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केदारनाथ में दौड़ेगी बैटरी वाली कार

केदारनाथ धाम में श्रद्धालु अब बैटरी चालित कार से भी दर्शन कर सकेंगे। इसके लिए वहां तीन किमी सड़क बनाई जाएगी। सरकार ने केदारपुरी में सभी हक-हकूकधारियों को बसाने का निर्णय लिया है, जिनकी तादाद लगभग 670...

केदारनाथ में दौड़ेगी बैटरी वाली कार
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 20 Oct 2014 11:30 PM
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केदारनाथ धाम में श्रद्धालु अब बैटरी चालित कार से भी दर्शन कर सकेंगे। इसके लिए वहां तीन किमी सड़क बनाई जाएगी। सरकार ने केदारपुरी में सभी हक-हकूकधारियों को बसाने का निर्णय लिया है, जिनकी तादाद लगभग 670 है। सोमवार को केदारनाथ धाम में मुख्यमंत्री हरीश रावत की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट में यह निर्णय लिया गया। पूर्वाह्न 11:30 बजे शुरू हुई बैठक लगभग डेढ़ घंटे तक चली, जिसमें केदारनाथ पुनर्निर्माण के प्रस्तावित खाका पर मुहर लगाई गई।

मंदिर की सुरक्षा के लिए पीछे तीन स्तरीय सुरक्षा दीवारें बनेंगी। अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों की मदद से ये दीवारें बनाई जाएंगी। सीएम रावत ने कहा कि मंदिर के 50 मीटर के दायरे में निर्माण कार्य नहीं होगा। केदारपुरी को नए सिरे से विकसित किया जाएगा। इस काम में केदारनाथ के पंडा और पुरोहितों की भी राय ली गई है। मंदिर से संबंधित काम जीएसआई से सलाह लेने के बाद मंदिर समिति कराएगी।

केदारनाथ धाम तक पहुंचने के लिए एक वैकल्पिक मार्ग भी बनाया जा रहा है, वन विभाग को यह जिम्मा दिया है। कैबिनेट में मंत्री सुरेंद्र राकेश को छोड़ शेष सभी मंत्री बैठक में मौजूद थे। बाद में सीएम ने भाजपा छोड़ अन्य दलों के प्रतिनिधियों से सुझाव लिए।

केदारनाथ कैबिनेट के फैसले
-रामबाड़ा की तर्ज पर केदारनाथ में भी बनेगा स्मृति स्थल
-सरस्वती नदी के किनारे बनेंगे घाट
-निर्माण कार्य स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप होंगे
-सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक वैकल्पिक मार्ग बनेगा
-लिंचौली से केदारनाथ तक दो रोपवे पर विचार
-पैदल मार्ग पर जगह-जगह बनेंगे सराय
-निर्माण कार्यो में अंतर्राष्ट्रीय तकनीकी विशेषज्ञों का लेंगे परामर्श
-तीन साल में पुनर्निर्माण के कार्य पूरा करने का टारगेट

जागेश्वर और मदमहेश्वर चारधाम यात्रा का हिस्सा
सरकार मदमहेश्वर और जागनाथ (जागेश्वर) को चारधाम यात्रा का हिस्सा बनाने जा रही है। इसके लिए सीएम रावत ने पर्यटन विभाग को निर्देश दिए हैं। मंदिर समिति के पदाधिकारियों से चर्चा कर इसकी रूपरेखा तैयार की जाएगी। उनका कहना है ये दोनों धार्मिक स्थल भी यात्रा का हिस्सा बनने से पहाड़ में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।

बदरीनाथ, उत्तरकाशी व देवप्रयाग में भी कैबिनेट
गंगा सफाई अभियान को लेकर सरकार ने मिनी प्लान बनाएगी। इसका खाका नवंबर के पहले पखवाड़े प्रस्तावित कैबिनेट में तैयार होगा। यह कैबिनेट बदरीनाथ, उत्तरकाशी और देवप्रयाग में से किसी एक स्थान पर होगी। सीएम ने बताया कि राज्य सरकार गंगा स्वच्छता अभियान के लिए केंद्र को लगभग 10,000 करोड़ का प्रस्ताव भेज चुकी है।

गोदियाल और शैलारानी भी बैठक में
कैबिनेट में बदरी-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष गणेश गोदियाल व क्षेत्रीय विधायक शैला रानी रावत ने हिस्सा लिया। सीएम ने विशेषाधिकार का प्रयोग करते हुए यह अनुमति दी। उनका कहना है कि चूंकि कैबिनेट ही केदारनाथ को लेकर हुई थी लिहाजा, दोनों प्रतिनिधियों को इसमें शामिल किया गया।

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