दिल्ली कांग्रेस को 15 सीट पर सीधे मुकाबले की उम्मीद
लोकसभा और विधानसभा चुनाव में लगातार शिकस्त का सामना कर रही कांग्रेस को दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद नहीं है। पार्टी का मानना है कि मौजूदा स्थितियों में वह पिछले चुनाव का...
लोकसभा और विधानसभा चुनाव में लगातार शिकस्त का सामना कर रही कांग्रेस को दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद नहीं है। पार्टी का मानना है कि मौजूदा स्थितियों में वह पिछले चुनाव का प्रदर्शन बरकरार रखने में कामयाब रहती है, तो यह बडी उपलब्धि होगी।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सभी सीट को तीन हिस्सों में विभाजित कर चुनावी रणनीति बनाई है। ‘प्लान ए’ के तहत पिछले चुनाव में जीती आठ सीटों के साथ कुल 15 सीट चुनी गई है। पार्टी को भरोसा है कि इन सभी सीट उसकी स्थिति मजबूत है और वह जीत दर्ज कर सकती है।
विधानसभा चुनाव रणनीति को अंजाम देने में जुटे एक बड़े नेता के मुताबिक, ‘प्लान बी’ के तहत पार्टी ने 20 सीट चुनी है। इन सीट पर पार्टी की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। पर पार्टी मजबूती से चुनाव लड़े तो वह दूसरे नंबर तक पहुंच सकती है। स्थितियां अनुकूल रही तो जीत की भी संभावना है।
‘प्लान सी’ के तहत 35 सीट रखी गई है। इन सीट पर कांग्रेस को कोई उम्मीद नहीं है। पार्टी की कोशिश इन सीट पर ज्यादा से ज्यादा वोट हासिल करना है। ताकि, कांग्रेस के हिस्से में सीट भले की कम आए, पर उसका वोट प्रतिशत में इजाफा हो। पार्टी की पूरी कोशिश आप से अपना वोट वापस लेने की है।
पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती प्रचार को लेकर है। कांग्रेस की तमाम कोशिशों के बावजूद पार्टी विधानसभा चुनाव में बहस से बाहर है। चुनिंदा सीट को छोड़ दिया जाए तो ज्यादातर सीट पर मुकाबला भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच है। कांग्रेस को अपनी जगह बनाने के लिए काफी जद्दोजहद करना पड़ रहा है।