनाने में पंगु साबित हुई।

अब भाजपा की सरकार भी उसी रास्ते पर दिख रही है। अगर तेजी से कोई फैसला लिया गया होता तो सरकार ई-रिक्शा को प्रतिबंध से बचा सकती थी। केजरीवाल ने गडकरी की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने रामलीला मैदान में यह घोषणा की थी कि वे ई-रिक्शा के मुद्दे पर जल्द ही कोई नीतिगत फैसला लेंगे, लेकिन आज तक कुछ नहीं हो सका। ई-रिक्शा चालकों के 2 लाख से ज्यादा परिवार भूखे मर रहे हैं। आप के नेता ने कहा कि गडकरी ने दिल्ली पुलिस आयुक्त बीएस बस्सी से भी संपर्क किया था, क्योंकि दिल्ली पुलिस ने बहुत से ई-रिक्शा जब्त किए हैं।

रिक्शा चालकों का कहना था कि उनके वाहनों के कई कलपुर्जे गायब हैं। पुलिस आयुक्त ने आश्वासन दिया है कि अगर चालक और मालिक अदालत के समक्ष वाहन को छोड़े जाने का कोई आग्रह करें तो पुलिस उसका विरोध नहीं करेगी। केजरीवाल-गडकरी में समझौते की खबर गलत: आप आम आदमी पार्टी ने भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी मानहानि केस में गडकरी और अरविंद केजरीवाल के बीच समझौते की खबरों का खंडन किया है। मंगलवार को केजरीवाल और गडकरी की मुलाकात के बाद इस तरह की खबरें आई थीं कि गडकरी पर भष्टाचार का आरोप लगाने वाले केजरीवाल ने केस वापस लेने का आग्रह किया है।

आप के नेता आशुतोष ने ट्वीट कर कहा, न्यूज चैनल पर मानहानि केस में केजरीवाल के गडकरी से केस वापस लेने संबंधी खबर निराधार है। गडकरी और केजरीवाल की मुलाकात केवल ई-रिक्शा के मुद्दे को लेकर हुई थी। बता दें कि गडकरी ने केजरीवाल के आरोपों को निराधार बताते हुए उनके खिलाफ मानहानि का केस दायर कर दिया था। इस केस में आप के नेता पर आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत आरोप तय किए गए थे। इस केस में दोषी पाए जाने पर केजरीवाल को 2 साल की जेल हो सकती है।

हालांकि इस मामले में पर्सनल बॉन्ड न भरने के कारण अरविंद केजरीवाल को जेल भी जाना पड़ा था। हालांकि बाद में हाईकोर्ट की सलाह पर वे निचली अदालत में पर्सनल बॉन्ड भर कर तिहाड़ जेल से रिहा हो गए थे।

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