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बटन दबाते ही एक-दो नहीं पहुंच जाएंगी पांच पीसीआर

दिल्ली-एनसीआर सहित 114 शहरों की महिलाएं एक मजबूत सुरक्षा घेरे में रहेंगी। उनके साथ कहीं भी कोई घटना होती है तो वे मौके से ही पुलिस को सूचना दे सकेंगी। दो-तीन मिनट बाद वहां पर एक-दो नहीं, बल्कि पांच...

बटन दबाते ही एक-दो नहीं पहुंच जाएंगी पांच पीसीआर
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 20 Aug 2014 10:01 AM
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दिल्ली-एनसीआर सहित 114 शहरों की महिलाएं एक मजबूत सुरक्षा घेरे में रहेंगी। उनके साथ कहीं भी कोई घटना होती है तो वे मौके से ही पुलिस को सूचना दे सकेंगी। दो-तीन मिनट बाद वहां पर एक-दो नहीं, बल्कि पांच पुलिस वैन पहुंच जाएंगी।

पीडित महिला की कॉल पुलिस कंट्रोल रूम के साथ-साथ संबंधित पीसीआर पर भी सीधी पहुंचेगी। इसके लिए महिलाओं को तीन-चार अंकों वाला एक नया नंबर मिलेगा। उनके पास एक सुरक्षा यंत्र भी रहेगा। इसे दबाते ही निकटवर्ती पांच स्थानों की पुलिस वैन को सूचना मिल जाएगी। 
केंद्र सरकार द्वारा निर्भया परियोजना के तहत महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए यह योजना बनाई गई है। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए) ने भी 322 करोड़ रुपये की इस योजना को मंजूरी दे दी है।

महिलाओं का सुरक्षा घेरा मजबूत करने के लिए कई प्रावधान किए गए हैं। पुलिस तक अविलंब सूचना पहुंचे, इसके लिए ज्योग्राफिकल इंफोर्मेशन सिस्टम (जीआईएस) और ज्योग्राफिकल पोजीशनिंग सिस्टम (जीपीएस) पर आधारित एकीकृत कंप्यूटर समर्थिक डिस्पैच (सीएडी) प्लेटफार्म की स्थापना की जाएगी। इस सिस्टम की मदद से पीडिता की शिकायत बिना किसी देरी के पुलिस तक पहुंच जाएगी।

उपकरण की मदद लेगी पुलिस: सार्वजनिक परिवहन के अंतर्गत चलने वाली सभी गाडियों में भी यह सिस्टम लगेगा। इसका इस्तेमाल भी कई तरह से किया जा सकेगा। पहला, इलेक्ट्रॉनिक पर्सनल सेफ्टी सिस्टम (ईपीएसएस) को दबाते ही पुलिस को उस जगह का पता चल जाएगा, जहां पर घटना हुई है।

मोबाइल एप भी जल्द: यदि चलते हुए वाहन में कोई वारदात हुई तो पुलिस चंद मिनट में वहां पहुंच जाएगी। इसके लिए एक एप भी डाउनलोड किया जा सकेगा। किसी भी लैंडलाइन या मोबाइल फोन से चार संख्या वाला नंबर डायल कर घटना की सूचना देने का भी प्रावधान रखा गया है। 

शुरू हो चुका है ट्रायल: दिल्ली एवं एनसीआर के शहरों में इस योजना को लागू करने के लिए ट्रायल चल रहा है। गृह मंत्रालय के अफसरों का कहना है कि इस साल   के अंत तक सभी 114 शहरों में इस सुरक्षा योजना को लागू कर दिया जाएगा।

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महिला की कॉल पुलिस तक पहुंची या नहीं, घटना स्थल पर पुलिस कितनी देर बाद पहुंची, अब इन प्रायोगिक समस्याओं को काफी हद तक दूर किया जा सकेगा। महिलाओं का मजबूत सुरक्षा घेरा इसी दिशा में एक कदम है। इसका इस्तेमाल करने के लिए पढ़ा-लिखा होना जरूरी नहीं है। बस, आपात स्थिति में उन्हें एक स्विच दबाना होगा या कॉल करनी है। इस कदम से अपराध के रोकथाम में मदद मिलेगी।

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