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Hindi Newsभारत से प्रभावित होकर अंग्रेजों ने ब्रिटेन में भी बसा दिया 'पटना'

भारत से प्रभावित होकर अंग्रेजों ने ब्रिटेन में भी बसा दिया 'पटना'

बिहार की राजधानी पटना का नाम आप सबने सुना होगा। पर आप शायद ये नहीं जानते होंगे कि दुनिया में एक और पटना है। बिहार के बच्चे उस पटना के बारे में नहीं जानते होंगे, पर, उस पटना के बच्चे ये अच्छी तरह से...

भारत से प्रभावित होकर अंग्रेजों ने ब्रिटेन में भी बसा दिया 'पटना'
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 03 Aug 2015 04:18 PM
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बिहार की राजधानी पटना का नाम आप सबने सुना होगा। पर आप शायद ये नहीं जानते होंगे कि दुनिया में एक और पटना है। बिहार के बच्चे उस पटना के बारे में नहीं जानते होंगे, पर, उस पटना के बच्चे ये अच्छी तरह से जानते हैं कि 11 हजार किलोमीटर दूर भारत में गंगा किनारे एक शहर है, जिसका नाम पटना है, जहां महात्मा गांधी सेतु नामक काफी बड़ा पुल है।

ये पटना बसा है स्कॉटलैंड के पूर्व आर्यशायर काउंसिल में। 2,000 की आबादी वाला छोटा सा गांव, जिसका 1802 से ही बिहार के पटना से नाता रहा है। आजकल सोशल मीडिया पर इस गांव के खूब चर्चे हैं।

स्कॉटलैंड के पटना की सबसे पहले जानकारी 1972 में इतिहासकार जॉन मूरे द्वारा लिखी गई किताब "जेंटली फ्लॉस द दून" में मिलती है। मूरे के मुताबिक आर्यशायर काउंसिल में दून नदी के किनारे बसे पटना का बिहार के पटना से पुराना नाता है। इस गांव को विलियम फ्यूर्लटोन ने 1802 में बसाया था।

मूरे अपनी किताब में लिखते हैं कि विलियम के चाचा बिहार के पटना से जुड़े हुए थे। वे तत्कालीन फोर्ट विलियम (अभी कोलकाता) में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी में सर्जन थे। तब पटना भी फोर्ट विलियम का हिस्सा था। विलियम का जन्म भी कोलकाता में हुआ था, पर जन्म के कुछ दिन बाद ये लोग स्कॉटलैंड में दून नदी किनारे आकर बस गए। विलियम यहां कोयले की खान में काम करते थे और उन्होंने दून नदी किनारे अपना छोटा सा घर बनाया था। बाद में कुछ मजदूर भी यहां आकर रहने लगे थे। धीरे-धीरे ये गांव बस गया, जिसका नाम विलियम ने पटना रखा।

स्कॉटलैंड के पटना में बहुत कुछ इसके ही नाम पर है। आर्यशायर के काउंसलर जॉन बेल बताते हैं कि यहां पटना प्राइमरी स्कूल है जहां के बच्चे भारतीय नृत्य कला और संगीत में काफी निपुण हैं। पटना चर्च, पटना गोल्फ क्लब, पटना यूथ ग्रुप, पटना ओल्ड ब्रिज, पटना रेलवे स्टेशन भी हैं।

यह एक छोटा-सा गांव है जहां भीड-भाड़ बिल्कुल भी नहीं है। यहां की आबादी भी ढाई तीन हजार के लगभग ही है। गांव में चर्च भी हैं जहां स्थानीय नागरिक ईश्वर को याद करने के लिए एकत्रित होते हैं। यहां के लोग भारत के पटना के बारे में जानना चाहते हैं, और यदि संभव हो तो वो यहां पर एक बार जरूर आना चाहते हैं। वहां रहने वाला हर नागरिक अपने आप को भारत में बसे पटना से कनेक्ट मानता है।

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