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ओखला बर्ड सेंचुरी को विलुप्त पक्षियों ने आशियाना बनाया

मौसम बदलने के साथ ही राजधानी में इन दिनों विदेश से आने वाले पक्षियों ने अपना आशियाना बनाना शुरू कर दिया है। इन पक्षियों में खास तौर पर ऐसे पक्षी ज्यादा है जिन्हें पिछले कई सालों से दिल्ली की बर्ड...

ओखला बर्ड सेंचुरी को विलुप्त पक्षियों ने आशियाना बनाया
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 01 Sep 2014 10:43 AM
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मौसम बदलने के साथ ही राजधानी में इन दिनों विदेश से आने वाले पक्षियों ने अपना आशियाना बनाना शुरू कर दिया है। इन पक्षियों में खास तौर पर ऐसे पक्षी ज्यादा है जिन्हें पिछले कई सालों से दिल्ली की बर्ड सेंचुरी से गुम हो चुके थे।

पर्यावरणविदों का कहना है कि ओरियंटल डारटर और पनवा या पनडुब्बी की दिल्ली में कई साल बाद वापसी हुई है। पर्यावरणविदों का कहना है कि भारत में इस प्रजाति के पक्षी विलुप्त होने के कगार पर हैं। 

पर्यावरणविद् टी.के रॉय ने बताया कि आज से पहले इतनी बड़ी संख्या में इन पक्षियों को दिल्ली में कभी नहीं देखा गया। उन्होंने बताया कि दिल्ली समेत देश में इस प्रजाति के पक्षियों की संख्या में लगातार गिरावट देखी जा रही है। पनवा को उन 173 पक्षियों में शामिल हैं जिन्हें भारत सरकार द्वारा विलुप्ति के कगार पर घोषित किया गया है। पनवा की कुछ ही प्रजाति भारत समेत दक्षिणी एशिया में बची हैं।

ऐसे में इन प्रजातियों को संरक्षित करने के लिए हमें अपने स्तर पर भी ऐसे कार्य करने चाहिए ताकि पक्षी यहां आ सकें। इसके लिए संबंधित विभाग को भी बेहतर तरीके से काम करने की जरूर है।

मसलन, यमुना बैराज से अधिक मात्रा में पानी छोड़े जाने से ओखला पक्षी अभ्यारण में बत्तख की संख्या पर असर पड़ा है। हालांकि पिछले कुछ समय में संबंधित विभाग द्वारा पक्षियों को संरक्षित करने के लिए विशेष तौर पर काम किए गए हैं। यही वजह है कि वर्ष 2014 में एशियन वाटरबर्ड सेंसस में ओखला बर्ड सेंचुरी में पक्षियों की संख्या वर्ष 2013 के 5,545 की तुलना में बढ़कर 7,659 हो गई है।

विलुप्त प्रजातियों के लिए इंतजाम नहीं हुए: लेकिन विलुप्त होती प्रजातियों को बचाने के लिए उचित इंतजाम न किए जाने की वजह से इस दौरान विलुप्त होने वाले प्रजातियों की संख्या 63 से घटकर 58 रह गई है। वहीं इस दौरान दिल्ली की बर्ड सेंचुरी में विदेश से आने वाले पक्षियों की संख्या में भी कमी आई है। 2013  के 38 की तुलना में इस साल महज 28 प्रजातियों के पक्षी ही दिल्ली आए।

बड़ी बर्ड सेंचुरी में पक्षियों की संख्या हो रही कम: हालांकि दिल्ली में गड़ीमांडु, असोला भाट्टी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी और सुल्तानपुर नेशनल पार्क व नजफगढ़ जैसे बड़े पक्षी अभ्यारण हैं। लेकिन मानवीय हस्तक्षेप और पक्षियों को उचित माहौल न मिल पाने की वजह से यहां अब रहने वाले पक्षियों की संख्या काफी कम हो गई है। टीके राय का कहना है कि ओखला सेंचुरी के आसपास काफी निर्माण कार्य हो रहा था लेकिन इन पक्षियों ने अपना घरौंदा टापू में बने एक पेड़ पर बनाया है।

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