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पुलिस भर्ती के मुद्दे पर पूर्वांचल में उग्र हुआ छात्र आंदोलन

पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा में धांधली के विरोध में सिटी रेलवे स्टेशन परिसर में शांतिपूर्वक धरने पर बैठे युवक उस समय उग्र हो गए जब गिरफ्तारी देने के बाद भी पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया। बौखलाये...

पुलिस भर्ती के मुद्दे पर पूर्वांचल में उग्र हुआ छात्र आंदोलन
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 25 Mar 2015 09:03 PM
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पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा में धांधली के विरोध में सिटी रेलवे स्टेशन परिसर में शांतिपूर्वक धरने पर बैठे युवक उस समय उग्र हो गए जब गिरफ्तारी देने के बाद भी पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया। बौखलाये युवकों ने प्लेटफार्म नम्बर एक पर तोड़फोड़ शुरू कर दी। आरपीएफ के एक सिपाही की बाइक को रेलवे ट्रैक पर फेंककर उसे आग के हवाले कर दिया। पथराव के दौरान आरपीएफ के एक सिपाही का सिर फूट गया।

करीब आधे घंटे तक युवकों के हुजूम ने प्लेटफार्म पर बवाल मचाया। पथराव से बचने के लिए पुलिसकर्मी इधर-उधर भागते हुए नजर आये। एसपी और एडीएम के पहुंचने पर पुलिसकर्मियों ने हालात पर काबू पाया। गिरफ्तारी देने वाले चार छात्र नेताओं का पुलिस ने चालान कर उन्हें जेल भेज दिया। 27 मार्च को पुलिस भर्ती प्रक्रिया में धांधली के विरोध में होने वाले नगर बंदी अभियान को सफल बनाने के लिए युवकों की टोली बुधवार की सुबह करीब साढ़े नौ बजे सिटी रेलवे स्टेशन परिसर में धरने पर बैठी हुई थी।

कुछ छात्र नेता धरने को सम्बोधित कर रहे थे। धरना पूर्व निर्धारित  था। इसलिए पर्याप्त मात्रा में पुलिस फोर्स भी मौके पर थी। सीओ सिटी कमल किशोर भी वहां डटे हुए थे। करीब साढ़े बारह बजे युवकों की भीड़ धरने से उठकर नगर क्षेत्र में बंदी का एलान करने के लिए आगे बढ़ी। सीओ सिटी ने युवकों को आगे बढ़ने से रोका और कहा कि यदि वह नगर क्षेत्र में जायेंगे तो उन्हें मजबूरन गिरफ्तार करना पड़ेगा।

इस दौरान मौके पर मौजूद चार छात्र नेता प्रदीप कुमार, निवेश पाण्डेय, सचिदानंद गौतम और संदीप राय ने अपनी गिरफ्तारी दे दी। पुलिस इन चारों छात्र नेताओं को गाड़ी में बैठा रही थी तभी युवकों की भीड़ मौके पर नारेबाजी करने लगी। इस दौरान सुहवल एसओ अपने अधिकारियों के परमिशन के बगैर ही युवकों की भीड़ पर लाठीचार्ज शुरू कर दिया।

पुलिस की इस कार्रवाई से युवकों में भदगड़ मच गई। मौके पर मौजूद एसडीएम सदर एके सिंह ने पुलिस को लाठीचार्ज करने से रोका भी लेकिन एसओ सुहवल बिना किसी की परवाह किये अपने सिपाहियों संग युवकों की भीड़ पर लाठी बरसाना जारी रखा। कईं युवक भागकर रेलवे कालोनी के रास्ते प्लेटफार्म नम्बर एक पर पहुंच गये। इसके बाद तो युवकों ने उपद्रव मचाना शुरू कर दिया।

युवकों ने पहले प्लेटफार्म पर बने सीमेंट के बेंच को तोड़कर उसे रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया। इसके बाद आरपीएफ पुलिस चौकी के बाहर खड़ी सिपाहियों की तीन बाइक को भी रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया गया। इसके बाद आक्रोशित युवकों ने आरपीएफ के सिपाही नागेन्द्र सिंह सिंहेल की बाइक को आग के हवाले कर दिया। इस दौरान मौके पर पहुंची सद्भावना एक्सप्रेस ट्रेन को रोक दिया गया।

इसके बाद आक्रोशित युवकों ने पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया। उग्र युवकों का तेवर देख पुलिस बैक फुट पर आ गई। आरपीएफ और जीआरपी के जवान भी मूक दर्शक बनकर खड़े रहे। करीब आधे घंटे तक युवकों ने प्लेटफार्म पर बवाल मचाया। इसके बाद एसपी डॉ. उमेशचंद्र श्रीवास्तव और एडीएम मुरलीधर मिश्रा मौके पर पहुंचे।

पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद हालात पर काबू पाया। बाद में पुलिस गिरफ्तारी देने वाले चारों छात्र नेताओं को थाने ले आई और उनका चालान करने के उन्हें कोर्ट में पेश कर जेल भेजा।

पौन घंटे स्टेशन पर खड़ी रही सदभावना एक्सप्रेस
गाजीपुर। पथराव तथा पुलिस के लाठीचार्ज के चलते वाराणसी की तरफ से आई सद्भावना एक्सप्रेस पौन घंटे तक स्टेशन पर खड़ी रही। जिसके चलते यात्री भी ट्रेन में बैठे रहे। रेलवे स्टेशन का माहौल जब पूरी तरह से सामान्य हो गया, तो उसके बाद पुलिस अधीक्षक उमेश चन्द्र श्रीवास्तव व एडीएम मुरलीधर मिश्र के निर्देश पर ट्रेन को रेलवे के अधिकारियों ने आगे की तरफ रवाना किया।

जीआरपी व आरपीएफ पर नाराज हुए अधिकारी
गाजीपुर। रेलवे स्टेशन पर हुई तोड़फोड़ तथा बाइक फूंके जाने को लेकर एडीएम मुरलीधर मिश्र व पुलिस अधीक्षक डॉ. उमेश चन्द्र श्रीवास्तव ने जीआरपी व आरपीएफ के कर्मियों से नाराजगी व्यक्त की। दोनों अधिकारियों ने कहा कि वह लोकल पुलिस व प्रशासन के संपर्क में क्यों नहीं रहते हैं। जब छात्र व अभ्यर्थी बवाल कर रहे थे, तो उनको सबसे पहले सूचना देनी चाहिए थी।

कहा कि यदि अधिक पुलिस फोर्स होती तो, स्टेशन पर हुई तोड़फोड़ को रोका जा सकता था। जीआरपी व आरपीएफ के कर्मियों ने उनको बताया कि फोर्स कम होने की वजह से वह छात्रों को उपद्रव करने से रोक नहीं पाए।

पथराव करने वालों छात्रों पर एनएसए के संकेत
गाजीपुर। रेलवे स्टेशन में निरीक्षण के दौरान पुलिस अधीक्षक ने कहा कि जिले में छात्रों का बवाल बढ़ता ही जा रहा है। यदि इस पर रोक नहीं लगाई गई, तो निश्चित तौर पर यह और बवाल करेंगे। एडीएम मुरलीधर मिश्र ने भी एसपी से कहा कि वह इस मामले में सख्ती करें, सख्ती नहीं करेंगे, तो छात्रों का रोज रोज बवाल इसी तरह से बढ़ता रहेगा। एसपी उमेश चन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि इन छात्रों व अभ्यर्थियों पर अब एनएसए लगाने की कार्रवाई की जाएगी। तभी यह छात्र शांत होंगे।

स्टेशन पर बंद हो गए खाने पीने के स्टाल
गाजीपुर। रेलवे स्टेशन में छात्रों व अभ्यर्थियों ने जैसे ही तोड़फोड़ व पथराव करना शुरू किया, तो प्लेटफार्म एक व दो लगे खाने पीने के सभी स्टाल बंद हो गए। दुकानदारों ने तत्काल अपनी दुकान से सारा सामान सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। यही नहीं प्लेटफार्म नंबर एक पर स्थित सामाजिक, राजनैतिक व अन्य किताबों के लगने वाला स्टाल भी बंद हो गया। दुकानदार काफी देर तक बवाल सामान्य होने का इंतजार करते रहे। पुलिस ने जब सभी छात्रों को खदेड़ दिया, और भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी देखने के लगभग डेढ़ घंटे बाद उन लोगों ने अपनी अपनी दुकानें खोली।

ट्रेन से जाने वाले यात्री भी हुए इधर उधर
गाजीपुर। छात्रों ने जब रेलवे स्टेशन पर बवाल और तोडम्फोडम् करना शुरू किया, तो प्लेटफार्म नंबर एक व दो में बैठे यात्रियों में अफरा तफरी मच गई। कोई यात्री इधर भाग रहा था तो कोई यात्री दूसरी तरफ भाग रहा था। कुछ यात्रियों को बलिया जाने के लिए सद्भावना समेत अन्य ट्रेन पकड़नी थी, लेकिन डर तथा किसी अप्रिय घटना के चलते सभी यात्री रेलवे स्टेशन से इधर उधर अपनी जान बचाकर निकल गए। नगर के स्टीमरघाट निवासी शिवम राय ने बताया कि उनको सद्भावना से बलिया जाना था, लेकिन बवाल के चलते वह ट्रेन से नहीं गए। अब रोडवेज बस से बलिया जाएंगे।

मजदूरों से हटवाई गईं कुर्सियां

गाजीपुर। रेलवे स्टेशन पर जब बवाल शांत हो गया, तो रेल अधिकारियों ने मजदूरों को लगवाकर रेलवे की पटरी पर फेंकी गई यात्रियों के बैठने वाली कुर्सियों को उठवाया। कुर्सियों को उठाने में मजदूरों के साथ पुलिस कर्मी भी लगे रहे। पटरियों पर फेंके जाने के चलते कुछ कुर्सियां टूट भी गई थी। किसी तरह से पटरियों पर फेंकी गई सभी एक दर्जन से अधिक कुर्सियों को वापस प्लेटफार्म पर रखवाया गया।

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