सिख अपने मामलों में दखल बर्दाश्त नहीं करेंगे: बादल
विभिन्न सिख नेता आज यहां मिले और कांग्रेस के नेतृत्व वाली हरियाणा सरकार पर समुदाय को बांटने और कमजोर करने की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए इसे नाकाम करने के आंदोलन में शिरकत करने की इच्छा...
विभिन्न सिख नेता आज यहां मिले और कांग्रेस के नेतृत्व वाली हरियाणा सरकार पर समुदाय को बांटने और कमजोर करने की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए इसे नाकाम करने के आंदोलन में शिरकत करने की इच्छा जताई।
हरियाणा सरकार द्वारा सिख समुदाय के विरोध और केन्द्र के निर्देश के बावजूद राज्य विधानसभा में हरियाणा सिख गुरुद्वारा (प्रबंधन) विधेयक 2014 को अधिसूचित किए जाने की पृष्ठभूमि में इस बैठक का आयोजन किया गया।
बैठक को संबोधित करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख प्रकाश सिंह बादल ने स्पष्ट किया कि सिख समुदाय अपने धार्मिक मामलों में दखल कभी बर्दाश्त नहीं करेगा।
उन्होंने कहा कि हमारे लिए अकाल तख्त सर्वोपरि है। दुनियाभर के सिख इसका पालन करते हैं। यहां तक कि महाराजा रणजीत सिंह को जब भी बुलाया जाता था वह एक विनम्र सिख के रूप में इसके सामने पेश होते थे। हमारे लिए यह बर्दाश्त के बाहर है कि कोई अकाल तख्त की हुकूमत को चुनौती दे।
मुख्यमंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी पंजाब, हरियाणा या भारत की नहीं है बल्कि यह दुनियाभर के सिखों की प्रतिनिधि संस्था है। उन्होंने कहा कि दुनिया में किसी भी सिख को यदि कोई समस्या होती है तो एसजीपीसी उसकी मदद के लिए आगे आती है। एसजीपीसी को कोई भी नहीं और यहां तक कि हरियाणा सरकार तो बिलकुल नहीं बांट सकती।