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संसद में बोले राजनाथ, 'सेक्युलर' शब्द का दुरुपयोग बंद होना चाहिए

सरकार ने कांग्रेस पर आज कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि 42वें संशोधन के तहत संविधान की प्रस्तावना में शामिल किए गए सेक्युलर शब्द का आज की राजनीति में सर्वाधिक दुरुपयोग हो रहा है, जो बंद होना चाहिए।...

संसद में बोले राजनाथ, 'सेक्युलर' शब्द का दुरुपयोग बंद होना चाहिए
एजेंसीThu, 26 Nov 2015 06:00 PM
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सरकार ने कांग्रेस पर आज कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि 42वें संशोधन के तहत संविधान की प्रस्तावना में शामिल किए गए सेक्युलर शब्द का आज की राजनीति में सर्वाधिक दुरुपयोग हो रहा है, जो बंद होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे देश में सदभाव का माहौल बनाने में कठिनाई आ रही है।

देश में सहिष्णुता और असहिष्णुता को लेकर छिड़ी बहस के बीच गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में कहा कि आज की राजनीति में सेक्युलर (धर्मनिरपेक्ष) शब्द का सर्वाधिक दुरुपयोग हो रहा है। और यह दुरुपयोग रुकना चाहिए। उन्होंने साथ ही कहा कि संविधान की प्रस्तावना में 42वें संशोधन के जरिए जोड़े गए सेक्युलर शब्द का औपचारिक अनुवाद पंथ निरपेक्ष है, धर्म निरपेक्ष नहीं। उन्होंने कहा, धर्मनिरपेक्ष शब्द का प्रयोग बंद होना चाहिए। इसके स्थान पर पंथ निरपेक्षता का इस्तेमाल होना चाहिए।

बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की 125वीं जयंती के अवसर पर भारत के संविधान के प्रति प्रतिबद्धता विषय पर दो दिवसीय चर्चा की शुरुआत करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि 42वें संविधान संशोधन के जरिए संविधान की प्रस्तावना में सेक्युलर और सोशलिस्ट शब्द जोड़े गए। उन्होंने परोक्ष रूप से इस पर आपत्ति जतायी और कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि यदि जरूरत समझी जाती, तो इन शब्दों को डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संविधान निर्माण के समय ही शामिल कर सकते थे। लेकिन उन्होंने इसकी जरूरत नहीं समझी थी, क्योंकि ये सब चीजें पहले से ही हिंदुस्तान की चारित्रिक विशेषताओं का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि आज संविधान की प्रस्तावना में निहित सेक्युलर शब्द का सर्वाधिक दुरुपयोग हो रहा है, जिसे हर हाल में रोका जाना चाहिए।

संविधान को देश का सबसे पवित्र ग्रंथ बताते हुए राजनाथ ने कहा कि संविधान के प्रति प्रतिबद्धता में कोई कमी नहीं आनी चाहिए। उन्होंने सांसदों से दलगत राजनीति से उपर उठकर संवैधानिक नैतिकता की शपथ लेने की अपील की और कहा कि संवैधानिक नैतिकता से बंधे होने पर कोई किसी प्रकार का सवालिया निशान नहीं लगा सकता।

राजनाथ ने भगवान राम को सबसे बड़ा लोकतांत्रिक बताते हुए कहा कि समाज के हाशिये पर खड़े एक व्यक्ति के उंगली उठाने मात्र से उन्होंने अपनी पत्नी सीता से अग्नि परीक्षा मांग ली थी। गृह मंत्री ने देश में कथित असहिष्णुता के नाम पर देश छोड़ने की बात करने वालों को निशाने पर लेते हुए कहा कि संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर को समाज के निचले तबके से ताल्लुक रखने के कारण कई बार अपमान, प्रताड़ना और तिरस्कार का शिकार होना पड़ा, लेकिन उन्होंने कभी देश छोड़ने की बात नहीं कही।

राजनाथ ने इसी क्रम में कहा कि बाबा साहब ने इन सभी भावनाओं पर नियंत्रण रखते हुए देश को एकजुट रखने का काम किया। उन्होंने कभी नहीं कहा कि भारत में हमें इतना अपमानित होना पड़ा है, मैं भारत छोड़कर दुनिया के किसी दूसरे देश में चला जाउंगा। उनकी यह टिप्पणी फिल्म अभिनेता आमिर खान की उन टिप्पणियों को लेकर पैदा हुए विवाद की पृष्ठभूमि में आई हैं, जिनमें बालीवुड अभिनेता ने देश में हालिया कुछ घटनाओं पर चिंता जाहिर करते हुए अपनी पत्नी किरण राव के हवाले से कहा था कि उन्हें हिंदुस्तान छोड़कर चले जाना चाहिए।

संविधान के संघीय चरित्र को उसकी सबसे बड़ी खूबसूरती बताते हुए उन्होंने कहा कि देश में सभी समुदायों, विशेषकर अल्पसंख्यकों को अपने सामाजिक और शिक्षण संस्थाओं को स्थापित करने का अधिकार है और इसकी व्यवस्था संविधान निर्माताओं ने संविधान बनाते समय ही कर दी थी। उन्होंने कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा कि संविधान निर्माताओं ने सेक्युलरिज्म का बार बार नारा लगाने की जरूरत नहीं समझी। उन्होंने कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार की व्यवस्था भी संविधान में की गयी है।

गृह मंत्री ने कहा कि जहां तक मुस्लिमों की बात है, तो देश में 72 फिरके हैं, जो किसी भी मुस्लिम आबादी वाले अन्य देश में नहीं मिलते। ये केवल भारत में हैं।

 

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