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पांच फरवरी तक जमा होंगे डीडीए के दस्तावेज

रोहिणी आवासीय भूखंड योजना-1981 में सफल हुए आवेदकों को दो वर्ष गुजरने के बाद भी मांग पत्र नहीं मिल सके हैं। ऐसे में 11 हजार आवेदकों को भेजे गए मांग पत्र के आधार पर दस्तावेज और भूखंड संबंधी राशि जमा...

पांच फरवरी तक जमा होंगे डीडीए के दस्तावेज
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 27 Jan 2015 12:33 PM
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रोहिणी आवासीय भूखंड योजना-1981 में सफल हुए आवेदकों को दो वर्ष गुजरने के बाद भी मांग पत्र नहीं मिल सके हैं। ऐसे में 11 हजार आवेदकों को भेजे गए मांग पत्र के आधार पर दस्तावेज और भूखंड संबंधी राशि जमा करने के लिए डीडीए ने समयावधि बढ़ाई है। जिन आवेदकों को मांग पत्र मिल चुके हैं, वे दस्तावेज और भूखंड की राशि पांच फरवरी तक जमा कर सकते हैं।

डीडीए ने 2012 में रोहिणी आवासीय योजना का ड्रॉ कराया था। मगर इसमें सफल 25 हजार आवंटियों के लिए मांग पत्र भेजने की कार्रवाई करीब दो महीने पहले ही शुरू की जा सकी। अब तक सिर्फ ग्यारह हजार मांग पत्र ही भेजे जा सके हैं। सूत्रों का दावा है कि इनमें से लगभग पांच हजार मांग पत्र वापस लौट आए हैं जबकि 14 हजार आवंटियों को अब तक मांग पत्र भेजे जाने की कार्रवाई आरंभ नहीं हुई है।

डीडीए के अधिकारी के अनुसार योजना के सफल आवंटियों को मांग
पत्र के आधार पर राशि जमा करने के लिए साठ दिन का समय दिया गया था। मगर सार्वजनिक अवकाश होने और डीडीए मुख्यालय पर आवंटियों की भीड़ को देखते हुए समयसीमा में इजाफा किया जा रहा है। पहले यह समयसीमा 27 जनवरी तक पूरी होनी थी, जिसे बढ़ाकर पांच फरवरी तक कर दिया है। ताकि आवंटी मांग पत्र में दी गई राशि को ऑनलाइन जमा कर सकें और दस्तावेज के साथ उसे डीडीए में प्रस्तुत कर सकें।

2012 में हुआ था अंतिम ड्रॉ: रोहिणी आवासीय योजना-1981 में करीब 25 हजार आवंटियों के लिए 2012 में ड्रॉ कराया गया था। ड्रॉ के दो वर्ष गुजरने के बाद भी डीडीए अब तक सेक्टर-34 और 35 में समुचित व्यवस्था नहीं कर सका है। जबकि अन्य सेक्टरों में भी भूखंड के आस-पास मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने का कार्य पूरा नहीं हो सका है।

डीडीए के अधिकारियों का कहना है कि बरवाला के किसानों के विरोध के कारण योजना के सफल आवंटियों को अब तक भूखंड का कब्जा नहीं दिया जा सका था। हालांकि अब कब्जा देने के लिए मांग पत्र जारी करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

सर्वोच्च अदालत ने दिया था आदेश
सात जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि डीडीए रोहिणी आवासीय योजना के सभी आवंटियों को विकसित प्लॉट चार माह के भीतर उपलब्ध कराया जाए। 25 अप्रैल, 1981 में कुल 82 हजार लोगों के लिए आवासीय भूखंड योजना डीडीए ने निकाली थी।

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