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छठ में अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य बुधवार को

आस्था के महापर्व छठ में अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य बुधवार की शाम को दिया जाएगा। मंगलवार को व्रतधारियों ने खरना का विधान पूरा किया। इसके साथ ही 36 घंटे का कठिन व्रत शुरू हो गया है। गुरुवार की...

छठ में अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य बुधवार को
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 28 Oct 2014 09:21 PM
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आस्था के महापर्व छठ में अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य बुधवार की शाम को दिया जाएगा। मंगलवार को व्रतधारियों ने खरना का विधान पूरा किया। इसके साथ ही 36 घंटे का कठिन व्रत शुरू हो गया है। गुरुवार की सुबह उगते सूरज को अर्घ्य देने के साथ ही महापर्व संपन्न होगा।

बुधवार की शाम को ढलते सूरज को दिए जाने वाले अर्घ्य के लिए यमुना के घाटों पर खास तैयारियां की गई हैं। राजधानी दिल्ली में वजीराबाद के श्याम घाट और आईटीओ पुल स्थित पश्चिमी घाट में व्रतधारियों के सबसे ज्यादा संख्या में जुटने की संभावना है। श्याम घाट पर इस साल लगभग सवा किलोमीटर लंबा घाट बनाया गया है। आमतौर पर यहां पर 500 मीटर लंबा घाट बनाया जाता रहा है। लेकिन, इससे कुछ दूरी पर स्थित रामघाट में इस बार पूजा विधान नहीं होगा। यहां पर पानी काफी गहरा है, इसलिए छठ पूजा के दौरान किसी दुर्घटना से बचने के लिए यहां पर पूजा नहीं रखी गई है। श्यामघाट पर व्यवस्था देख रहे सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के असिस्टेंट इंजीनियर एसएम अख्तर ने बताया कि घाट पर सफाई की खास व्यवस्था की गई है।

यहां पर है यमुना में सबसे साफ पानी:
श्याम घाट की एक और खासियत यहां का साफ पानी है। यमुना के अन्य घाटों की तुलना में श्याम घाट पर यमुना का पानी साफ है। जबकि, आईटीओ पुल पर स्थित घाटों पर पानी अभी काफी गंदा है। छठ पूजा समिति दिल्ली प्रदेश के उपाध्यक्ष अखिलेश चौबे ने यमुना में छोड़े गए पानी को नाकाफी बताते हुए और ज्यादा पानी छोड़ने की मांग की है।

खरना विधान हुआ संपन्न:
महापर्व छठ के चार दिवसीय पूजा विधान में सोमवार को नहाय खाय की रस्म अदा की गई थी। जबकि, मंगलवार को व्रतधारियों ने गुड़ की खीर या बखीर का भोग लगाकर छटी मइया का पूजन किया। व्रतधारियों ने भी इसका प्रसाद ग्रहण किया। इसके साथ ही व्रतधारियों का 36 घंटे का कठिन व्रत प्रारंभ हो गया है। गुरुवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद ही महाव्रत संपन्न होगा।

घाटों पर विशेष तैयारी, रात भर सांस्कृतिक कार्यक्रम:
बुधवार को ढलते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए यमुना के घाटों पर विशेष व्यवस्था की गई है। यमुना पर छोटे-बड़े लगभग 72 घाट बनाए गए हैं। यहां पर रोशनी और शामियाने का इंतजाम किया गया है। जबकि, गोताखोरों और लाइफ बोट भी अघ्र्य के समय तैनात रहेंगे। कुछ घाटों पर बुधवार की शाम से सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाने वाला है। यह अगले दिन भोर तक चलेगा।

घाटों पर मोबाइल डिस्पेंसरी तैनात:
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के मेयर खुशीराम चुनार ने बताया कि घाटों के नजदीक मोबाइल डिस्पेंसरियों की तैनाती की गई है। ताकि, अचानक किसी की तबीयत खराब होने पर मदद की जा सके।

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