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ऑनलाइन श्रद्धांजलि देने के लिए बनी वेबसाइट

किसी जमाने में शहंशाह अपनी मलिका की याद में इमारतें बनवाया करते थे,  लेकिन अब कंप्यूटरीकरण के इस जमाने में एक ऐसा वेब पोर्टल बनाया गया है जिसके माध्यम से लोग अपने दिवंगत प्रियजन को उनके...

ऑनलाइन श्रद्धांजलि देने के लिए बनी वेबसाइट
एजेंसीMon, 24 Nov 2014 04:24 PM
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किसी जमाने में शहंशाह अपनी मलिका की याद में इमारतें बनवाया करते थे,  लेकिन अब कंप्यूटरीकरण के इस जमाने में एक ऐसा वेब पोर्टल बनाया गया है जिसके माध्यम से लोग अपने दिवंगत प्रियजन को उनके फोटो,  जीवनी और वीडियो के माध्यम से याद कर सकते हैं और श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं।

अब तक लोग अपने मृत परिजन की याद में धार्मिक अनुष्ठान करते हैं,  उनकी कब्र पर पत्थर लगाते हैं या मकबरे समाधियों का निर्माण करते आए हैं। इस बात को कौन नहीं जानता कि शाहजहां से अपनी पत्नी मुमताज महल की मौत के बाद उनकी रूह की पुरसुकून रिहायश के लिए उनके मकबरे के तौर पर ताज महल बनवाया।

वक्त बदलने के साथ लोगों के शोक व्यक्त करने के तरीके भी बदलते रहे। अखबारों में अकसर शोक समाचार,  उठावनी, रस्म पगड़ी जैसे शीर्षक से छपे दिखाई देते हैं। इसी तरह के विज्ञापन वाले एक अखबार के टुकड़े को देखकर 2011 में दो दोस्तों को यह वेबसाइट बनाने का विचार आया,  जिसके जरिए लोग दूसरी दुनिया में जा चुके अपने प्रियजन को उनसे जुड़ी तस्वीरों या वीडियो के जरिए याद कर सकते हैं।

राजकोट के विमल पोपट और विवेक व्यास ने श्रद्धांजलि डॉट कॉम नाम से ऐसा वेब पोर्टल बनाया है,  जिसके माध्यम से लोग दिवंगत लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं। विवेक व्यास ने कहा कि अखबारों की पहुंच भले ही लाखों लोगों तक होती है,  लेकिन उसका जीवन बहुत कम होता है। आज अखबार में छपी बात कल पुरानी हो जाती है क्योंकि नये दिन के साथ ही नया अखबार पुरानी खबरों की जगह ले लेता है। हमने सोचा कि वेब आधारित पोर्टल उन लोगों को याद करने का एक माध्यम बन सकता है,  जिन्हें हम प्यार तो करते हैं,  लेकिन जो हमारे साथ नहीं हैं। जो लोग हमारी यादों में बसे हैं,  इस पोर्टल के जरिए हम उन्हें श्रद्धांजलि दे सकते हैं।

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