दिल्ली में कच्ची कालोनियों के नियमितीकरण का रास्ता हुआ साफ
केजरीवाल सरकार ने वोटबैंक की राजनीति के नफा नुकसान के मुताबिक अनधिकृत कालोनियों को नियमित करने का रास्ता साफ कर दिया है। हालांकि फौरी तौर पर सरकार ने कालोनियों का सीमांकन करने के साथ ही इनमें मौजूद...
केजरीवाल सरकार ने वोटबैंक की राजनीति के नफा नुकसान के मुताबिक अनधिकृत कालोनियों को नियमित करने का रास्ता साफ कर दिया है। हालांकि फौरी तौर पर सरकार ने कालोनियों का सीमांकन करने के साथ ही इनमें मौजूद संपत्तियों की रजिस्ट्री शुरू करने का ऐलान कर दिया है। लेकिन इस फैसले की व्यवहारिक हकीकत नगर निगमों के रहम पर छोड़ दी गई है।
शहरी विकास मंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को कच्ची कालोनियों के भविष्य से जुड़ा यह फैसला नए कलेवर में घोषित किया। उन्होंने कहा कि कालोनियों के नियमितीकरण की प्रक्रिया शुरू करते हुए सरकार ने कालोनियों का सीमांकन प्रारंभ कर दिया है। यह काम लगभग 15 दिनों में पूरा हो जाएगा। सिसोदिया ने स्पष्ट किया कि सरकार सभी कालोनियों की सीमांकन प्रक्रिया पूरी होने का इंतजार नहीं करेगी। बल्कि जैसे जैसे कालोनियों का सीमांकन पूरा होता जाएगा उनमें संपत्ति की रजिस्ट्री शुरू कर दी जाएगी। साथ ही उक्त कालोनी को सरकार नियमित भी घोषित कर देगी।
स्पष्ट है कि सरकार ने कच्ची कालोनियों के नियमितीकरण की प्रक्रिया अधर में लटके होने के लिए निगम को दोषी ठहराते हुए रजिस्ट्री शुरू करने के लिए गेंद एक बार फिर निगम के पाले में डाल दी है। सिसोदिया ने नियमों के हवाले से कहा कि कालोनियों के नियमितीकरण की महज तीन चरण वाली प्रक्रिया को कांग्रेस शासित पूर्ववर्ती दिल्ली सरकार और भाजपा शासित नगर निगम ने डेढ़ दशक से नियमों की जटिलता में फंसा रखा है। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में दिल्ली सरकार को कालोनियों का सीमांकन करना होता है। इसके आधार पर नगर निगम को कालोनी का लेआउट प्लान बनाना होता है जिसके आधार पर सरकार कालोनी और संबद्ध संपत्ति का भूउपयोग में बदलाव कर देती है।
इसके बाद ही संपत्ति की रजिस्ट्री और खरीद फरोख्त की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। ज्ञात हो कि पिछले दो साल में नगर निगम फंड के अभाव का हवाला देकर लेआउट प्लान नहीं बना पाए हैं। इससे नक्शे पास न हो पाने के कारण संपत्तियों की रजिस्ट्री शुरू नहीं हो पा रही है।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि सरकार निगम की लेटलतीफी के कारण कालोनियों की नियमितीकरण प्रक्रिया रोक कर नहीं रखेगी। सरकार कालोनी का सीमांकन कर रजिस्ट्री की प्रक्रिया शुरू कर देगी। निगम को अपना काम समय से पूरा करना चाहिए।