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दीपावली पर जगमग हो गए रामदेव और रावत के रिश्ते

दीपावली से ठीक एक दिन पहले बाबा रामदेव और मुख्यमंत्री हरीश रावत के रिश्ते जगमग हो गए। बाबा केदारनाथ के दर्शन करने के बाद योगगुरु बाबा रामदेव ने मुख्यमंत्री हरीश रावत की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा...

दीपावली पर जगमग हो गए रामदेव और रावत के रिश्ते
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 22 Oct 2014 11:54 PM
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दीपावली से ठीक एक दिन पहले बाबा रामदेव और मुख्यमंत्री हरीश रावत के रिश्ते जगमग हो गए। बाबा केदारनाथ के दर्शन करने के बाद योगगुरु बाबा रामदेव ने मुख्यमंत्री हरीश रावत की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि हरीश रावत में कुछ तो विशेषता जरूर है, तभी वह उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हैं।

मुख्यमंत्री ने खुद पहल करते हुए योगगुरु को केदारनाथ की यात्रा का न्योता दिया, दूसरी ओर बाबा रामदेव ने केदारनाथ के कार्यों पर प्रदेश सरकार को क्लीन चिट दे दी है। बाबा ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि वह साधु हैं और साधु की प्रवृत्ति क्षमा करने की ही होती है। दीपावली के अवसर पर उत्तराखंड कांग्रेस सरकार ने एक अच्छा प्रयास करते हुए एक कदम उनकी ओर बढ़ाया तो उन्होंने कई किलोमीटर का फासला तय कर लिया। मुक्तकंठ से केदारनाथ में कराए गए कामों की प्रशंसा के साथ ही राज्य सरकार की सराहना की। सुझाव दिया किराज्य और केंद्र सरकार आपस में तालमेल बनाकर काम करें तो राज्य का विकास तेजी के साथ होगा।

स्वामी रामदेव ने कहा कि उनका राजनीति से कोई संबंध नहीं है। न ही वह राजनीति में उतरे हैं। संबंध बनाने से बनते हैं। बाबा रामदेव का कहना है कि नरेंद्र मोदी बीजेपी के नहीं बल्कि देश की जनता के प्रधानमंत्री हैं, उसी प्रकार हरीश रावत कांग्रेस के नहीं प्रदेश की जनता के मुख्यमंत्री हैं। हमें मिलकर देवभूमि उत्तराखंड का विकास करना है।

केंद्र और राज्य सरकार मिलकर करें तो उत्तराखंड को विश्वप्रसिद्ध स्थल बनाया जा सकता है। कहा कि इस मुद्दे को लेकर वह मोदी और हरीश रावत के लगातार संपर्क में रहेंगे। कहा कि आपदा के बाद पुनर्निमाण के कार्यों में वह लगातार सहयोग करते आए हैं और आगे भी करते रहेंगे। अब तक की उत्तराखंड कांग्रेस सरकार से बाबा रामदेव का 36 का आंकड़ा माना जाता रहा है।

पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के कार्यकाल में तो बाबा रामदेव के प्रतिष्ठानों पर एक ही दिन में 80 से ज्यादा मुकदमे दर्ज कर दिए थे। अब राज्य सरकार से उनके रिश्ते मधुर होते नजर आ रहे हैं। इससे पहले मुख्यमंत्री हरीश रावत के आग्रह पर योगगुरु बाबा रामदेव, आचार्य बालकृष्ण और सीएम के सलाहकार रणजीत सिंह रावत के साथ बुधवार सुबह केदारनाथ पहुंचे। यहां पहुंचते ही बाबा ने मंदिर में विशेष पूजा की।

..तो मेरी तरह फकीर होते मोदी
बाबा रामदेव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हिमालय का सबसे बडम प्रशंसक बताया। उन्होंने कहा कि हिमालय से लगाव के चलते ही मोदी उत्तराखंड के विकास को प्रतिबद्ध हैं। इतना तय है कि यदि नरेंद्र मोदी राजनीति में आकर प्रधानमंत्री न बनते तो मेरी तरह फकीर होते।

सोनिया-राहुल का सवाल टाल गए
योगगुरु रामदेव ने उत्तराखंड की कांग्रेस सरकार को क्षमा कर दिया। कांग्रेस शासित राज्यों से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि अगर संबंधित राज्यों की सरकारें योगपीठ से किसी तरह का सहयोग मांगेंगी तो वह देने को तैयार हैं। लेकिन लगता है अभी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल को लेकर उनकी राय नहीं बदली है। सोनिया व राहुल को लेकर उनकी राय संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी यह प्रश्न नहीं है।

अब होगी असली लक्ष्मी पूजा
बाबा रामदेव का कहना है कि अब तक दीपावली पर लोग सिर्फ फोटो में लक्ष्मीजी की पूजा करते थे। लेकिन जब लक्ष्मी जी स्विस बैंकों से हमारे देश में आएंगी तो दीपावली पर लोग फोटो नहीं बल्कि असली रूप में लक्ष्मी की पूजा करेंगे।

भाजपा के लिए झटके से कम नहीं रावत-रामदेव मिलन
मुख्यमंत्री हरीश रावत और बाबा रामदेव का एक दूसरे के नजदीक आना उत्तराखंड भाजपा के लिए राजनीतिक झटके से कम नहीं है। भाजपा बाबा रामदेव को स्वाभाविक सहयोगी मानकर चलती रही है और कांग्रेस को बाबा का सियासी दुश्मन। ताजा घटनाक्रम के बाद राज्य सरकार के साथ बाबा की सियासी दुश्मनी फिलहाल खत्म हो गई है। भलेही बाबा कांग्रेस का समर्थन नहीं करें, लेकिन मुख्यमंत्री के साथ उनकी बढम्ती नजदीकी से परंपरागत राजनीतिक मनोविज्ञान बदल जाएगा।

राजनीति के चतुर खिलाड़ी हरीश रावत ने बाबा रामदेव को मना लिया। दोनों के बीच रिश्तों की कड़वाहट बदलने में आचार्य बालकृष्ण की भूमिका अहम रही। सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री हरीश रावत के साथ पहले आचार्य बालकृष्ण की मुलाकात हुई। दिवाली के बहाने देहरादून में हुई इस मुलाकात से नया रास्ता तैयार हुआ। नई तस्वीर 2017 के चुनाव पर भी असर डालेगी।

निर्भय होकर उत्तराखंड चले आइये: बाबा रामदेव
बुधवार को केदारनाथ से लौटकर बाबा रामदेव ने केदारनाथ के हालात को सामान्य बताया। उन्होंने देश की जनता से अपील करते हुए कहा कि उत्तराखंड में हालात अब पूरी तरह से सामान्य हैं। लोग अपने मन में बैठे डर को भुलाकर निर्भय होकर उत्तराखंड चले आएं।

बीते डेढ़ वर्ष में काफी परिवर्तन हुआ है। 14 किमी. का पैदल रास्ता भले 22 किमी का हो गया है, लेकिन जनता बाबा केदार के दर्शन का लाभ ले रही है। राज्य सरकार के साथ केंद्र सरकार भी केदारनाथ सहित उत्तराखंड के चारों धामों के विकास को लेकर प्रतिबद्ध है।

दीपावली पर प्रदूषण न फैलाएं
बाबा रामदेव ने सभी देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि दीपावली प्रकाश का पर्व है, सब मिल जुलकर त्योहार मनाएं, लेकिन किसी भी रूप में प्रदूषण फैलाने से बचें।

सीएम के आग्रह पर बाबा रामदेव भी पहुंचे केदारनाथ
योगगुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने बुधवार को केदारनाथ के दर्शन किए। इस दौरान उन्होंने विशेष पूजा की और इसके बाद बदरी केदार मंदिर समिति और स्थानीय तीर्थपुरोहितों से बातचीत की। इसके बाद उन्होंने हवन यज्ञ किया और भोलेनाथ से सुख शांति की कामना की।

उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि केदारनाथ में प्रदेश के मुख्यमंत्री के नेतृत्व में बेहतर कार्य हुए हैं। उन्होंने आशा जतायी कि अभी काफी काम होने हैं, किंतु आपदा के बाद काफी काम हुए हैं। उन्होंने कहा कि मुझे प्रदेश के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने न्योता दिया था कि वे दीपावली पर केदारनाथ के दर्शन करें और यहां से सम्बन्धित सुझाव और समस्याएं भी उन तक पहुंचाएं।

बदरी केदार मंदिर समिति ने बाबा रामदेव को मंदिर में चंदन, केशर और भोग व्यवस्था के लिए 50 लाख रुपये की मांग की। समिति ने बाबा को लिखित पत्र दिया। मौसम को देखते हुए बाबा ने दोपहर बाद गुप्तकाशी के लिए प्रस्थान किया।

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