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मोदी बोले, सरदार पटेल के बिना अधूरे थे महात्मा गांधी

देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में समर्पित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि जो राष्ट्र अपने इतिहास का सम्मान नहीं करता, वह इसका सृजन...

मोदी बोले, सरदार पटेल के बिना अधूरे थे महात्मा गांधी
एजेंसीFri, 31 Oct 2014 01:36 PM
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देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में समर्पित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि जो राष्ट्र अपने इतिहास का सम्मान नहीं करता, वह इसका सृजन नहीं कर सकता। उन्होंने वर्ष 1984 में आज ही के दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए सिख विरोधी दंगों का अप्रत्यक्ष जिक्र भी किया। 

लौह पुरुष के तौर पर लोकप्रिय सरदार पटेल के सम्मान में आयोजित समारोह में उनके योगदान को रेखांकित करते हुए सरकार ने स्पष्ट किया कि यह पहल किसी अन्य नेता के योगदान को कमतर करने का प्रयास नहीं है। मोदी ने कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि जो राष्ट्र अपने इतिहास का सम्मान नहीं करता है, वह इसका सृजन कभी नहीं कर सकता, इतिहास, विरासत को विचारधारा के संकीर्ण दायरे में विभाजित मत कीजिये।

देश के पहले गृह मंत्री सरदार पटेल के 139वें जन्मदिन को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने रन फॉर यूनिटी को हरी झंडी दिखाई। मोदी ने कहा कि सरदार पटेल ने अपना पूरा जीवन देश की एकता के लिए समर्पित कर दिया और यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि 30 वर्ष पहले उनकी जयंती पर हमारे अपने लोग मारे गए। उनकी टिप्पणी एक तरह से वर्ष 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए दंगों को लेकर थी।

मोदी ने कहा कि अपने राजनीतिक जीवन में बाधा आने के बावजूद पटेल राष्ट्रीय एकता की अपनी सोच से कभी विचलित नहीं हुए। यह देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है कि 30 वर्ष पहले ऐसे नेता की जयंती पर ऐसी घटना हुई जिसने राष्ट्र की एकता को हिला दिया। मोदी ने कहा कि हमारे अपने लोगों मौत के घाट उतार दिया गया। यह घटना एक विशेष धर्म के लोगों के दिलों पर ही घाव नहीं है बल्कि हजारों वर्ष की देश की धरोहर एवं संस्कति के हदय में लगा खंजर है। उन्होंने यह भी कहा कि आज पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि है।

स्वतंत्रता आंदोलन में सरदार पटेल के योगदान को याद करते हुए मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी ने उन्हें ऐतिहासिक दांडी यात्रा की योजना बनाने का दायित्व सौंपा था, जिसे उन्होंने सफलतापूर्वक पूरा किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हम रामकृष्ण परमहंस को देखते हैं, तब ऐसा लगता है कि वह स्वामी विवेकानंद के बिना पूर्ण नहीं हैं। इसी तरह से जब हम महात्मा गांधी को देखते हैं तब भी वह सरदार पटेल के बिना अधूरे प्रतीत होते हैं।

इससे पहले प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि अगर सरदार पटेल देश के पहले प्रधानमंत्री होते, तब इतिहास कुछ और होता। ऐसा कई लोग महसूस करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि समारोह का उद्देश्य किसी दूसरे राजनीतिक नेता के योगदान को कमतर करना नहीं है। संघ का हमेशा से यह मानना रहा है कि उत्तरोत्तर सरकारों ने जवाहर लाल नेहरु और नेहरु गांधी परिवार के योगदान को दूसरों से अधिक तवज्जो दी।

रन फॉर यूनिटी को हरी झंडी दिखने के बाद मोदी ने कुछ दूर तेज चलकर दौड़ का नेतृत्व भी किया। इस दौड़ में सुशील कुमार, विजेन्दर सिंह, वीरेन्द्र सहवाग और गौतम गंभीर जैसे खिलाड़ियों ने भी हिस्सा लिया। केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज, वेंकैया नायडू, अरुण जेटली एवं अन्य के साथ प्रधानमंत्री ने दौड़ में हिस्सा लेने वालों को एकता की शपथ दिलायी। इससे पहले मोदी ने पटेल चौक पर सरदार पटेल की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की जिसे इस अवसर पर सजाया गया था।

सरदार पटेल की तुलना चाणक्य से करते हुए मोदी ने कहा कि देश सरदार पटेल को कभी नहीं भूल सकता। शताब्दियों पहले, चाणक्य ने छोटी रियासतों को एकजुट करके एक मजबूत ढांचा स्थापित करने का सफल प्रयोग किया था। उन्होंने कहा कि  आजादी के बाद यही काम उस व्यक्ति सरदार वल्लभभाई पटेल ने किया जिनकी आज हम जयंती मना रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक ऐसा व्यक्ति जिसने अपना पूरा जीवन भारत की एकता के लिए समर्पित कर दिया उसे अपने राजनीतिक जीवन में विरोध और आलोचनाओं का सामना करना पड़ा लेकिन वह देश को एकजुट रखने के अपने लक्ष्य से कभी विचलित नहीं हुआ। रन फॉर यूनिटी में हिस्सा लेने वाले लोगों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि  हमारी संस्कृति और विरासत विविधता में एकता की है। हमें जाति, समुदाय, भाषा के विभेदों से उपर उठना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरदार पटेल ने अपने कौशल, दूरदृष्टि और देशभक्ति से देश को एक सूत्र में पिरोया। विभाजन के बाद देश को एकजुट रखने में पटेल के योगदान को याद करते हुए मोदी ने कहा कि सरदार पटेल ने भारत को कई छोटे क्षेत्रों में विभाजित करने की अंग्रेजों की योजना ध्वस्त कर दी। उन्होंने अकेले सभी 550 क्षेत्रों का देश में विलय किया।

मोदी ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ स्वतंत्रता संघर्ष में किसानों को एकजुट करने की सरदार पटेल की दूरदृष्टि और कूटनीतिक क्षमता की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में किसानों को एक ताकत के रूप में एकजुट करने के उनके कार्य ने अंग्रेजों के भारत को छोटे हिस्सों में बांटने के सपने को ध्वस्त कर दिया। लोगों से जातिवाद, साम्प्रदायिकता और भाषायी बाधाओं से उपर उठने का आहवान करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, सरदार पटेल ने हमें एक भारत दिया, हमें इसे महान भारत बनाना है।

रन फॉर यूनिटी को हरी झंडी दिखने के बाद इसमें हिस्सा लेने वाले लोगों ने प्रधानमंत्री से उनकी अगुवाई करने का आग्रह किया और मोदी ने कुछ दूर तक उनका नेतृत्व किया। सरदार पटेल के योगदान को रेखांकित करते हुए केंद्रीय मंत्री नायडू ने कहा कि एक छात्र के रूप में मैं सोचता था कि इतिहास ने सरदार पटेल के साथ न्याय नहीं किया, जिन्होंने अकेले देश को एक सूत्र में पिरोने का काम किया। अगर सरदार पटेल देश के पहले प्रधानमंत्री होते, तब देश की किस्मत अलग होती, स्थिति भिन्न होती। सरदार पटेल की दृढ़ सोच और महान दृष्टि (विजन) की प्रशंसा करते हुए उन्होंने सवाल किया कि क्या हमारे इतिहास की पुस्तक में उनके योगदान का सही चित्र प्रस्तुत किया गया है, उन्होंने कहा कि इस सरकार का उद्देश्य ऐसा करना है।

देश के प्रथम गृह मंत्री सरदार पटेल की जयंती पर 31 अक्टूबर को 'रन फॉर यूनिटी' का आयोजन किया जा रहा है। इस दिन 'राष्ट्रीय एकता दिवस' भी मनाया जाता है।

सरदार पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मोदी के साथ इस दौरान रक्षा व वित्त मंत्री अरुण जेटली, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू, दिल्ली के उप राज्यपाल नजीब जंग भी मौजूद थे। सभी नेताओं ने संसद भवन के नजदीक पटेल चौक पर सरदार पटेल की बड़ी तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित की।

'रन फॉर यूनिटी' को हरी झंडी दिखाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के अवसर पर आयोजित 'रन फॉर यूनिटी' दौड़ को हरी झंडी दिखाई। विजय चौक पर दौड़ के लिए हरी झंडी दिखाने के बाद मोदी राजपथ पर चलते हुए इंडिया गेट की तरफ गए। इस दौड़ में सैंकड़ों लोग हिस्सा ले रहे हैं।

इतिहास को विभाजित नहीं करना चाहिए: मोदी
नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि अपने सिद्धांतों के आधार पर देश को इतिहास और विरासत को विभाजित नहीं करना चाहिए। मोदी ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जंयती के अवसर पर देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि जो देश इतिहास को भूल जाता है, वह इतिहास नहीं बना सकता, इसलिए आकांक्षाओं से भरे देश, एक देश जिसके युवा सपनों से भरे हैं, उसके लिए हमें अपने ऐतिहासिक हस्तियों को नहीं भूलना चाहिए। देश को अपने सिद्धांतों के आधार पर अपने इतिहास और विरासत को विभाजित नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज प्रेरणा का दिन है, जब हम सरदार पटेल को याद कर रहे हैं।

राष्ट्रीय एकता दिवस पर दिलाई शपथ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के प्रथम गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की 139 जयंती पर देशवासियों को एकता की शपथ दिलाई।

शपथ के अंश इस प्रकार हैं-

मैं सत्यनिष्ठा से यह शपथ लेता हूं कि मैं स्वयं को देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा के लिए समर्पित करता हूं और अपने देशवासियों के बीच यह संदेश फैलाने का भी प्रयत्न करूंगा। मैं यह शपथ देश की एकता की भावना से ले रहा हूं, जिसे सरदार पटेल की दूरदर्शिता एवं कार्य द्वारा संभव बनाया जा सका। मैं अपने देश की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने में अपने योगदान का सत्यनिष्ठा से संकल्प करता हूं।

हैदराबाद में राजनाथ ने दिखाई हरी झंडी
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को सरदार वल्लभ भाई पटेल की 139वीं जयंती पर हैदराबाद में 'रन फॉर यूनिटी' को हरी झंडी दिखाई। उन्होंने विधानसभा के नजदीक सरदार पटेल की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित करने के बाद दौड़ को हरी झंडी दिखाई। इस दौड़ में कई लोगों ने हिस्सा लिया, जिनमें अधिकांश भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ता थे। कई ने राष्ट्रध्वज अपने हाथ में ले रखा था। भाजपा की तेलंगाना इकाई के अध्यक्ष जी.किशन रेड्डी, पार्टी सांसद बंडारु दत्तात्रेय भी इस दौरान मौजूद थे। इसके बाद राजनाथ ने सरदार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारियों के पासिंग आउट परेड में शिरकत की।

1984 का दंगा देश की एकता पर प्रहार: मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1984 के सिख विरोधी दंगे को देश की एकता पर प्रहार करार देते हुए इस पर दुख जताया। देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की 139वीं जयंती पर विजय चौक पर आयोजित 'रन फॉर यूनिटी' कार्यक्रम में मोदी ने कहा कि हमारे अपने लोग मारे गए, हमला किसी खास समुदाय पर नहीं किया गया था, बल्कि यह पूरे राष्ट्र पर था। यह देश की छाती में छुरा घोंपने जैसा था।

पटेली की जयंती को 'राष्ट्रीय एकता दिवस' के रूप में मनाया जा रहा है। मोदी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश की एकता के लिए अपना जीवन समर्पित कर देने वाले व्यक्ति के जन्मदिन पर ही 30 साल पहले एक दुखद घटना हुई, जिसने देश को हिलाकर रख दिया। गौरतलब है कि 31 अक्टूबर, 1984 को देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की अपने ही सुरक्षा कर्मी द्वारा गोली मारकर हत्या किए जाने के बाद भड़के सिख विरोधी दंगे में 3,000 से अधिक लोग मारे गए थे। इंदिरा गांधी की हत्या सिख आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सेना के स्वर्ण मंदिर में दाखिल होने के विरोध में की गई थी।

'रन फॉर यूनिटी' में दौड़े हजारों मुंबईवासी
सितारों की नगरी मुंबई में शुक्रवार को स्वतंत्र भारत के प्रथम गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर आयोजित दो किलोमीटर लंबी दौड़ 'रन फॉर यूनिटी' में मुंबईवासियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.वी. राव ने दक्षिणी मुंबई स्थित नरिमन प्वाइंट से दौड़ को हरी झंडी दिखाई, जो मरीन ड्राइव पर पारसी जिमखाने के करीब संपन्न हुई। चूंकि यह दिन राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जा रहा है, इसलिए राव ने दौड़ से पूर्व 'राष्ट्रीय एकात्मता शपथ' दिलाई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनने जा रहे देवेंद्र फड़णवीस, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, पीयूष गोयल और रावसाहेब दानवे, मुंबई के महापौर स्नेहल अंबेडकर और अन्य गणमान्य लोगों ने भी दौड़ में भाग लिया। वहीं, स्कूल और कॉलेज के हजारों विद्यार्थी भी पूरे जोश के साथ इसमें शामिल हुए।

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