दक्षिण निगम नहीं लेगा कोई हलफनामा
नई दिल्ली संजय कुशवाहा। दक्षिणी दिल्ली के लोगों को बात-बात पर हलफनामा देने से राहत मिलने वाली है। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम अपने तमाम विभागों में होने वाले आवेदनों में नोटरी हलफनामे की जरूरत समाप्त...
नई दिल्ली संजय कुशवाहा। दक्षिणी दिल्ली के लोगों को बात-बात पर हलफनामा देने से राहत मिलने वाली है। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम अपने तमाम विभागों में होने वाले आवेदनों में नोटरी हलफनामे की जरूरत समाप्त करने जा रहा है। अपने आवेदन को लोग खुद ही प्रमाणित कर सकेंगे। निगम से संबंधित तमाम कामों में नोटरी द्वारा प्रमाणित हलफनामे की जरूरत पड़ती है। इसके चलते लोग आवेदन के साथ संलग्न किए जाने वाले दस्तावेजों की प्रतिलिपियों के साथ ही हलफनामे की चिंता में भी डूबे रहते हैं।
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आवेदन की प्रक्रिया को सरल करने पर बल दिया था। इसके बाद दिल्ली के उपराज्यपाल की ओर से भी इससे संबंधित निर्देश सभी विभागों को जारी किए गए। इसी पर कार्रवाई करते हुए दक्षिणी निगम ने अपनी हलफनामे की जरूरत समाप्त करने वाली प्रक्रिया लागू करने की तैयारी कर ली है। इस सिलसिले में निगम के सभी विभागों से उन आवेदन पत्रों की सूची तैयार करने को कहा गया है जिनमें नोटरी द्वारा प्रमाणित हलफनामा मांगा जाता है।
सूची तैयार होने के बाद निगम अधिकारियों द्वारा हलफनामा युग की समाप्ति की घोषणा जाएगी। रखा जाएगा कानूनी पहलुओं का ध्यान: अपने दस्तावेज खुद प्रमाणित करने के सिलसिले में जालसाजी की आशंकाएं जताई जाती रही हैं। निगम के एक अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में कानून भी कड़े किए जाने की जरूरत है। फिलहाल इस तरह के अपराध कम सजा का प्रावधान है।
सख्त सजा का प्रावधान करने से लोग अपने झूठे दस्तावेज प्रमाणित करने से परहेज करेंगे। यहां चाहिए होता है नोटरी हलफनामा: व्यापार लाइसेंस, जन्म एवं मृत्यु प्रमाणपत्र की नकल, हेल्थ ट्रेड लाइसेंस, फैक्टरी लाइसेंस, सीलिंग व डीसीलिंग की कार्रवाई, नौकरी के समय, सामुदायिक भवन व पार्क की बुकिंग के समय, भवन निर्माण के समय मुख्य तौर पर हलफनामा मांगा जाता है।
नाम बदलवाने में खर्च हो जाते हैं हजारों: निगम के एक अधिकारी के मुताबिक फिलहाल नाम बदलवाने में भी हजारों रुपये खर्च हो सकते हैं। शादी होने के बाद किसी युवती को अगर अपना टाइटल बदलवाना है तो उसे पहले विज्ञापन देना होगा। जबकि, यह काम उसके और उसके माता-पिता के हस्ताक्षर से दिए गए आवेदन के जरिए हो जाना चाहिए।
अपने आवेदन को स्वत: प्रमाणित करने से पूरी प्रक्रिया का सरलीकरण होगा। फिलहाल निगम उन आवेदनों की सूची तैयार कर रहा है जिनमें हलफनामा मांगा जाता है। इसके बाद इसके लिए सरकुलर जारी किया जाएगा। मुकेश यादव, निदेशक प्रेस व सूचना, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम।