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राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर किए गए योगेंद्र यादव व प्रशांत भूषण

आम आदमी पार्टी (आप) में पिछले एक महीने से चल रही अंदरूनी लड़ाई शनिवार को उस वक्त अपने अंजाम तक पहुंच गई जब दो असंतुष्ट नेताओं योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर...

राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर किए गए योगेंद्र यादव व प्रशांत भूषण
एजेंसीSun, 29 Mar 2015 08:46 AM
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आम आदमी पार्टी (आप) में पिछले एक महीने से चल रही अंदरूनी लड़ाई शनिवार को उस वक्त अपने अंजाम तक पहुंच गई जब दो असंतुष्ट नेताओं योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर कर दिया गया। इसके आगे का कदम इन दोनों को पार्टी से बाहर करने का हो सकता है।

भारी हंगामे और नाटकीय घटनाक्रम के बीच दोनों असंतुष्ट नेताओं के साथ साथ उनके समर्थकों आनंद कुमार और अजीत झा को राष्ट्रीय कार्यकारिणी से हटाने के लिए राष्ट्रीय परिषद में प्रस्ताव पारित किया गया। 

राष्ट्रीय परिषद की बैठक में संयोजक अरविंद केजरीवाल ने करीब एक घंटे तक भाषण दिया, जिसमें उन्होंने परिषद के 300 से अधिक सदस्यों से दो टूक कहा कि वे उनके और उन दोनो में से किसी एक को चुन लें। इसके बाद केजरीवाल के करीबी मनीष सिसोदिया ने चार नेताओं को राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर करने वाला प्रस्ताव पेश किया।

आप के राष्ट्रीय सचिव पंकज गुप्ता ने बताया कि 247 सदस्यों ने प्रस्ताव का समर्थन किया जबकि 10 ने इस प्रस्ताव का विरोध किया। 54 अन्य ने इस मतदान में भाग नहीं लिया। राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर किए जाने के तत्काल बाद भूषण और यादव ने राष्ट्रीय परिषद की बैठक को असंवैधानिक और गैरकानूनी करार दिया और खुद को हटाए जाने के खिलाफ कानूनी कदम उठाने की संभावना को खारिज नहीं किया।
    
राष्ट्रीय परिषद की बैठक पर आप की नेता मेधा पाटकर ने मुंबई में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया और पार्टी से अपने इस्तीफे का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि यादव और भूषण कभी भी पार्टी के खिलाफ काम नहीं कर सकते।

आप के आंतरिक लोकपाल रामदास को विवाद से बचने के लिए बैठक में भाग नहीं लेने को कहा गया, जिसकी बागी नेताओं ने निंदा की। केजरीवाल ने बैठक के दौरान भावुक भाषण दिया और मनीष सिसोदिया की ओर से दोनों नेताओं को हटाने का प्रस्ताव पेश किये जाने से पहले ही आप प्रमुख बैठक स्थल से रवाना हो गए। केजरीवाल की गैर मौजूदगी में दिल्ली के परिवहन मंत्री गोपाल राय ने बैठक की अध्यक्षता की।

बैठक के बाद यादव और भूषण ने केजरीवाल पर गुंडे लाने समेत अनुचित साधनों का प्रयोग करने का आरोप लगाया जिन्होंने प्रस्ताव का विरोध करने वाले राष्ट्रीय परिषद के कई सदस्यों को कथित रूप से पीटा।

यादव ने कहा कि यह लोकतंत्र की हत्या है। सभी चीजें पूर्वनिर्धारित पटकथा के अनुरूप हुईं और निर्धारित मानदंडों को पूरी तरह से दरकिनार करते हुए कुछ ही मिनट में प्रस्ताव पेश किया गया और इसे पारित कर दिया गया। यह पूरी तरह से गलत है।    

प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया कि केजरीवाल हमें पार्टी से बाहर निकालने के लिए पूरी तरह से तैयार होकर आए थे और उनका एवं यादव का समर्थन करने वाले एनसी के कई सदस्य घायल हुए हैं।

उन्होंने कहा कि कल स्टिंग के दौरान केजरीवाल को जो कुछ कहते सुना गया था, उसपर आज की बैठक में पूरी तरह अमल किया गया। सदस्य एवं अन्य में कोई फर्क नहीं किया गया। बैठक में कोई चर्चा नहीं हुई, कोई गुप्त मतदान नहीं हुआ और न ही मतदान को प्रदर्शित ही किया गया।

इस बीच केजरीवाल के वफादार आशुतोष ने यादव पर यह झूठ फैलाने का आरोप लगाया कि एनसी के सदस्यों को बैठक में पीटा गया। उन्होंने ट्वीट किया, वाईवाई (यादव) झूठ फैला रहे हैं कि बैठक में एनसी के सदस्यों को पीटा गया। किसी प्रकार की हाथापाई नहीं हुई या किसी को पीटा नहीं गया। सहानुभूति पाने के लिए यह कहानी गढ़ी गई है।

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि उन्हें एनई से निकालने के प्रस्ताव का केवल दर्जनभर सदस्यों ने विरोध किया और कुछ सदस्य बहिर्गमन कर गए। उन्हें एनई से निकाले जाने के प्रस्ताव को जबरदस्त समर्थन मिला। 

प्रशांत भूषण ने बैठक में पार्टी के आंतरिक लोकपाल रामदास को आने की अनुमति नहीं देने के पार्टी नेतृत्व के निर्णय पर कड़ा विरोध दर्ज कराया है। उन्होंने कहा कि लोकपाल को अंदर आने की अनुमति नहीं दी गई। यह पूरी तरह से पूर्वनियोजित था। उन्होंने आज जो कुछ किया, उसने सभी सीमाओं को पार कर दिया। यह केजरीवाल और उनके चाटुकारों की मानसिकता को दर्शाता है।

 

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