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डीएनए रिपोर्ट से खुलेगा कार में मिले शव का सच

चंद्र मोहन शर्मा तो पकड़ा गया, लेकिन यह प्रकरण पुलिस के लिए और पेचीदा हो गया है। अब सवाल खड़ा हो गया है कि आखिर 2 मई की रात चंद्रमोहन शर्मा की कार से जो अधजली लाश मिली थी, वह किसकी थी? साथ ही पुलिस...

डीएनए रिपोर्ट से खुलेगा कार में मिले शव का सच
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 27 Aug 2014 11:47 AM
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चंद्र मोहन शर्मा तो पकड़ा गया, लेकिन यह प्रकरण पुलिस के लिए और पेचीदा हो गया है। अब सवाल खड़ा हो गया है कि आखिर 2 मई की रात चंद्रमोहन शर्मा की कार से जो अधजली लाश मिली थी, वह किसकी थी? साथ ही पुलिस की जांच अब भी सवालों के दायरे से बाहर नहीं है। चंद्रमोहन शर्मा वारदात को अंजाम देकर भाग निकला और पुलिस इसे हादसा ही बताती रही।

पुलिस पहले ही दिन से इस घटना को हादसा करार दे रही है। जबकि परिजन हत्या का आरोप लगाते रहे। पुलिस की जांच बेहद धीमी रही। मसलन, अब तक पुलिस चंद्रमोहन शर्मा की जली हुई कार की फॉरेंसिक रिपोर्ट हासिल नहीं कर सकी। पोस्टमार्टम के वक्त डॉंक्टरों ने शव का दांत सुरक्षित रख लिया था। ताकि जरूरत पड़ने पर डीएनए जांच करवाई जा सके। लेकिन पुलिस ने अब तक डीएनए जांच करवाने के लिए कुछ नहीं किया है।

भले ही चंद्रमोहन शर्मा सामने आ गया है लेकिन आखिर पुलिस किस आधार पर घटना को हादसा बता रही थी। पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ हत्या के आरोप में मुकदमा भी दर्ज किया था।

लंबे समय से साजिश रच रहा था चंद्रमोहन
29 अप्रैल, 2014 को शर्मा ने पुलिस को लिखित शिकायत दी थी। जिसमें उसने कुछ लोगों से अपनी जान को खतरा बताया था। सविता शर्मा ने बताया था कि 28 अप्रैल की दोपहर कासना का रहने वाला ब्रजेश पुत्र सुकरम पाल परी चौक पर मिला था। ब्रजेश ने चंद्रमोहन को गालियां दी थीं और जान से मारने की धमकी दी थी। ब्रजेश ने पहले भी चंद्रमोहन शर्मा पर कातिलाना हमला किया था। पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।

ऐसे खुला सारा मामला
2 मई के हादसे के कुछ दिन बाद सेक्टर अल्फा दो की एक लड़की भी अचानक गायब हो गई। पुलिस उस लड़की की तलाश में जुटी तो बात सामने आई कि चंद्रमोहन शर्मा और लडम्की की अच्छी दोस्ती थी। लड़की का मोबाइल नंबर चंद्रमोहन शर्मा के नाम पर ही पंजीकृत था। लड़की ने कुछ दिन पहले अपनी छोटी बहन से संपर्क किया। पुलिस लड़की के परिजनों और चंद्रमोहन शर्मा के परिजनों पर नजर रखे रही थी। यहीं से धीरे-धीरे कडियां जुड़ती चली गईं।

इश्क के फेर में फंस गया समाजसेवी
चंद्रमोहन और सविता ने भट्टा कांड में बड़ी भूमिका निभाई थी। किसानों के मुकदमों की पैरवी की थी। प्राधिकरणों, बिल्डरों और पुलिस के खिलाफ कई मामलों में आरटीआई डाली थीं। साथ ही कई बड़े मामलों, मसलन मुंबई की युवती से गैंग रेप प्रकरण में भी चंद्रमोहन ने सक्रिय भूमिका निभाई थी। लेकिन पड़ोसी गांव की एक लड़की से इश्क के फेर में फंसकर सबकुछ गंवा दिया।

पहले लग चुका है बलात्कार का आरोप
चंद्रमोहन शर्मा पर वर्ष 2005 में रेप करने का आरोप भी लगा था। मामला पुलिस तक भी गया था। इस मामले में एफआईआर दर्ज भी हुई। गिरफ्तारी के बाद किसी तरह लड़की के परिजनों ने फैसला कर लिया था। कासना के जिन लोगों पर हत्या का आरोप लगा था, उन्होंने एसएसपी से मिलकर चंद्रमोहन शर्मा के कई महिलाओं से नाजायज संबंध बताए थे।

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