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मैदान-पहाड़ और पठार, हर तरफ बस गर्मी की मार

पूरा देश गर्मी और लू की चपेट में है। दक्षिण के पठार हों या उत्तर भारत के मैदानी इलाके, हर जगह लोग गर्मी से परेशान हैं। इस मौसम में लोगों को राहत देने वाले पहाड़ भी तप रहे हैं। कई हिल स्टेशनों पर...

मैदान-पहाड़ और पठार, हर तरफ बस गर्मी की मार
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 26 May 2015 10:15 AM
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पूरा देश गर्मी और लू की चपेट में है। दक्षिण के पठार हों या उत्तर भारत के मैदानी इलाके, हर जगह लोग गर्मी से परेशान हैं। इस मौसम में लोगों को राहत देने वाले पहाड़ भी तप रहे हैं। कई हिल स्टेशनों पर तापमान सामान्य से अधिक है।

उत्तर भारत इस समय गर्मी से बुरी तरह त्रस्त है। अधिकतर बड़े शहरों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक चल रहा है। राजधानी दिल्ली में सोमवार को पारा 44.5 डिग्री दर्ज किया जा रहा है। देश में सबसे अधिक गर्म इलाहाबाद रहा जहां 47.7 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। मौसम विभाग की मानें तो 30 मई तक लू और गर्मी से राहत की कोई उम्मीद नहीं है। दक्षिण पूर्वी राज्यों आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। अब तक दोनों राज्यों में लू और गर्मी से करीब 500 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके मद्देनजर दोनों राज्यों में रेड अलर्ट जारी किया है।

पहाड़ों पर भी गर्मी
गर्मी के मौसम में सैलानियों के पसंदीदा पर्यटन स्थलों में शिमला, धर्मशाला और जोशीमठ आदि में तापमान सामान्य से तीन से छह डिग्री तक अधिक दर्ज किया गया है। हालांकि पहाड़ों पर तापमान बढ़ने का मतलब यह नहीं है कि वहां भीषण गर्मी पड़ रही है। बल्कि वहां पर पारा आम तौर पर इस समय रहने वाले तापमान से कुछ ज्यादा है।

गर्मी के कारण
1. सूर्य की स्थिति : हर साल 21 मार्च के बाद से सूर्य उत्तरायण होता है और 21 जून को कर्क रेखा पर सूर्य की किरणें सीधी पड़ती हैं। इसकी वजह से उत्तरी गोलार्द्ध में इस दौरान अधिक तापमान सामान्य है।
2. अलनीनो : वर्ष 2015 अलनीनो वर्ष है। प्रशांत महासागर का पानी गर्म होने की वजह से समुद्र से जमीन की ओर बहने वाली हवाओं के लिए जिस तरह के निम्न दाब की जरूरत होती है, वो स्थिती नहीं बन पा रही है। इसके कारण जमीन पर तपन बढ़ी है। इसका प्रभाव भारत समेत एशिया पर पड़ रहा है।
3. ग्लोबल वार्मिंग : बढ़ते तापमान और भीषण गर्मी के लिए ग्लोबल वार्मिंग को भी जिम्मेदार माना जा रहा है। खासतौर पर बड़े शहरों में उच्च तापमान के लिए बड़े पैमाने पर शहरीकरण, जीवाष्म ईंधन, पेड़ों की संख्या में कमी को वजह माना जा रहा है।

कश्मीर में बारिश
कश्मीर में इस समय मौसम का मिजाज आमतौर पर रहने वाले अंदाज से जुदा है। फिलहाल यहां बारिश और बर्फबारी से अधिकतम तापमान सामान्य से तीन से 13 डिग्री सेल्सियस तक नीचे चल रहा है। मौसम विभाग इसके लिए पश्चिमी विक्षोभ को जिम्मेदार मान रहा है। खराब मौसम के कारण गुलमर्ग स्की रिजाॠर्ट में गोंडोला कुछ देर के लिए बंद हो गया। फल और अनाज उगाने वाली स्थानीय किसान मौसम के बदले रुख से परेशान हैं

श्रीनगर- 17.6 डिग्री सेल्सियस (सामान्य से सात डिग्री कम)
पहलगाम- 12.9 डिग्री सेल्सियस (सामान्य से 13 डिग्री कम)
गुलमर्ग- 8.2 डिग्री सेल्सियस (सामान्य से आठ डिग्री कम)
काजीगुंड - 16.2 डिग्री सेल्सियस (सामान्य से आठ डिग्री कम)
(ये अधिकतम तापमान है)

दार्जिलिंग में चक्रवात से नुकसान
उत्तरी बंगाल स्थित दार्जिलिंग की पहाडि़यों में शनिवार रात को आए चक्रवात के बाद से मौसम का रुख बदल गया है। चक्रवात से इलाके के सैकड़ों कच्चे मकानों को नुकसान हुआ है। सड़कों पर पेड़ और बिजली के खंभे गिरने से कई मार्ग अवरुद्ध हो गए। अधिकारियों ने बताया कि आंधी की वजह से सैकड़ों एकड़ में फैले चाय बागानों को भी नुकसान हुआ है।

पहाड़ भी अछूते नहीं
- 29.6 डिग्री सेल्सियस शिमला में (सामान्य से छह डिग्री अधिक)
- 35.0 कुल्लू , 32.8 डिग्री सेल्सियस धर्मशाला में (सामान्य से तीन-चार डिग्री अधिक)
- 26.2 डिग्री सेल्सियस जोशीमठ में दर्ज (सामान्य से तीन डिग्री अधिक)

रेगिस्तान से अधिक गर्म शहर
- 47.7 डिग्री सेल्सियस इलाहाबाद में
- 47.2 आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले में
- 47.0 महाराष्ट्र के चंद्रपुर और मध्यप्रदेश का खुजराहो

रेगिस्तान का हाल
जैसलमेर- 45.8 डिग्री सेल्सियस
श्रीगंगानगर- 45.2 डिग्री सेल्सियस
चुरू- 45 डिग्री सेल्सियस
बाड़मेर- 43.9 डिग्री सेल्सियस
जोधपुर- 42.3 डिग्री सेल्सियस

आंध्र-तेलंगाना का बुरा हाल
- 46.7 डिग्री काकीनाड़ा (आंध्रप्रदेश)
- 46.5 मछलीपत्तनम में
- 46.0 विजयवाड़ा
- 45.6 हनमकोंडा (तेलंगाना)

यहां सबसे अधिक मौतें
आंध्र प्रदेश
- 57 प्रकाशम
- 53 विशाखापत्तनम
-40 विजयनगरम
तेलंगाना
- 55 नालगोंडा
- 43 खम्मम
- 23 महबूबनगर

सरकार का निर्देश
- 12 से 3 बजे तक मजदूरों से काम न लेने की हिदायत
- जरूरी न होने पर लोगों को घर में ही रहने की सलाह

 

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