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दिल्ली में 10 नए ट्रैफिक सर्कल शुरू किए गए

दिल्ली में बुधवार से 10 नए ट्रैफिक सर्कल अस्तित्व में आ गए हैं। इन सभी सर्कल में पर्याप्त स्टाफ भी नियुक्त कर दिया गया है। इससे उन ट्रैफिक पुलिस कर्मियों को बड़ी राहत मिलेगी, जो 8 से 12 घंटे तक...

दिल्ली में 10 नए ट्रैफिक सर्कल शुरू किए गए
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 28 Aug 2014 10:08 AM
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दिल्ली में बुधवार से 10 नए ट्रैफिक सर्कल अस्तित्व में आ गए हैं। इन सभी सर्कल में पर्याप्त स्टाफ भी नियुक्त कर दिया गया है। इससे उन ट्रैफिक पुलिस कर्मियों को बड़ी राहत मिलेगी, जो 8 से 12 घंटे तक लगातार डय़ूटी दे रहे थे। इसके अलावा उन इलाकों के ट्रैफिक को नियंत्रित करने में भी नए सर्कल बेहद कारगर साबित होंगे। अब ट्रैफिक पुलिस के 53 सर्कल हो गए हैं।

बता दें कि स्टाफ की कमी से जूझ रही दिल्ली ट्रैफिक पुलिस लंबे समय से नए सर्कल गठित करने की योजना पर काम कर रही थी। पिछले दिनों गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी ट्रैफिक पुलिस की संख्या छह हजार से 10 हजार करने का आश्वासन दिया था। नए ट्रैफिक सर्कल बनने के बाद अब दो शिफ्ट में ड्य़ूटी शुरू हो सकेगी।

नए सर्कल में अलीपुर, मंगोलपुरी, नांगलोई, जनकपुरी, तुगलक रोड, बाराखंबा, संगम विहार, सुखदेव नगर, साकेत और मंडावली शामिल हैं। ट्रैफिक पुलिस के ज्वाइंट सीपी अनिल शुक्ला ने बताया कि सभी नए सर्कल में ट्रैफिक कर्मियों की नियुक्ति कर दी गई है। इससे जहां एक तरफ ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी, वहीं ट्रैफिक नियम तोडम्ने वाले वाहन चालकों पर भी नकेल कसी जा सकेगी।

ट्रैफिक सर्कल की वर्तमान स्थिति
ट्रैफिक पुलिस के पास फिलहाल 43 सर्कल थे। कई सर्कल इतने बड़े थे कि उन्हें संभालने के लिए बड़ी संख्या में जवानों की जरूरत थी। दिल्ली की सड़कों पर रोजाना 60 लाख से ज्यादा वाहन गुजरते हैं। दूसरे महानगरों के मुकाबले दिल्ली में दर्ज वाहनों की संख्या (करीब 85 लाख) सबसे अधिक है। इतने जटिल ट्रैफिक सिस्टम को संभालने के लिए केवल तीन हजार ट्रैफिक पुलिसकर्मियों का स्टाफ है। 43 सर्कल में से महज पांच-छह में ही डबल शिफ्ट में ड्य़ूटी शुरू की गई है। एकल शिफ्ट के चलते ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को औसतन 12-14 घंटे ड्य़ूटी देनी पड़ती है।

दूसरे काम का भी होता है बोझ
वीवीआईपी ड्य़ूटी, पुलिस लाइन, दफ्तर एवं बतौर नायब कोर्ट तैनाती के अलावा संसद सत्र, धरना-प्रदर्शन, ट्रेड फेयर और मैच आदि आयोजनों में करीब 50 फीसदी स्टाफ लगा रहता है। बाकी बचा स्टाफ ट्रैफिक संभालता है। खास बात है कि इसमें भी 15-20 फीसदी स्टाफ अवकाश पर रहता है। वहीं डबल शिफ्ट में डय़ूटी होने से ट्रैफिक पुलिसकर्मी तनाव मुक्त रहेंगे। खासतौर पर ओवरस्पीड, ड्रंकन ड्राइविंग, लेन उल्लंघन, रेड लाइट जंप और अन्य ट्रैफिक उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्ती हो सकेगी। रात को सभी इलाकों में तैनाती होने से सड़क हादसों में भी कमी आएगी।

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