आज खुल सकता है बदरीनाथ हाईवे !
विष्णुप्रयाग के पास पहाड़ी से चप्तान गिरने से सात दिन से बंद बदरीनाथ हाईवे सोमवार शाम तक खुल सकता है। सड़क खोलने में जुटे सीमा सड़क संगठन ( बीआरओ) के मेजर रूप ज्योति दास ने यह दावा किया है। उनका कहना...
विष्णुप्रयाग के पास पहाड़ी से चप्तान गिरने से सात दिन से बंद बदरीनाथ हाईवे सोमवार शाम तक खुल सकता है। सड़क खोलने में जुटे सीमा सड़क संगठन ( बीआरओ) के मेजर रूप ज्योति दास ने यह दावा किया है। उनका कहना है कि बोल्डर काटकर 190 मीटर सड़क खोल दी गई है, अब सौ मीटर हिस्सा खोलना बाकी है।
बदरीनाथ यात्रा शुरू होने के दूसरे दिन ही विष्णुप्रयाग से 600 मीटर पहले ही हाथी पहाड़ से भारी बोल्डर हाईवे पर गिर गए थे। 27 अप्रैल की इस घटना के बाद से ही हाईवे बंद है। बीआरओ लगातार इस सड़क को खोलने में लगी है। बीआरओ के मेजर रूप ज्योति दास का कहना है कि बीआरओ पूरा प्रयास कर रहा है कि सोमवार देर शाम तक सड़क को खोल दिया जाए। सड़क खोलने के लिए पांच अधिकारियों के निर्देशन में 13 बड़ी मशीनों के साथ 60 मजदूर काम कर रहे हैं।
रोजाना एक हजार से ज्यादा यात्री आ रहे
हाईवे बंद होने के बाद भी रोजाना एक हजार से ज्यादा यात्री भगवान बदरीनाथ के मंदिर में दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। सरकार के अनुसार सात दिन में आठ हजार से अधिक लोग दर्शन कर चुके हैं।
वैकल्पिक पैदल रास्ते से होकर बदरीनाथ दर्शन
हाईवे बंद होने के बावजूद रविवार को बदरीनाथ यात्रा में सबसे अधिक तेजी देखी गई। रविवार को जोशीमठ से चार किमी आगे कमद गांव से तीन किमी का वैकल्पिक रास्ता पैदल ही तय करके 1700 तीर्थयात्री विष्णुप्रयाग पहुंच गए। ऐसे में हाईवे का बंद पड़ा हिस्सा पीछे छूट गया और यात्री गाड़ियों से बदरीनाथ पहुंच गए।
वहीं जोशीमठ के रविग्राम हेलीपैड से डेढ़ सौ यात्री हेलीकॉप्टर से गोविंदघाट पहुंचे और बदरीनाथ तक का सफर गाड़ियों से तय किया। उधर, रविवार को बदरीनाथ धाम में दर्शन करने बाद सड़क से डेढ़ हजार और हेलीकॉप्टर से 146 यात्री वापस जोशीमठ लौटे हैं।
कमद से विष्णुप्रयाग तक 3 किमी हो रही है पैदल यात्रा
शास्त्रों के अनुसार श्री बदरीनाथ धाम की यात्रा नरसिंहमंदिर में दर्शन के बाद ही प्रथम प्रयाग विष्णुप्रयाग में हाथ जोड़कर जाने पर ही पूरी मानी गई है। ऐसा ही इन दिनों देखने को मिल रहा है। यात्री नरसिंह मंदिर में दर्शन के बाद कमद गांव से तीन किमी पैदल रास्ता तय करके विष्णुप्रयाग पहुंच रहे हैं। जहां भगवान विष्णु के दर्शन करके गाड़ियों से बदरीनाथ पहुंच रहे हैं।
पैदल रास्ते पर गूंजे बदरी विशाल के जयकारे
सात दिन से बंद हाईवे यात्रियों की आस्था को नहीं डिगा पाया। यात्रियों ने कमद से तीन किलोमीटर की पैदल यात्रा तय करके विष्णुप्रयाग तक का सफर तय कर लिया। यात्री भगवान बदरी विशाल के जयकारों के साथ आगे बढ़ रहे हैं। इन यात्रियों का कहना है कि इस छोटी सी पैदल यात्रा का आनंद ही कुछ और है।
मुंबई से आए शालिनी और निलेश कहते हैं कि भगवान बदरीनाथ के दर्शन कर धन्य हो गए। बस कुछ कदम ही तो पैदल चलना पड़ा पर आनंद बहुत आया। इंदौर से आए बुजुर्ग राधामोहन का कहना है कि प्रभु की लीला है वरना जीवन में पहाड़ चढ़ने का अनुभव शायद ही उनको मिल पाता। देहरादून के शशि भूषण मैठाणी बताते हैं कि बदरीनाथ जी के दर्शन करके लौट आए हैं और इस अनूठे अनुभव को बयां नहीं किया जा सकता। यहां यात्रियों को कोई दिक्कत नहीं है।
प्रशासन ने तय की दरें
कमद गांव से विष्णुप्रयाग तक तीन किमी की यात्रा डंडी, कंडी, घोड़े खच्चरों से भी जा सकती है। प्रशासन ने इसके लिए दरें भी तय कर दी हैं। साथ ही कमद और विष्णुप्रयाग में टैक्सियां, आईटीबीपी की दो और नगर पालिका की एक बस सेवा भी उपलब्ध है। रविग्राम से गोविंदघाट तक हेलीकॉप्टर सेवा पहले ही शुरू हो गई है।