योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण की ‘आप’ से छुट्टी तय
‘आप’ के असंतुष्ट नेता प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव की पार्टी से छुट्टी तय हो गई है। गुरुवार को दोनों धड़ों के बीच मध्यस्थता के सभी प्रयास नाकाम हो गए। ‘आप’ की राजनीतिक मामलों...
‘आप’ के असंतुष्ट नेता प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव की पार्टी से छुट्टी तय हो गई है। गुरुवार को दोनों धड़ों के बीच मध्यस्थता के सभी प्रयास नाकाम हो गए। ‘आप’ की राजनीतिक मामलों की कमेटी (पीएसी) ने इन दोनों नेताओं का राष्ट्रीय कार्यकारिणी से त्यागपत्र मंजूर कर लिया है। इसके तुरंत बाद योगेंद्र यादव ने कहा, जब मैंने इस्तीफा दिया ही नहीं तो वह स्वीकार कैसे हो गया।
जिद पर अड़े थे: ‘आप’ की भीतरी कलह अब पूरी तरह सतह पर आ चुकी है। पार्टी का कहना है कि प्रशांत व योगेंद्र की अधिकांश मांगें मान लेने के बावजूद ये दोनों अरविंद केजरीवाल को पार्टी संयोजक पद से हटाने की जिद पर अड़े रहे। ‘आप’ ने इनकी इस मांग को सिरे से खारिज कर दिया है। संयोजक पद का फैसला पार्टी की 28 मार्च को प्रस्तावित राष्ट्रीय परिषद की बैठक में होगा।
लोकपाल संग बैठक बेनतीजा: विवाद खत्म करने के लिए ‘आप’ के आंतरिक लोकपाल एडमिरल एल रामदास ने पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की थी। मगर उनकी यह बैठक बेनतीजा रही।
‘आप’ का तर्क: पीएसी बैठक के बाद ‘आप’ नेता आशीष खेतान ने कहा, योगेंद्र यादव को हरियाणा प्रभारी का पद देने की बात तय हो गई थी। एकाएक उन्होंने कहा, प्रभारी नहीं, संयोजक का पद चाहिए। इस पर पार्टी ने कहा, राष्ट्रीय परिषद की बैठक में ही संयोजक पद का फैसला होगा।
योगेंद्र का तर्क: योगेंद्र यादव ने कहा, उन्होंने कभी भी त्यागपत्र नहीं दिया, बल्कि इसकी पेशकश की थी। यदि उनके पास कोई पत्र है तो वे उसे सार्वजनिक करें। योगेंद्र ने उन खबरों को भी निराधार बताया कि 27 मार्च को राष्ट्रीय परिषद के सदस्यों की गुप्त बैठक बुलाई गई है।
आशुतोष : योगेंद्र का पत्र डाला
‘आप’ नेता आशुतोष ने एक पत्र की तस्वीर ट्वीट की जिसे प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव की ओर से लिखा हुआ इस्तीफा बताया गया।
योगेंद्र : यह इस्तीफा नहीं
जिसे त्यापगत्र कहा जा रहा है वो आंतरिक बातचीत का एक नोट है। हमने कहा कि अगर छह शर्तें मान ली जाती हैं तो हम इस्तीफा दे देंगे।
आशुतोष : अरविंद के पीछे पड़े
पार्टी प्रशांत और योगेंद्र की सभी मांगें स्वीकार करने की इच्छुक है, लेकिन अरविंद को हटाने की मांग पर नहीं। वे क्यों अरविंद को हटाने पर अड़े हुए हैं।
योगेंद्र : इसका सबूत दिखाएं
हमारे द्वारा केजरीवाल को हटाने की बात बेबुनियाद है। हमने कभी उन्हें इस्तीफे के लिए नहीं लिखा। किसी के पास कोई सबूत है तो पेश करें।
हम तो सुधार चाहते हैं
हमने संयोजक पद से अरविंद को हटाने की मांग कभी नहीं की। पार्टी में सुधार के लिए सिर्फ कुछ मांगें रखीं थीं और अरविंद से मिलने का समय मांगा था। जो कुछ भी कहा जा रहा है वह सब झूठ है।
- प्रशांत भूषण, वरिष्ठ नेता ‘आप’