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फसलों की बर्बादी से 10 और किसानों की मौत

बेमौसम बारिश और ओलों की मार से खेती की बरबादी के कारण किसानों की मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है। शुक्रवार को उत्तर प्रदेश में नौ और किसानों की मौत हो गई। फसलों की बर्बादी से सदमे में आए जालौन के...

फसलों की बर्बादी से 10 और किसानों की मौत
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 28 Mar 2015 12:12 AM
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बेमौसम बारिश और ओलों की मार से खेती की बरबादी के कारण किसानों की मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है। शुक्रवार को उत्तर प्रदेश में नौ और किसानों की मौत हो गई। फसलों की बर्बादी से सदमे में आए जालौन के विरगुवां गांव व फरुखाबाद के नगला नरायनपुर गांव में एक-एक किसान ने फांसी लगाकर जान दे दी, वहीं झांसी में बुखरा गांव निवासी किसान की सदमे से मौत हो गई।

चित्रकूट के मानिकपुर में भी फसल की बर्बादी देख किसान की हार्ट अटैक से मौत हो गई। उधर, रुहेलखंड के बरेली में सूदखोरों से परेशान एक किसान ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली, जबकि बदायूं में परेशान किसान फांसी पर झूल गया। उधर, पीलीभीत में सदमे की वजह किसान को हार्ट अटैक हो गया।

अलीगढ़ के अतरौली में बैंक से रिकवरी नोटिस आ जाने से परेशान किसान ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। वहीं बरला क्षेत्र में भी एक किसान की सदमे से मौत हो गई। वहीं, फिरोजाबाद के बसई मोहम्मदपुर क्षेत्र में गुरुवार की रात एक किसान ने आत्मघाती कदम उठा लिया। उसने खेत में स्थित नीम के पेड़ से फांसी लगा अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।

डीएम तुरंत मौके पर जाकर सच्चाई जानें: सीएम
लखनऊ। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि किसी भी किसान द्वारा आत्महत्या करने की खबर मिलने पर वे तत्काल मौके पर जाकर आत्महत्या के वास्तविक कारणों की जानकारी हासिल करें।

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों सहित सभी प्रशासनिक अधिकारियों से यह अपेक्षा भी की है कि वे ऐसे मामलों में तथ्यों का पता लगाकर अपनी रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराएं। ताकि प्रभावित परिवार के साथ इंसाफ किया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के हितों के प्रति बेहद संवेदनशील है और उनकी मदद के लिए प्रभावी कार्रवाई कर रही है।

पूरक शपथ पत्र मांगा
लखनऊ। बीते दिनों हुई बारिश और ओला गिरने से फसलें तबाह होने के सिलसिले में दायर याचिका पर हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने याचिकाकर्ता से एक सप्ताह के भीतर पूरक शपथपत्र दाखिल करने का आदेश दिया है।

यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी तथा न्यायमूर्ति रितुराज अवस्थी की खण्डपीठ ने दिया है। याचिकाकर्ता सत्येन्द्र कुमार ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि बेमौसम हुई बारिश और ओला गिरने से किसानों की फसलें तबाह हुई हैं। इससे किसानों का जो नुकसान हुआ है कि उसे केन्द्र और राज्य सरकार भरपायी करें।

कोर्ट ने कहाकि यह याचिका पूरी तरह से अखबारों में प्रकाशित खबरों पर आधारित है। याचिकाकर्ता ने स्वयं कोई शोध कार्य करके सामग्री कोर्ट के सामने नहीं पेश की।

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