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22 स्टेशनों पर स्काईवॉक और एफओबी

बैंकाक, सिंगापुर और मलेशिया की तर्ज पर अब दिल्ली में भी मेट्रो स्टेशनों के साथ लगते भीड़ भरे चौराहों (ट्रैफिक जंक्शन) पर स्काईवॉक, अंडरपास, सबवे और फुटओवर ब्रिज (एफओबी) जैसी सुविधाएं मुहैया कराई...

22 स्टेशनों पर स्काईवॉक और एफओबी
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 30 Aug 2014 11:13 AM
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बैंकाक, सिंगापुर और मलेशिया की तर्ज पर अब दिल्ली में भी मेट्रो स्टेशनों के साथ लगते भीड़ भरे चौराहों (ट्रैफिक जंक्शन) पर स्काईवॉक, अंडरपास, सबवे और फुटओवर ब्रिज (एफओबी) जैसी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। इस योजना के तहत 66 में से 22 मेट्रो स्टेशनों पर डिजाइन तैयार कर लिया गया है। यहां पर जल्द काम शुरू होगा।

दिल्ली में पैदल यात्रियों के साथ होने वाले सड़क हादसों और ट्रैफिक जंक्शन पर लोगों की भीड़ कम करने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने गत वर्ष एक योजना तैयार कर यूटीपैक को सौंपी थी। मल्टी मॉडल इंटीग्रेशन (एमएमआई) योजना के तहत मेट्रो स्टेशन और ट्रैफिक जंक्शन पर लोगों को ऐसी सुविधा प्रदान की जाएगी, जिससे कि उन्हें आसपास जाने के लिए सड़क का कम से कम इस्तेमाल करना पड़े। इसके चलते नए मेट्रो स्टेशनों (खासतौर पर इंटरचेंज स्टेशन) के साथ लगते ट्रैफिक जंक्शन पर स्काईवॉक बनाया जाएगा।

मेट्रो पिलर के नीचे लंबे स्काईवॉक बनेंगे। जहां स्काईवॉक खत्म होगा, वहां से निकटवर्ती मॉल, शोरूम, सिनेमा हॉल, मार्केट या दफ्तर के मुख्य गेट तक फुटओवर ब्रिज (एफओबी) बनेगा। कई स्थानों पर जहां नई मेट्रो लाइन के पिलर की ऊंचाई कम रखी गई है, उसे डेढ़ मीटर तक बढमने का प्रावधान किया जा रहा है। सड़क के किनारों के अलावा मेट्रो पिलर के नीचे भी लंबे स्काईवॉक बनाए जाएंगे। एमएमआई का डिजाइन तैयार करने की योजना में ट्रैफिक पुलिस के साथ डीएमआरसी, लोक निर्माण विभाग और दिल्ली विकास प्राधिकरण को भी शामिल किया गया है। 

स्काईवॉक का फायदा: स्काईवॉक के कई फायदे होंगे। जैसे, मेट्रो से उतरने वाले लोगों की ट्रैफिक जंक्शन पर भीड़ नहीं लगेगी। उन्हें वहां से आगे जाना है तो परिवहन का साधन मेट्रो की सीढियों के समीप से ही मिल जाएगा। दूसरा, पैदल यात्रियों के साथ होने वाले सड़क हादसे भी कम होंगे। लोगों को सड़क पार करने या पैदल चलने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वे सुरक्षित तरीके से अपने गन्तव्य तक पहुंच जाएंगे। इसके अलावा कई स्टेशनों से फीडर बस भी उपलब्ध है।

सड़क पार करने में कोई दिक्कत नहीं होगी
यदि कहीं पर मेट्रो का इंटरचेंज स्टेशन है और वहां पर प्रति मिनट मेट्रो आ रही है तो कम से कम एक मेट्रो से 50-100 यात्री ट्रैफिक जंक्शन पर पहुंचते हैं। ट्रैफिक पुलिस ने अपने एक सर्वे में बताया था कि 125 नए मेट्रो स्टेशनों में से केवल 67 पर ही सुरक्षित तरीके से सड़क पार करने की सुविधा है। नई व्यवस्था से लोगों को सड़क पार करने में दिक्कत नहीं होगी। साथ ही, उनका दफ्तर और मॉल पहुंचना आसान हो जाएगा।

कुछ स्टेशन पर फीडर सेवा
जिन स्टेशन पर स्काईवॉक, अंडरपास, सबवे और फुटओवर ब्रिज संभव नहीं होगा, वहां मेट्रो स्टेशन से मात्र दो मीटर की दूरी पर ऑटो, टैक्सी, बस या मेट्रो फीडर सेवा मिलेगी। इससे मेट्रो स्टेशन के आसपास स्थित मॉल, सिनेमा, दफ्तर और मार्केट तक सीधे एवं सुरक्षित पहुंचा जा सकेगा।

इन स्टेशन का डिजाइन तैयार
फिलहाल जिन मेट्रो स्टेशनों पर मल्टी मॉडल इंटीग्रेशन (एमएमआई) योजना का डिजाइन तैयार किया गया है, उनमें मुख्यत: राजौरी गार्डन मेट्रो स्टेशन, नेताजी सुभाष पार्क, वेलकम, आश्रम, आईटीओ, लाजपत नगर, आरके पुरम, मयूर विहार, हौजखास, कालकाजी, आईएनए धौलाकुआं और जनकपुरी आदि शामिल हैं। 

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