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Hindi Newsअंडर-16 महिला फुटबॉल टीम की कप्तान विदेश में बजाकर आई बिहार का डंका

अंडर-16 महिला फुटबॉल टीम की कप्तान विदेश में बजाकर आई बिहार का डंका

सिवान जिले के मैरवा की अमृता कुमारी। कठिन संघर्ष व मेहनत के दम पर अंडर 16 महिला फुटबॉल टीम का कप्तान बन गई। उबड़ खाबड़ गांव के छोटे से ग्राउंड पर खेलकर बिहार का नाम ऊंचा करने वाली अमृता की उपलब्धि की...

अंडर-16 महिला फुटबॉल टीम की कप्तान विदेश में बजाकर आई बिहार का डंका
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 25 Oct 2014 07:13 PM
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सिवान जिले के मैरवा की अमृता कुमारी। कठिन संघर्ष व मेहनत के दम पर अंडर 16 महिला फुटबॉल टीम का कप्तान बन गई। उबड़ खाबड़ गांव के छोटे से ग्राउंड पर खेलकर बिहार का नाम ऊंचा करने वाली अमृता की उपलब्धि की कोई सुध लेने वाला नहीं है। तभी तो उसके स्वागत में कोई एयरपोर्ट नहीं पहुंचा। एशियन एएफसी अंडर 16 क्वालिफायर मैचों में देश का नेतृत्व करने वाली बिहार की बेटी पटना एयरपोर्ट पर दो घंटे तक इंतजार की।

उसके स्वागत में न तो खेल विभाग के कोई अधिकारी पहुंचे और न ही बिहार फुटबॉल संघ के। गरीबी की मार ङोलकर भी खेल का जज्बा कायम करने वाली अमृता ने एयरपोर्ट पर किसी दूसरे व्यक्ति से मोबाइल लेकर अपने निजी कोच संजय पाठक को फोन किया। सूचना पर हाजीपुर से श्री पाठक तीन अन्य खिलाड़ियों संग एयरपोर्ट पहुंचे। उसके बाद उसे पटना जंक्शन स्थित ऑटो स्टैंड से ऑटो पकड़ हाजीपुर ले गए। खास बात यह कि अमृता के मन में फिर भी कोई गिले शिकवे नहीं हैं।

बल्कि वह तो कहती है कि चाहे जो हो जाए उसे अपने बिहार का नाम रोशन करना है। अब तक दो देशों में अपनी प्रतिभा का डंका बजा चुकी अमृता के पिता आज भी मैरवा में ठेले पर सब्जी बेचने का काम करते हैं। सब्जी बेचने से जो आमद होती है उसी से घर का खर्च चलता है। मां हाउस वाइफ हैं। पांच भाई बहनों में वह सबसे बड़ी है। वह कहती है कि अपने खेल के दम पर ही वह घर की गरीबी को दूर करेगी। उसने बताया कि सीएम समेत खेल मंत्री और विभाग से अनुरोध करने के बाद भी मैरवा का खेल ग्राउंड ठीक नहीं हो सका है। जबकि इसी ग्राउंड पर वहां के रानी लक्ष्मीबाई फुटबॉल क्लब की 80 लड़कियां प्रैक्टिस करती हैं।

क्वालिफाई नहीं करने का मलाल
अमृता बताती हैं कि ढाका में ईरान, संयुक्त अरब अमीरात, बांग्लादेश और जॉर्डन के खिलाफ उसने भारत का प्रतिनिधित्व किया। एशियन एएफसी अंडर 16 क्वालिफायर के चार मैचों में उसने अपनी टीम को तीन मैच जिताया। लेकिन टीम आखिरी मैच में ईरान से एक गोल से हार गई। इसके चलते भारत की टीम वर्ष 2015 में चीन में होने वाले एशियन एएफसी अंडर 16 में क्वालिफाई नहीं कर सकी।

अमृता ने बताया कि उसे इसका मलाल रहेगा। लेकिन साथ ही उसने जोशीले अंदाज में कहा कि आगे अपने प्रदर्शन से बिहार समेत पूरे देश में फुटबॉल का झंडा गाड़ना है। इसके पहले अमृता ने बतौर खिलाड़ी इंडिया की अंडर 14 महिला फुटबॉल टीम को श्रीलंका में विजेता बनाने में अपनी भूमिका निभाई थी। टीम में वह मेन स्टॉपर की भूमिका निभाती है।

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