पांच साल पहले हुई 20 फीसदी कम करने की सिफारिश
दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) के तत्कालीन अध्यक्ष बरजिंदर सिंह ने वर्ष 2010-11 के लिए बिजली की दरों में 20 फीसदी कटौती करने की सिफारिश की थी। इसके लिए आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष सिंह ने तीनों...
दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) के तत्कालीन अध्यक्ष बरजिंदर सिंह ने वर्ष 2010-11 के लिए बिजली की दरों में 20 फीसदी कटौती करने की सिफारिश की थी। इसके लिए आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष सिंह ने तीनों बिजली कंपनियों- बीएसईएस यमुना पॉवर लिमिटेड, बीएसईएस राजधानी पॉवर लिमिटेड और एनडीपीएल के पास मौजूद 1200 करोड़ रुपये अतिरिक्त होने को आधार बनाया था। उन्होंने कहा था कि कंपनियों के खातों की जांच के बाद उनके पास अतिरिक्त रकम होने की जानकारी मिली जिसका फायदा दिल्ली वालों को मिलना चाहिए। हालांकि बिजली की दरों में कम करने की आयोग के इस सिफारिश को लागू नहीं किया जा सका। आरोप लगाया था कि इसे लागू करने की घोषणा से ठीक पहले मई 2010 में घोषणा से ठीक पहले तत्काली मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की सरकार ने इस रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया था। इसके बाद यह मामला हाईकोर्ट गया और आयोग के कामकाज में हस्तक्षेप करने के लिए दिल्ली सरकार की जमकर खिंचाई की गई थी। हाईकोर्ट ने सरकार को यह निर्देश दिए थे कि भविष्य में सरकार आयोग के कामकाज में हस्तक्षेप नहीं करेगी। हालांकि सरकार ने अपने बचाव में यह दलील दी थी कि जिस रिपोर्ट में बिजली की दरें कम करने की सिफारिश की गई उस पर आयोग के दो सदस्यों ने हस्ताक्षर नहीं किए थे।