90 के दशक से अब तक की डिग्री ऑनलाइन
यदि आपने डीयू के एसओएल से पढ़ाई की है और अभी तक डिग्री नहीं ली है तो अब आपको विश्वविद्यालय के चक्कर काटने की जरूरत नहीं पड़ेगी। स्कूल ऑफ ओपन लर्निग (एसओएल) की डिग्री अब ऑनलाइन हासिल की जा सकती है।...
यदि आपने डीयू के एसओएल से पढ़ाई की है और अभी तक डिग्री नहीं ली है तो अब आपको विश्वविद्यालय के चक्कर काटने की जरूरत नहीं पड़ेगी। स्कूल ऑफ ओपन लर्निग (एसओएल) की डिग्री अब ऑनलाइन हासिल की जा सकती है। खास बात यह है कि 2005 से पहले यानी 90 के दशक और अब तक की डिग्री की जानकारी भी ऑनलाइन मिलेगी।
इतना ही नहीं, छात्र शैक्षणिक रिकॉर्ड का ब्योरा भी पा सकते हैं। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि तमाम पुरानी डिग्रियों को ऑनलाइन करने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई है। ऐसे छात्र जिन्होंने 90 के दौर यानी साल 1998 आदि में पास हो गए थे और अब तक डिग्री लेने नहीं आए हैं, उन्हें सबसे अधिक फायदा होगा क्योंकि उनकी जानकारी को सहेज कर रखना बड़ा चुनौतीपूर्ण काम रहा है। वे http://sol.du.ac.in पर जाकर ऑनलाइन डिग्री हासिल कर सकते हैं। वहां ‘डिग्री सर्च’ के विकल्प पर क्लिक करना होगा। रोल नंबर, नाम और उत्तीर्ण होने वाले वर्ष की जानकारी देनी होगी। उसके बाद पूरा ब्योरा आ जाएगा। इसके अलावा हाल के वर्षों में उत्तीर्ण होने वाले भी ऑनलाइन डिग्री पा सकते हैं। बहरहाल, बता दें कि विश्वविद्यालय में एसओएल के दो दफ्तर हैं। एक नॉर्थ कैंपस में दूसरा साउथ कैंपस में स्थित है। इन दोनों जगहों पर पूर्व छात्रों की डिग्री को लेकर रोजाना लंबी कतारें लगी रहती हैं। अब इन सभी का समय बचेगा।
ऑनलाइन लें जानकारी
छात्र कोर्स, केंद्र, परीक्षा व पढ़ाई से जुड़े किसी भी सवाल का जवाब ऑनलाइन हासिल कर सकते हैं। कोर्स व विषय के मुताबिक सवाल पूछे जा सकते हैं। यदि छात्रों को राजनीति विज्ञान ऑनर्स कोर्स से जुड़ी जानकारी चाहिए तो उसे कोर्स का चुनाव करना होगा। शिकायत भी कर सकते हैं।
कक्षाएं बाधित न हों, वीडियो से करें पढ़ाई
हाल में एसओएल की पढ़ाई कराने के तरीकों पर कई सवाल खड़े हुए थे। छुट्टियों में लगने वाली पत्राचार की कक्षाओं में बैठने के लिए छात्रों को जगह नहीं मिलती। कई केंद्रों पर सैकड़ों छात्र कक्षा में आने से वंचित हो गए थे तो कुछ बाहर से लेक्चर सुन रहे थे। इसे देखते हुए विभाग ने विभिन्न विषयों के लेक्चर के वीडियो तैयार किए हैं। इन्हें छात्रों को ई-मेल किया जा रहा है। वेबसाइट पर भी इसे अपलोड किया गया है। विभाग की ओर से कहा गया है कि छात्र ग्रुप में विभिन्न सेक्शन में इस वीडियो के से विषयों को समझें ताकि उन्हें एक-दूसरे से भी मदद मिल सके।