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मायावती ने मुसलमानों को रिझाने की कोशिश की

निर्धारित समय से करीब डेढ़ घंटे लेट मायावती मंच पर पहुंची तो चेहरे पर चुनावी थकान साफ झलक रही थी। लेकिन नुमाइश ग्राउंड में भारी भीड़ देखकर मुस्कान तैर गई। भीड़ की नारेबाजी के बीच बसपा सुप्रीमो ने...

मायावती ने मुसलमानों को रिझाने की कोशिश की
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 03 Apr 2014 10:18 PM
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निर्धारित समय से करीब डेढ़ घंटे लेट मायावती मंच पर पहुंची तो चेहरे पर चुनावी थकान साफ झलक रही थी। लेकिन नुमाइश ग्राउंड में भारी भीड़ देखकर मुस्कान तैर गई। भीड़ की नारेबाजी के बीच बसपा सुप्रीमो ने माइक थाम लिया। पूरे 43 मिनट के भाषण में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस को जहां जमकर घेरा, वहीं गोधरा और मुजफ्फरनगर के दंगों का जिक्र कर मुसलमानों को पाले में करने की कोशिश की। फिर दो टूक मुसलमानों को संदेश भी दिया। कहा-वह एकतरफा वोट कर भाजपा प्रत्याशियों की जमानत जब्त करा दें। इस दौरान उन्होंने मुसलमानों और गरीब सवणोर्ं को अलग से आरक्षण देने की बात कही, वहीं पश्चिमी यूपी को अलग राज्य बनाने और हाईकोर्ट बैंच स्थापित करने के इरादे को भी दोहराया।

गुरुवार को मायावती ने बसपा प्रत्याशी डा. अरविंद कुमार सिंह के समर्थन में जनसभा को संबोधित किया। नुमाइश मैदान में उन्होंने सबसे पहले कांग्रेस और भाजपा पर निशाना साधा। कहा कि केन्द्र में पचास साल से अधिक कांग्रेस की और छह साल भाजपा की सरकार रही है। आरोप लगाया कि दोनों पार्टियां चुनाव में पूंजीपतियों से चंदा लेकर सरकार चुनाव लड़ती हैं, इसलिए सरकार बनने पर सर्व समाज के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए।  विदेशों में अरबों रुपए काला धन जमा हैं। यदि इस धन को केन्द्र सरकार देश में ले आती तो काफी हद तक गरीब और बेरोजगारी दूर हो जाती। केन्द्र सरकार से उन्होंने यूपी के लिए विशेष पैकेज और पश्चिमी यूपी के प्राइवेट सेक्टर के विकास को विशेष पैकेज मांगा था, लेकिन कुछ नहीं मिला। हाल यह है कि  देश की सीमाएं भी सुरक्षित नहीं हैं। राहुल गांधी का बगैर नाम लिए कहा कि इस सबके बाद भी कांग्रेस अपने युवराज को प्रधानमंत्री बनाना चाहती है।
मायावती ने सूबे में अपने चार बार के मुख्यंत्रित्व काल की बेहतर कानून व्यवस्था का जिक्र करते हुए कहा कि यदि सीएम चाहे तो कहीं भी दंगा नहीं हो सकता। नरेन्द्र मोदी के मुख्यमंत्री रहते हुए 2002 में गुजरात के गोधरा कांड हुआ। यदि वह देश के प्रधानमंत्री बने तो फिर देश में दंगे होंगे। मुजफ्फरनगर में हुए दंगों के चलते हिंदू-मुस्लिम दोनों ही प्रभावित हुए, लेकिन अधिक  जानमाल का नुकसान मुसलमानों का हुआ। दंगों के लिए सुप्रीम कोर्ट ने भी सपा सरकार की लापरवाही माना है। सपा की सरकार गुंडों और बदमाशों की है। अलीगढ़ के साथ ही हाथरस में भी भारी संख्या में मुसलमान हैं। यदि कांग्रेस और सपा को वोट किया तो भाजपा को फायदा होगा। कांग्रेस, सपा और भाजपा की करतूतों से सबक लेकर मुसलमान एकतरफा बसपा प्रत्याशी डा. अरविंद कुमार सिंह और हाथरस के प्रत्याशी मनोज सोनी के पक्ष में मतदान कर भाजपा प्रत्याशियों की जमानत जब्त करा दें।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बसपा शासनकाल में 17 पिछड़ी जातियों को एससी में शामिल करने के लिए उन्होंने केन्द्र को प्रस्ताव भेजा था।  लेकिन सुनवाई नहीं की गई। इस दौरान बसपा प्रत्याशी डा. अरविंद कुमार सिंह, सांसद राज कुमारी चौहान, पूर्व मंत्री एवं एमएलसी ठा. जयवीर सिंह, पूर्व मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण, कोर्डिनेटर सुनील चित्ताैड़ व नौशाद अली समेत कई नेताओं ने भी संबोधित किया। जनसभा की अध्यक्षता और संचालन जिलाध्यक्ष गजराज विमल ने किया।

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