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चोरों का फैमिली गैंग दे रहा वारदातों को अंजाम

दक्षिणी दिल्ली की पॉश कॉलोनियों में इन दिनों फैमिली गैंग का आतंक है। पुलिस के अनुसार पॉश कॉलोनी में हुई चोरी के पीछे एक ही परिवार के सदस्यों के शामिल होने की बात सामने आ रही है। इस तरह के परिवार में...

चोरों का फैमिली गैंग दे रहा वारदातों को अंजाम
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 28 Aug 2014 11:06 AM
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दक्षिणी दिल्ली की पॉश कॉलोनियों में इन दिनों फैमिली गैंग का आतंक है। पुलिस के अनुसार पॉश कॉलोनी में हुई चोरी के पीछे एक ही परिवार के सदस्यों के शामिल होने की बात सामने आ रही है।

इस तरह के परिवार में सदस्यों की संख्या चार के आसपास रहती है और इनमें आपस में काम बंटा हुआ रहता है। मसलन, परिवार के छोटे सदस्यों का काम किसी इलाके या घर की रेकी करना होता है, जबकि गैंग की महिला सदस्य की जिम्मेदारी सोसाइटी में नौकरानी का काम करते हुए घर के अंदर रखे आभूषण व अन्य बारीक जानकारी जैसे तिजोरी की चाबी कहां रखी जाती है जुटाना होता है। वहीं, पुरुष सोसाइटी में गार्ड के तौर पर काम करते हुए सोसाइटी से आने जाने वाले लोगों पर नजर रखता है।

यह सिलसिला करीब महीने भर तक चलता है और इसके बाद सभी सदस्य एक साथ मिलकर किसी घर में चोरी करने की योजना तैयार करते हैं। चुकिं परिवार के सदस्य सासाइटी में रहते हुए ऐसी वारदात को अंजाम देते हैं। लिहाजा ऐसे में इनपर किसी को शक नहीं होता। पुलिस अधिकारियों की मानें तो चोरी करने से पहले घर की रेकी कराने के लिए 14 साल से कम उम्र के बच्चों का इस्तेमाल किया जाता है जिनपर समान्य तौर पर किसी को शक नहीं होता। 

हौजखास पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में चोरी की कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमें एक ही परिवार के कई सदस्य शामिल हैं। उन्होंने बताया कि एक महिला से पूछताछ के दौरान पता चला कि परिवार एक गैंग के रूप में काम करता है और इसमें सभी सदस्य का काम बंटा होता है।

महिला ने बताया कि गैंग में काम करने वाले बच्चों का काम किसी घर पर लगातार तीन से चार दिन तक नजर रखना होता है। इस बीच वो घर में कोई है या नहीं यह जांचने के लिए डोर बेल या दरवाजे को खटखटाते हैं। इस दौरान अगर घर से कोई बाहर नहीं निकला तो बच्चा इसकी सूचना अपने परिवार के अन्य सदस्यों को देता है। जिसके बाद वो उस घर में चोरी की वारदात तो अंजाम देते हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस को मालवीय नगर, हौज खास, ग्रेटर कैलाश और साकेत के कुछ इलाकों में इस तरह की वारदातें होना का भी पता चला है। इस संबंध में  छानबीन की जा रही है।

ग्रेटर कैलाश कॉलोनी की सुरक्षा केमेटी अध्यक्ष जैयतेंद्र नाथ माथुर ने बताया कि पिछले दो महीने में कॉलोनी में इस तरह की छोटी-बड़ी कुल आठ चोरियां हुई हैं। खास बात यह है कि इनमें से ज्यादातर वारदातें एक ही परिवार के लोगों द्वारा अंजाम दिया गया है। उन्होंने बताया कि एक मामले में तो कॉलोनी में काम करने वाली नौकरानी और उसके तीन बच्चों के भी शामिल होने का पता चला है।

वारदात करने के लिए दिल्ली के बाहर से भी आ रहा गैंग
पुलिस अधिकारियों के अनुसार दक्षिणी दिल्ली के पॉश कॉलोनी में  हो रही चोरी के वारदातों के पीछे दिल्ली के बाहर से आने वाला गिरोह भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि दिल्ली के आसपास के राज्य से आए कई परिवार इन दिनों ऐसी वारदातों को अंजाम देने में लगे हैं। दक्षिणी दिल्ली के कई इलाकों से इस तरह के सीसीटीवी फुटेज मिले हैं जिसमें किसी घर या दुकान की रेकी करते हुए परिवार  के सभी सदस्यों को देखा जा सकता है। पुलिस इन लोगों की तलाश में लगी है, लेकिन अभी तक फिलहाल इनके बारे में कोई सूचना नहीं मिली है।

मोबाइल से एक-दूसरे के संपर्क में रहता है गैंग
पुलिस सूत्रों के अनुसार गिरोह के सदस्यों की आर्थिक पृष्ठभूमि भले ही कमजोर हो, लेकिन वो ऐसी वारदात को अंजाम करने या किसी जगह की रेकी के दौरान मिलने वाली सूचना को गिरोह के प्रमुख सदस्यों तक पहुंचाने के लिए मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं। कुछ सीसीटीवी फुटेज में बच्चों को मोबाइल से किसी दुकान विशेष की तरफ इशारा करते हुए भी देखा गया है। फुटेज में घटना स्थल से बच्चों के हटने के कुछ मिनट के बाद ही वहां गैंग के अन्य सदस्य एकत्र होते भी देखे जा सकते हैं।

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