स्वचालित सिग्नल के लिए 11 करोड़
दिल्ली की ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए आम बजट में 22.87 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। इसमें मॉडल ट्रैफिक सिस्टम के लिए 11.37 करोड़ रुपये, जबकि ट्रैफिक सिग्नल के आधुनिकीकरण पर 11.50 करोड़...
दिल्ली की ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए आम बजट में 22.87 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। इसमें मॉडल ट्रैफिक सिस्टम के लिए 11.37 करोड़ रुपये, जबकि ट्रैफिक सिग्नल के आधुनिकीकरण पर 11.50 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इन्हें इंटरनेट से जोड़कर स्वचालित किया जाएगा। इंटरनेट से जुड़ने के बाद ट्रैफिक सिग्नल एक खास तरह के कैमरे द्वारा संचालित किए जाएंगे।
सड़क की चौड़ाई, ट्रैफिक जंक्शन पर अलग-अलग केरिज-वे में वाहनों की संख्या और आसपास के ट्रैफिक सिग्नल की स्थिति, यह सब जानकारी स्वचालित कैमरे में रिकॉर्ड होगी। सिग्नल का साइकिल टाइम (ग्रीन एवं रेड) कितना हो, यह मुख्य मार्ग और उससे जुड़ी दूसरी सड़कों पर ट्रैफिक की स्थिति कैसी है, इसके मुताबिक निर्धारित होगा।
सभी ट्रैफिक सिग्नल को पुलिस मुख्यालय में लगे सर्वर से जोड़ा जाएगा, इसलिए वहां से भी सिग्नल का समय बदला जा सकेगा। खासतौर से, पीकऑवर में या फिर रूट डायवर्ट होने की स्थिति में किसी एक मार्ग पर वाहनों का जमावाड़ा न हो, ऐसी हालत में कंट्रोल रूम से सिग्नल का साइकिल टाइम तय किया जाएगा। पिछले बजट में ट्रैफिक सिग्नल के आधुनिकीकरण के लिए 3.46 करोड़ रुपये मंजूर किए गए थे। गुरुवार को पेश हुए बजट में इस राशि में लगभग चार गुना इजाफा किया गया है।
ट्रैफिक जंक्शन पर लगेंगे रैड स्पीड कैमरे: दिल्ली में सभी ट्रैफिक जंक्शन पर रैड स्पीड कैमरे लगाए जाएंगे। इनकी मदद से रेड लाइट का उल्लंघन करने वाले और ओवरस्पीड में चल रहे वाहनों का पता चल सकेगा। ये कैमरे रात में भी काम करते हैं। एक इंटरसेक्शन को चारों तरफ से कवर करने के लिए चार कैमरे लगाए जाएंगे। एक कैमरा सड़क की तीन लेन के वाहनों की गतिविधि कैद कर सकता है। चूंकि ये सभी योजनाएं आईटीएस का हिस्सा हैं, इसलिए इनका का बजट पहले से ही स्वीकृत है।
कैमरा करेगा अवैध पार्किंग वालों की निगरानी: दिल्ली में अवैध पार्किंग को रोकने के लिए एक हजार कैमरे लगेंगे। जहां पर ये कैमरे लगाए जाएंगे, वहां पर जो कोई भी वाहन अवैध पार्किंग करेगा, उसकी तस्वीर कैमरे में कैद हो जाएगा। इसके बाद वाहन चालक के घर पर चालान नोटिस भेज दिया जाएगा। इससे ट्रैफिक पुलिस की मैनपावर बचेगी।
दस नए इंटरसेप्टर मिलेंगे: दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के पास फिलहाल जो दस इंटरसेप्टर है, वह केवल दिन के समय काम करते हैं। साथ ही इनकी कार्य करने की समय सीमा भी खत्म हो रही है। इस माह ट्रैफिक पुलिस को दस नाइट इंटरसेप्टर मिल जाएंगे। ये इंटरसेप्टर रात को वाहन का फोटो और स्पीड बता सकते हैं। अत्याधुनिक लेजर गन सौ मीटर दूर से ही वाहन की तस्वीर कैमरे में कैद कर देती है। जब तक वाहन चालक ट्रैफिक पुलिस के पास पहुंचता है, उसकी गाड़ी की रफ्तार व फोटो आदि विवरण का प्रिंटआउट तैयार रहता है।