महमूद बांग्लादेश से नौ साल पहले आया था जमशेदपुर
मूलत: बांग्लादेश के बागुदा जिला निवासी शीष महमूद अपनी पत्नी नाजिरा बीवी और एक बेटी के साथ नौ साल पहले जमशेदपुर आया था। जमशेदपुर आने से कुछ दिनों पहले तक वह मुर्शिदाबाद और कोलकाता में भी रहा। दूसरी...
मूलत: बांग्लादेश के बागुदा जिला निवासी शीष महमूद अपनी पत्नी नाजिरा बीवी और एक बेटी के साथ नौ साल पहले जमशेदपुर आया था। जमशेदपुर आने से कुछ दिनों पहले तक वह मुर्शिदाबाद और कोलकाता में भी रहा।
दूसरी पत्नी है नाजिरा
महमूद की पहली शादी बांग्लादेश के बागुदा जिले के उत्तरशाहपाड़ा निवासी बुलबुली से हुई थी। उससे एक बेटा और एक बेटी है। बुलबुली से तलाक के बाद उसने दूसरी शादी उसी इलाके में रहने वाली नाजिरा से की और उसे लेकर चोरी-छिपे भारत चला आया। कुछ दिनों तक पश्चिम बंगाल में रहने के बाद नौ साल पहले वह जमशेदपुर आ गया।
मानगो में कई जगहों पर रहा
जमशेदपुर आने के बाद शीष महमूद ने मानगो के आजादनगर, जवाहरनगर और आजादबस्ती में कई जगहों पर पनाह ली। आजादबस्ती के रोड नंबर बारह ए में रहने से पहले वह मानगो के ही आजाबस्ती स्थित रोड नंबर दो, रोड नंबर छह, रोड नंबर दस और रोड नंबर आठ में भी रहा।
रोड नंबर आठ में ही बनाया पासपोर्ट
जाकिरनगर के ईस्ट ओल्डपुरुलिया रोड नंबर आठ में जब महमूद किराये पर रहता था तभी उसने अपने सभी पहचानपत्र बनवाये। उसने मुर्शिदाबाद में 2 नवंबर 2009 में बने गैस कनेक्शन कार्ड को स्थानांतरित कराकर 15 फरवरी 2011 में आजादनगर के रोड नंबर आठ का पता दर्ज कराया। इसी पते पर उसने अपना पहचान पत्र और आधारकार्ड भी बनवाया। रोड नंबर आठ के ही पते पर उसने अपना पासपोर्ट भी बनवाया।
पहले राज मिस्त्री फिर ठेकेदार
शीष महमूद को पहले राजमिस्त्री के रूप में लोग जानते थे। रोड नंबर आठ से लेकर रोड नंबर बारह ए तक के लोगों को यह नहीं मालूम था कि महमूद मूलत: बांग्लादेश का निवासी है।