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मौसम के लिहाज से बदलें खान-पान

मौसम बदल रहा है। ऐसे में खान-पान में भी थोड़ा बदलाव जरूरी हो जाता है, ताकि आप स्वस्थ और ऊर्जावान बने रह सकें। इसके लिए आप अपने खान-पान में क्या बदलाव करें, बता रहे हैं जय कुमार सिंह बदलते मौसम में...

मौसम के लिहाज से बदलें खान-पान
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 25 Oct 2014 02:33 PM
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मौसम बदल रहा है। ऐसे में खान-पान में भी थोड़ा बदलाव जरूरी हो जाता है, ताकि आप स्वस्थ और ऊर्जावान बने रह सकें। इसके लिए आप अपने खान-पान में क्या बदलाव करें, बता रहे हैं जय कुमार सिंह

बदलते मौसम में सेहत की देखभाल सबसे ज्यादा जरूरी हो जाती है, क्योंकि मौसम के साथ हमारे शरीर में भी कई बदलाव होते हैं। लंबे दिन छोटे होने लगते हैं, छोटी-छोटी रातें लंबी हो जाती हैं। इन सब चीजों का असर हमारी मानसिक, शारीरिक और हृदय की गति पर भी होता है। कुछ शोध रिपोर्ट्स की मानें तो इससे जीन के बहुत से समूह प्रभावित होते हैं, जो शरीर का वजन घटाने-बढ़ाने और हार्मोन के व्यवहार पर सीधा असर डालते हैं। यहां तक कि इससे इंसुलिन की कार्यविधि और वसा जलने की प्रक्रिया पर भी प्रभाव पड़ता है। जरा-सी भी लापरवाही सर्दी, जुकाम, बुखार, गले में खराश, पेट की बीमारियों, मोटापा और प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने जैसी दिक्कतों की वजह बन जाती है। यहां तक कि डायबिटीज भी हो सकती है। इसलिए प्रकृति की इस नियामत को लूटना चाहते हैं तो मौसम के साथ अपने खान-पान में बदलाव करें, तभी इस बदलते मौसम का भरपूर मजा ले पाएंगे। 

विटामिन डी
सर्दियां में पूरी धूप नहीं मिल पाती। कुछ लोग गर्मियों में धूप का सामना नहीं कर पाते। ऐसे लोग भी इस मौसम में विटामिन डी की भरपूर खुराक ले सकते हैं। विटामिन डी शरीर में खून के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है। यह हड्डियों की सेहत के लिए भी जरूरी है। काफी हद तक यह कुछ कैंसरों से लड़ने, वजन कम होने से रोकने और प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में भी मदद करता है। सर्दियों में जैसे-जैसे तापमान गिरता है, हमारी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। ऐसे में विटामिन डी की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है।

डेयरी उत्पाद
इस मौसम में हर रोज एक बार डेयरी उत्पाद अवश्य लें। दूध, दही, पनीर, चीज आदि में से किसी का भी सेवन कर सकते हैं। डेयरी उत्पादों में अच्छे प्रोटीन, विटामिन और मिनरल होते हैं। यह कैल्शियम से भरपूर होते हैं। लगातार इनके सेवन से हड्डियां मजबूत होती हैं और अतिरिक्त फैट कम होता है। इनमें शुगर लेवल भी कम होता है। अध्ययन नतीजों की मानें तो सर्दियों में गठिया और डायबिटीज के शिकार लोगों को ज्यादा परेशानी होती है। ऐसे में डेयरी उत्पाद उनकी मदद कर सकते हैं। दूध का सेवन रात को खाने के बाद कर सकते हैं। गुनगुना दूध अधिक फायदेमंद होता है। इससे शरीर में गर्माहट बनी रहेगी और ठंड लगने की गुंजाइश नहीं रहेगी। रात में दही का सेवन नुकसानदेह साबित होता है।

आंवला खाएं
बदलते मौसम और सर्दियों में आंवला अमृत जैसा है। इसमें विटामिन सी प्राकृतिक रूप से प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इस छोटे से फल में दो संतरे के जितना विटामिन सी होता है। विटामिन सी को अच्छा एंटी-ऑक्सिडेंट माना जाता है, इसलिए सर्दियों में इसकी उपयोगिता बढ़ जाती है। आंवला खाने से संक्रमण से संबंधित बीमारियां नहीं होतीं। इसमें शुगर कम होती है और फाइबर अधिक होता है, इसलिए इसे प्रतिदिन खाने से पाचन तंत्र भी ठीक रहता है। अगर लंबे समय तक इसे नियमित रूप से खाया जाए तो यह पाचन तंत्र को मजबूत और स्वस्थ बनाता है, साथ ही शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी सुधारता है। आंवला प्रोटीन मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है, इसलिए अगर आप व्यायाम करते हैं तो आंवले का सेवन जरूर करें।

हल्दी
मसालों की रानी हल्दी न केवल रूप संवारती है, बल्कि सर्दियों में या बदलते मौसम में सेहत की देखभाल भी करती है। इसके गुणकारी तत्व संक्रमण के रोग से दूर रखते हैं। इसके सेवन से भूलने की बीमारी का खतरा भी कम हो जाता है। हल्दी को अच्छा एंटी-ऑक्सिडेंट, एंटी-बैक्टीरियल, पेट को साफ रखने वाला और लिवर और हृदय के लिए अच्छा माना जाता है। यह जोड़ों के दर्द को कम करती है और कैंसर पर नियंत्रण में मददगार है। सर्दियों में अक्सर सांस की समस्याएं शुरू हो जाती हैं। एक कप दूध में थोड़ी-सी हल्दी मिला कर गर्म करें और पिएं। यह अस्थमा, खांसी, जुकाम और थकान में रामबाण है। हल्दी और शहद मिला कर खाने से रक्त बढ़ता है।

फल और सब्जियां खाएं
सर्दियों में रंग-बिरंगी सब्जियां और फल खाने से लोग तंदुरुस्त रहते हैं, इसलिए खाने में फल और सब्जियों की मात्रा बढ़ा दें। गाजर, मूली, टमाटर जैसी सब्जियां लेनी चाहिए। इनमें एंटीऑकिसडेंट तत्व होते हैं, जो शरीर से विषाक्त तत्वों को बाहर निकालने में मदद करते हैं। हरे, पीले, लाल और जामुनी रंग के फलों में भी भरपूर मात्रा में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले तत्व होते हैं। इनमें विटामिन ए और विटामिन सी भी खूब होता है। प्रतिदिन एक हरी पत्तेदार सब्जी का सेवन अवश्य करें। इनमें कैलोरी कम होती है। ब्रोकली, पालक, गोभी जैसी सब्जियों में आयरन, कैल्शियम, पोटेशियम और मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में होता है। इनमें विटामिन के, सी, ई और विटामिन बी भी होते हैं। इनमें से विटामिन ‘के’ रक्त के थक्के बनने से रोकता है और आर्थराइटिस जैसी कई बीमारियों से बचाव करता है। हरी पत्तेदार सब्जियां हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाती हैं। 

कार्बोहाइड्रेट ज्यादा लें
दिन जैसे-जैसे छोटे होंगे, वैसे-वैसे डिप्रेशन का खतरा बढ़ता जाएगा। हालांकि अपने खान-पान में कार्बोहाइड्रेट को शामिल कर आप इससे बच सकते हैं। बायोलॉजिकल साइकेट्री के एक अध्ययन में पाया गया कि उच्च कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन खाने से मूड ठीक रहता है। दरअसल, ऐसा इंसुलिन की वजह से भी हो सकता है। कार्बोहाइड्रेट खाने के बाद शरीर इंसुलिन हार्मोन का निर्माण करने लगता है, जो रक्त में ग्लूकोज की मात्रा को नियंत्रित करता है। इसके अलावा इंसुलिन दिमाग में पाए जाने वाले ट्राइपटोफन को भी संचालित करता है, जिससे अच्छा महसूस करने का
संकेत मिलता है। इसके लिए आप अंडे का सफेद वाला हिस्सा, टमाटर, चावल, गेहूं, सेब, ड्राइफ्रूट्स आदि ले सकते हैं।

मांसाहारी हैं तो...
यदि आप मांसाहारी हैं और सर्दी के मौसम में इसकी खपत बढ़ा देते हैं, तो जरा गौर करें। यह आदत आपको मोटापे की ओर खींच सकती है। खासकर रेड मीट यानी मटन से तो तौबा ही कर लें। इसकी बजाय आप चिकन और मछली पर जोर दें। हफ्ते में दो बार चिकन या मछली ले सकते हैं। लेकिन चिकन और मछली का वही हिस्सा खाएं, जिसमें चर्बी की मात्रा कम हो।

मोटापे से बचें
मौसम बदलते ही मोटापे का खतरा बढ़ जाता है। इसका सबसे ज्यादा खतरा सितंबर-अक्तूबर और फरवरी से मार्च में रहता है। यूनिवर्सिटी ऑफ कैम्ब्रिज के शोधकर्ताओं की मानें तो सर्दियों में मोटापे का खतरा 20 फीसदी ज्यादा होता है। सर्दियों की शुरुआत से ही लोग शराब, फास्टफूड, तेल-मसाले और ज्यादा तली-भुनी चीजों पर अपनी निर्भरता बढ़ा देते हैं। यदि मोटापे से बचना है तो इन सब से बचें। बदलते मौसम का सामना करने के लिए प्रोटीनयुक्त चीजें जैसे बादाम, अखरोट, काजू, पिस्ता आदि खाएं। इससे शरीर गर्म रहता है और देर तक भूख नहीं लगती। सर्दियों में ज्यादा ऊर्जा की जरूरत होती है, इसलिए ऐसी चीजें खाएं, जो शरीर को गर्म रखने के अलावा ऊर्जावान भी रखें, साथ ही प्रतिरोधक क्षमता को भी बढा़एं। इस मौसम में संक्रमण से होने वाली बीमारियों का खतरा ज्यादा होता है। प्रोटीन के अलावा फाइबर युक्त खाद्य वस्तुओं का सेवन किया जा सकता है।

इन बातों पर दें खास ध्यान
गाजर, शकरकंद, टमाटर का अधिक मात्रा में सेवन करें, ताकि शरीर को संक्रमण से लड़ने के लिए जरूरी मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट मिल सकें।
सर्दियों में पानी की प्यास कम लगती है, लेकिन शरीर में पानी की कमी न हो, इसके लिए अधिक से अधिक मात्रा में पानी पिएं। हर्बल
चाय पिएं। सुबह एक गिलास गुनगुना पानी पिएं।
सर्दियों में मेवे जरूर खाएं। ये प्रोटीन, फाइबर, फाइटोन्यूट्रिएंट्स और एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं।

ये न सिर्फ बीमारियों से शरीर की रक्षा करते हैं, बल्कि शरीर को भीतर से मजबूत भी बनाते हैं।
विटामिन बी से भरपूर मेवों, अंकुरित अनाज और फलियों का सेवन छाती की जकड़न, सांस लेने में कठिनाई की समस्या को दूर करता है।
लहसुन जरूर खाएं। इसमें ‘एलिन’ नामक फ्लेवरिंग एजेंट होता है, जो कफ के जमाव को दूर करता है।

इन परेशानियों से बचें
खांसी जुकाम की समस्या: इस मौसम में बैक्टीरिया और वायरस सक्रिय हो जाते हैं। ऐसे में खांसी-जुकाम आदि से बचाव के लिए शरीर को बाहर के वातावरण से तालमेल बिठाने लायक बनाना बहुत जरूरी है। इसके लिए शरीर का तापमान ठीक रखें। गर्म पानी से स्नान करें व पीने के लिए गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें। शरीर को गर्म कपड़ों से ढक कर रखें। मुनक्का, गुड़, गाजर, चुकन्दर जैसे आयरन युक्त भोजन लें।

त्वचा का ख्याल रखें: त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए सुबह हल्के गर्म तेल की मालिश करें। त्वचा की आम समस्या के लिए इतना ही पर्याप्त है। अगर आप वात प्रकृति के हैं तो गाय के घी का सेवन करें। इससे त्वचा की मालिश भी कर सकते हैं और खाएं भी।

पेट को रखें दुरुस्त: दही, बैंगन और मखाने का इस्तेमाल कम-से-कम करें। कब्ज की समस्या से परेशान रहते हैं तो त्रिफला का सेवन करें। रात में नियमित रूप से गर्म दूध लें।

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