रैपिड मेट्रो की तर्ज पर डीएमआरसी की ट्रेन भी होगी रैप
रैपिड मेट्रो की तर्ज पर अब डीएमआरसी मेट्रो भी रंग-बिरंगे रंगों में लिपटी नजर आएगी। डीएमआरसी प्रबंधन ने भी 10 प्रतिशत ट्रेनों को कंपनियों के विज्ञापनों से रैप करने की योजना बनाई है। इसके लिए दो...
रैपिड मेट्रो की तर्ज पर अब डीएमआरसी मेट्रो भी रंग-बिरंगे रंगों में लिपटी नजर आएगी। डीएमआरसी प्रबंधन ने भी 10 प्रतिशत ट्रेनों को कंपनियों के विज्ञापनों से रैप करने की योजना बनाई है। इसके लिए दो एजेंसियों को टेंडर भी जारी कर दिया गया है। कंपनियों को विज्ञापन के अधिकार 10 साल के लिए दिए गए हैं। डीएमआरसी विज्ञापन अधिकारों से अच्छा रिवेन्यू कमाएगी। फिलहाल डीएमआरसी के पास 200 मेट्रो ट्रेन हैं।
ट्रेन रैपिंग का कंसेप्ट रैपिड मेट्रो प्रबंधन के द्वारा सबसे पहले लाया गया। फिलहाल रैपिड मेट्रो की तीन ट्रेन कंपनियों के विज्ञापन से रैप हैं। डीएमआरसी ने इससे एक कदम आगे बढ़ाते हुए ट्रेनों के बाहर विजुअल विज्ञापनों को भी मंजूरी दे दी है। इस योजना के जरिए ज्यादा से ज्यादा यात्रियों को मेट्रो की तरफ आकर्षित करने का भी प्लान है। साथ ही जो लोग काफी समय से मेट्रो ट्रेनों में यात्रा कर रहे हैं उन्हें भी मेट्रो का रंग रूप बदलने से सफर करने का नया अहसास मिलेगा।
दौड़ रही हैं 200 ट्रेन फिलहाल मेट्रो नेटवर्क में 200 ट्रेन चल रही हैं। जिसमें 60 ट्रेन आठ कोच की और 80 ट्रेन छह कोच की हैं। 60 ट्रेन चार कोच की हैं। डीएमआरसी ने अभी 10 प्रतिशत ट्रेनों को ही रैप करने का फैसला किया है। फिलहाल 20 ट्रेनों पर ही विज्ञापन और विजुअल दिखाई देंगे। जो लोगों को आकर्षित करेंगे। डीएमआरसी का दावा है कि विज्ञापन की क्वालिटी विश्वस्तरीय एयरपोर्ट, मेट्रो और रेलवे स्टेशनों जैसी होगी। जो यात्रियों को भी बेहद पसंद आएगी।