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उत्तर में बारिश, हिमपात सोमवार को भी रहा जारी

उत्तर भारत में रविवार से मौसम का मिजाज बिगड़ा हुआ है। मैदान में बारिश और ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी से ठंड फिर बढ़ गई है। तेज हवा के साथ हो रही वर्षा के कारण रबी की फसलों को काफी नुकसान पहुंचा...

उत्तर में बारिश, हिमपात सोमवार को भी रहा जारी
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 02 Mar 2015 09:08 PM
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उत्तर भारत में रविवार से मौसम का मिजाज बिगड़ा हुआ है। मैदान में बारिश और ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी से ठंड फिर बढ़ गई है। तेज हवा के साथ हो रही वर्षा के कारण रबी की फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है।

मौसम विभाग ने सोमवार को बताया कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और विदर्भ के इलाकों में पिछले 24 घंटों में तेज हवा व गरज के साथ काफी मात्रा में बारिश हुई है। हिमाचल प्रदेश में किन्नौर जिले का कल्पा सबसे सर्द रहा। यहां न्यूनतम तापमान शून्य से 5.6 डिग्री नीचे दर्ज किया गया। कल्पा में रविवार से 65 सेंटीमीटर हिमपात हुआ। लाहौल, स्पीति, किन्नौर, कुल्लू, शिमला और चंबा जिलों की पहाडिम्यों में भी हल्की से भारी बर्फबारी हुई है।
वहीं उत्तरी कश्मीर में बांदीपुरा जिले के सरदाब गांव में हिमस्खलन के कारण छह मकान और एक दुकान क्षतिग्रस्त हो गए जबकि आठ अन्य रिहायशी मकानों को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा।

मौसम का सबसे भारी हिमपात
श्रीनगर समेत जम्मू कश्मीर के अधिकतर स्थानों पर हुए मौसम के सबसे भारी हिमपात के कारण सोमवार को कश्मीर घाटी का संपर्क बाकी देश से टूट गया। उत्तरी कश्मीर के मशहूर स्की-रिजॉर्ट गुलमर्ग में 42 सेंटीमीटर का ताजा हिमपात दर्ज किया गया। बर्फबारी और भूस्खलन के कारण 294 किलोमीटर लंबे श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग को यातायात के लिए बंद कर दिया गया। हवाई यातायात भी बाधित रहा। बर्फबारी की वजह से 12वीं परीक्षा को भी रद्द करना पड़ा है।

किसानों की मुसीबत बढ़ी
भारी बारिश उत्तर भारत के किसानों के लिए मुसीबत लेकर आई है। कई हिस्सों में खेतों में अत्यधिक पानी बरसने से गेहूं, सरसों और आलू की फसलें नष्ट हो गई हैं। मैनपुरी जिले में आलू की खुदाई पर बुरा प्रभाव पड़ा है। एटा-कासगंज क्षेत्र में तंबाकू की फसल नष्ट हो गई है। पूर्वी यूपी, हरियाणा, पंजाब में गेहूं की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। आगरा क्षेत्र में टमाटर, मटर और धनिया जैसी फसलों की खेती भी बर्बाद हो गई है।

हवा से हुआ ज्यादा नुकसान
बारिश के साथ तेज हवाओं ने फसलों को ज्यादा नुकसान पहुंचाया है। अगर हवाएं न चलती तो यही बारिश इस फसल के लिए बेहद फायदेमंद साबित होती। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि बूंदाबांदी इसी तरह चलती तो इसका फायदा गेंहू की पैदावार को ज्यादा होता। मगर तेज हवा के चलते गेंहू की फसल गिर गई है जो नुकसानदेह है।

संसद में जताई गई चिंता
संसद के दोनों सदनों में सोमवार को सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने दो दिनों से लगातार हो रही बेमौसम बारिश से गेहूं, आलू एवं सरसों सहित विभिन्न रबी फसलों को हुए भारी नुकसान पर चिंता जताई। सांसदों ने सरकार से किसानों को उचित मुआवजा दिलाने की मांग की। सरकार ने कहा कि यह मुद्दा उसके  संज्ञान में है। इस मुद्दे पर कृषि मंत्री से चर्चा की जाएगी।


राज्यसभा में सपा के रामगोपाल यादव ने कहा कि बारिश से आलू की फसल को काफी नुकसान हुआ है। खेतों में गेहूं भी लगभग पक गया है। यही हालत कमोबेश सरसों की फसल की भी है। बारिश के कारण ये फसलें खराब हो जाएंगी। केंद्र को फौरन कुछ कदम उठाने चाहिए।

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