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मोदी-मर्केल ने कहा, विकास के लिए बेहतर माहौल बनाने के लिए प्रतिबद्ध

पीएम नरेंद्र मोदी ने बेंगलुरु में नेसकॉम द्वारा आयोजित इंडो जर्मन समिट में कहा कि वह देश में बिजनेस और इंडस्ट्री के लिए बेहतर माहौल बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके लिए उनकी सरकार त्वरित गति से...

मोदी-मर्केल ने कहा,  विकास के लिए बेहतर माहौल बनाने के लिए प्रतिबद्ध
एजेंसीWed, 07 Oct 2015 01:21 AM
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पीएम नरेंद्र मोदी ने बेंगलुरु में नेसकॉम द्वारा आयोजित इंडो जर्मन समिट में कहा कि वह देश में बिजनेस और इंडस्ट्री के लिए बेहतर माहौल बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके लिए उनकी सरकार त्वरित गति से इंडस्ट्री और इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए अनुमति और क्लीयरेंस दे रही है।

पीएम मोदी ने कहा कि हमने निवेशकों की लंबे समय से चली आ रही चिंताओं को दूर करने के लिए निर्णायक कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि उम्मीद है, जीएसटी 2016 में लागू कर दिया जाएगा। पीएम ने कहा कि वैश्विक नरमी के इस दौर में भारत निवेश के लिए आकर्षक गंतव्य है। उन्होंने कहा कि बौद्धिक संपदा अधिकार के लिए एक व्यापक राष्ट्रीय नीति तैयार की जा रही है, यह प्रगतिशील और भविष्योन्मुखी होगी।

वहीं, जर्मन चांसलर ने भारतीय उद्योगपतियों से जर्मनी में निवेश करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जर्मनी में निवेश के लिए भारतीय निवेशकों का स्वागत है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों में विकास को लेकर डिजिटलाइजेशन, इंफ्रास्ट्रक्चर और ऊर्जा के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि बेंगलुरु में लगभग 170 कंपनियां हैं। ये तथ्य दोनों देशों के बीच बेहतर संबंधों का प्रमाण है।

आइए जानें भारत और जर्मनी के बीच हुए समझौते आम आदमी के लिए क्यों अहम हैं।

बढ़ेगा रोजगार
-लाल फीताशाही कम करने पर भारत-जर्मनी में बनी सहमति, उद्योगों को मंजूरी देने की प्रक्रिया होगी सरल
-भारत में फैक्टरी लगाएंगी जर्मन कंपनियां, निर्माण को मिलेगा बढ़ावा, युवाओं के लिए पैदा होंगी नौकरियां

निखरेगा हुनर
-कौशल विकास के लिए वोकेशनल प्रशिक्षण केंद्र खोलने में भारत की मदद करेगा जर्मनी
-युवाओं को तकनीकी ज्ञान और रोजगार परक शिक्षा मिलेगी, खुद का कारोबार कर सकेंगे शुरू

सुधरेगी खेती
-किसानों और विशेषज्ञों को आधुनिक खेती का हुनर सिखाएगा जर्मनी, नई तकनीक भी करेगा साझा
-फसलों को नुकसान से बचाने वाले उत्पाद भी देगा, अनाज उत्पादन में वृद्धि होने से घटेगी महंगाई

बेहतर आबोहवा
-सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने और पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता घटाने को दो अरब यूरो की सहायता देगा जर्मनी
-2030 तक कार्बन उत्सर्जन में 30 से 35 फीसदी की कमी लाने की प्रतिबद्धता पूरी करने में भारत को मिलेगी मदद

तरक्की के मौके
-युवा वैज्ञानिकों को शोध कार्यों में आर्थिक, तकनीकी और शैक्षणिक सहयोग देने को राजी हुआ जर्मनी
-कॉरपोरेट कर्मचारियों के लिए चलएगा प्रशिक्षण कार्यक्रम, पेशेवर जिंदगी में बढ़ेंगे तरक्की के अवसर

भारत-जर्मनी व्यापारिक संबंध
-16वीं सदी में भारत और जर्मनी के बीच समुद्र के रास्ते से व्यापारिक संबंधों की हुई थी शुरुआत
-19वीं सदी में कोलकाता-लंदन के बीच पहली विदेशी टेलीग्राफ लाइन जर्मन कंपनी सीमेंस ने ही की थी स्थापित
-व्यापारिक संबंधों के लिहाज से अभी यूरोपीय संघ का पहला और दुनिया का छठा सबसे अहम

साझेदार है जर्मनी
-मशीन, इलेक्ट्रॉनिक तकनीक, रसायन, धातु, ऑटोमोबाइल और स्वचालित कलपुर्जे जर्मनी से मंगाता है भारत
-टेक्सटाइल, चमड़ा, अनाज, चुनिंदा रसायन और इलेक्ट्रॉनिक तकनीक के आयात को भारत पर निर्भर है जर्मनी

उछाल
-1990 में आर्थिक सुधारों की शुरुआत के बाद से व्यापारिक संबंधों में हुई बढ़ोतरी
-2.7 अरब यूरो से बढ़कर 2014 में 16 अरब यूरो तक पहुंच गया द्विपक्षीय कारोबार

उत्साह
-2015 के शुरुआती सात महीनों में 13 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज की गई द्विपक्षीय कारोबार में
-17.5 फीसदी बढ़ा जर्मन उत्पादों का आयात, 8.1 फीसदी वृद्धि हुई भारतीय उत्पादों के निर्यात में

उद्योग
-17 सौ के करीब जर्मन कंपनियां हैं भारत में
-04 लाख से ज्यादा भारतीय इनमें करते हैं काम

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