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Hindi Newsविधायक राजीव रंजन छह साल के लिए जदयू से निलंबित

विधायक राजीव रंजन छह साल के लिए जदयू से निलंबित

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने शुक्रवार को इस्लामपुर के विधायक राजीव रंजन को छह वर्षो के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया। राजीव रंजन पर पार्टी नेतृत्व के खिलाफ लगातार बयानबाजी करने का आरोप है।...

विधायक राजीव रंजन छह साल के लिए जदयू से निलंबित
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 22 Aug 2014 07:42 PM
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जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने शुक्रवार को इस्लामपुर के विधायक राजीव रंजन को छह वर्षो के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया। राजीव रंजन पर पार्टी नेतृत्व के खिलाफ लगातार बयानबाजी करने का आरोप है। पार्टी के इस फैसले पर उन्होंने कहा कि शरद यादव ने लालू प्रसाद के कहने पर उनके खिलाफ यह कार्रवाई की है।

उनका आरोप है कि नीतीश कुमार भी स्पष्टवादिता के कारण नाराज चल रहे थे। दावा किया कि लालू प्रसाद ने शरद यादव को कहा था कि अगर उनका निलंबन नहीं होता है, तो महागठबंधन पर खतरा है। महागठबंधन के खिलाफ वह लगातार बोलते रहेंगे।

राजीव रंजन पिछले कुछ दिनों से पार्टी के फैसले के खिलाफ बयान दे रहे थे। जदयू-राजद-कांग्रेस महागठबंधन की आड़ में उन्होंने नीतीश कुमार पर भी निशाना साधा था। कहा था कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी के अन्य लोगों से परामर्श किए बिना भाजपा से गठबंधन खत्म कर लिया। यही नहीं राजद से भी बिना विचार-विमर्श गठबंधन कर लिया गया। कार्यकर्ता इस गठबंधन के खिलाफ हैं।

गुरुवार को तो उन्होंने यहां तक कहा था कि विधानसभा भंग कर सरकार को राजद के साथ गठबंधन करना चाहिए था। वैसे चर्चा यह भी रही है कि इस बार मंत्रिमंडल विस्तार में मंत्री नहीं बनाए जाने के कारण राजीव रंजन नाराज चल रहे थे। उसी के बाद से उन्होंने विक्षुब्ध तेवर अपना लिया था।

जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने इस संबंध में कहा कि राजीव रंजन लगातार पार्टी विरोधी गतिविधियों में लगे थे। उन्हें अपनी बात पार्टी फोरम पर रखनी चाहिए थी, पर वह सार्वजनिक रूप से बोल रहे थे। दूसरे लोगों के लिए भी राजीव रंजन का निलंबन एक चेतावनी है।

जदयू प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने निलंबन की पुष्टि की। कहा कि किसी भी दल के लिए यह जरूरी है कि उसके लोग अनुशासन में रहें। जिस दल के चुनाव चिन्ह पर लोग जीतकर आते हैं, उसी दल की पॉलिसी के खिलाफ सार्वजनिक वक्तव्य दें यह उचित नहीं। निलंबन का फैसला सही है।

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